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Navagraha Mantra Remedy: जानिए 9 ग्रहों को शांत करने के ये 9 मंत्र, दूर होंगे सभी कुंडली को दोष और कष्ट

वैदिक ज्योतिष में मनुष्य की जिंदगी पर नवग्रहों का बहुत प्रभाव माना गया है. कुंडली में ग्रहों के तेज और कमजोर होने का ही नहीं, बुरे और अच्छे ग्रह के असर से भी जीवन सुख और दुख से भर सकता है.

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नवग्रह शांति मंत्र

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डीएनए हिंदीः नवग्रह की भूमिका किसी के जीवन में भी बहुत महत्वपूर्ण है. विभिन्न ग्रहों की स्थिति का हमारे भाग्य पर विशेष प्रभाव डालते हैं. जिस प्रकार ग्रहों के शुभ प्रभाव जीवन में अच्छे परिणाम लाते हैं, उसी प्रकार अशुभ प्रभाव आपदा का कारण बन सकते हैं. 

जन्म कुंडली में ग्रह की स्थिति के आधार पर ग्रह अच्छा या बुरा परिणाम देगा. यदि ग्रह खराब स्थिति में है तो इसके प्रभाव से जीवन नष्ट हो सकता है. इनमें शनि, मंगल, राहु, केतु - इन सभी ग्रहों में हानि पहुंचाने की शक्ति अधिक होती है. ग्रह के अशुभ प्रभाव के कारण लाख कोशिशों के बाद भी कार्यों में सफलता नहीं मिलती, आर्थिक तंगी आती है और रोग-व्याधि का प्रकोप बढ़ जाता है.

कौन-कौन से हैं ये नौ ग्रह
अगर आपकी कुंडली में ग्रह कमजोर है या खराब ग्रहों की दृष्टि है तो आपको ग्रहों के बीज मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों का उल्लेख किया गया है. ये नौ ग्रह हैं सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, राहु और केतु. प्रत्येक ग्रह का हमारे जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है. अलग-अलग ग्रह कभी अच्छा प्रभाव देते हैं तो कभी बुरा समय लाते हैं. नवग्रह शांति के लिए प्रत्येक ग्रह के लिए अलग-अलग मंत्र बताए गए हैं.

किस मंत्र से करें किस ग्रह को शांत

सूर्य

सूर्य सौरमंडल का राजा है. सूर्य के शुभ प्रभाव से नौकरी, समृद्धि और मान-सम्मान मिलता है.
सूर्य बीज मंत्र: ॐ ह्रां, ह्रीं, ह्रौं सः सूर्याय नमः
रोज सुबह स्नान करके इस मंत्र का 108 बार जाप करें.

चंद्रमा

यदि कोष्ठिर चंद्रमा कमजोर हो तो जातक को मानसिक परेशानी, माता-पिता की बीमारी, आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है.
चन्द्र बीज मंत्र: ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः
प्रतिदिन शाम को इस मंत्र का 108 बार जाप करें.

मंगल ग्रह

सौभाग्य से जातक के साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. लेकिन यदि मंगल कमजोर हो तो यह साहस, ऊर्जा और आत्मविश्वास में कमी दर्शाता है.

मंगल बीज मंत्र: ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः
हर मंगलवार सुबह स्नान करने के बाद इस मंत्र का 108 बार जाप करें.

बुध मंत्र

जीवन में प्रसिद्धि और समृद्धि पाने के लिए कोष्टी में बुध की मजबूत स्थिति बहुत महत्वपूर्ण है. बुध के शुभ प्रभाव से बुद्धि और एकाग्रता बढ़ती है.
बुध बीज मंत्र: ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः
इस मंत्र का जाप प्रतिदिन 108 बार करना चाहिए.

बृहस्पति मंत्र

यदि बृहस्पति कोष्टी में अच्छा है, तो वित्तीय सुधार और सौभाग्य होगा.
बृहस्पति का बीज मंत्र : ॐ ग्रां ग्रीं, ग्रौं सः गुरवे नमः
प्रतिदिन दोपहर को इस मंत्र का 108 बार जाप करें.

शुक्र मंत्र

यदि शुक्र कोष्टी में बली हो तो जातक आरामदायक जीवन व्यतीत करता है.

शुक्र के लिए बीज मंत्र: ॐ द्रां द्रौं द्रौं शाह शुक्र नमः
हर शुक्रवार सुबह स्नान करें और इस मंत्र का 108 बार जाप करें.

शनि मंत्र

ज्योतिष के अनुसार शनि कर्म के देवता हैं. शनि की अशुभ दृष्टि जातक का जीवन बर्बाद कर सकती है.
शनि बीज मंत्र: ऊँ प्रां प्रीं प्रौं शं शनैश्चराय नाम
हर शनिवार शाम को इस मंत्र का 108 बार जाप करें.

राहु मंत्र

छाया ग्रह राहु हमारे मन पर तनाव बढ़ाता है. कमजोर राहु के लिए टोटके के रूप में इस मंत्र का जाप करें.
राहु का बीज मंत्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः रूहवे नमः
रोज रात को सोने से पहले इस मंत्र का 108 बार जाप करें.

केतु मंत्र

राहु के समान एक अन्य छाया ग्रह केतु है. केतु के कमजोर होने पर जीवन में कई परेशानियां आती हैं. केतु के शुभ प्रभाव पाने के लिए प्रतिदिन इस मंत्र का जाप करें.

केतु बीज मंत्र: ॐ श्रां श्रौं श्रौं शाह केतुवे नमः
इस मंत्र का प्रतिदिन रात्रि में 108 बार जाप करें.

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)

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