Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Aghori Sadhna: 3 तरह की साधनाएं करते हैं अघोरी, शव साधना में बोल उठता है मुर्दा 

Aghor Panth: जिस तरह से अघोरी का अलग रूप दिखाई देता है. ठीक उसी तरह इनकी साधनाएं भी होती हैं. अघोरी 3 तरह की साधनाएं करते हैं. इनमें श्‍मशान साधना, शिव साधना और तीसरी शव साधना है. आइए आज अघोरी पंथ की तिलिस्मी दुनिया का सच की चौथी कड़ी में जानते हैं अघोरी की ये तीनों साधनाएं...

Latest News
Aghori Sadhna: 3 तरह की साधनाए��ं करते हैं अघोरी, शव साधना में बोल उठता है मुर्दा 
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

शरीर पर राख, गले में हड्डियों की माला और काला चोंगा पहनकर अक्सर श्मशान के आसपास दिखने वाले ये लोग कोई आम शख्स नहीं अघोरी होते हैं. यह तंत्र विद्या के धनी होते हैं. इनकी दुनिया बहुत ही रहस्यमयी है. अघोरी श्मशान (Aghori Real Story) में ही साधानाएं करते हैं. मुख्य रूप से इनकी 3 साधनाएं (Aghori Sadhna) होती हैं. इनकी कड़ी साधनाओं में इतना दम होता है कि मुर्दा भी बोल उठता है. तीनों साधानाएं मुर्दो से जुड़ी होती है. ये साधना के बीच मुर्दों को मास और मदिरा का भोग लगाते हैं. इनकी साधनाएं बेहद गुप्त होती हैं. उसमें कोई आम शख्स शामिल नहीं हो सकता. आइए विस्तार से जानते हैं अघोरियों के द्वारा की जाने वाली तीनों साधनाएं...


Dreams Interpretation: सोते समय दिखाई दें ये सपने तो समझ लें बदलने वाली है किस्मत, प्राप्त होगा धन और ऐश्वर्य


अघोरी तीन तरह की साधनाएं करते हैं. इनमें पहली श्मशान साधना, दूसरी शिव साधना , और तीसरी शव साधना है. यह तीनों साधनाएं ही श्मशान घाट के अंदर की जाती हैं. अपनी साधना में बैठने से पहले अघोरी शरीर पर भस्म लपेटते हैं. इसके बाद काला चोंगा धारण कर साधना शुरू करते हैं. अघोरी भगवान शिव के बड़े भक्त होते हैं. यह भगवान शिव की (Aghori devotees of Lord Shiva) ही साधना करते हैं. 

शव साधना

अघोरी तंत्र मंत्र विद्या के धनी होते हैं. यह शव साधना (Shav Sadhna) को रात के समय करते हैं. जहां शव को मांस और मदिरा का भोग लगाया जाता है. रात के अंधेरे में घंटों तक चलने वाली इस शव साधना के चरम पर पहुंचने तक मुर्दा बोल उठता है. यह इच्छाओं की पूर्ति करता है. इस साधना में अघोरियों के अलावा कोई शामिल नहीं हो सकता है. खासकर आम लोगों को इसे देखने तक की अनुमति नहीं होती. शव साधना मुख्य रूप से कामाख्या पीठ के श्मशान,  त्र्यम्‍बकेश्वर, उज्जैन से लेकर तारापीठ के श्मशान में की जाती है. यहां बड़ी संख्या में अघोरी मौजूद होते हैं.  


Mahashivratri Puja 2024: महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को जरूर चढ़ाये ये विशेष चीजें, प्रसन्न हो जाएंगे महादेव


शिव साधना

अघोरी की दूसरी साधना शिव साधना (Shiv Sadhna) होती है. इस साधना में अघोरी मुर्दे के पास बैठकर शव को मांस और मदिरा का भोग लगाते हैं. इसके बाद अघोरी शव के ऊपर एक पैर पर  भगवान शिव की शव पर खड़े हो जाते हैं. इस साधना का मूल शिव की छाती पर माता पार्वती द्वारा रखा गया पांव है. अघोरी मुर्दे पर घंटों खड़े होकर तपस्या और शिव साधना करते हैं. इस साधना में अघोरी अपनी शक्तियों को बढ़ाते हैं. 


यह भी पढ़ेंः कौन था पहला 'अघोरी', जानिए अघोरी पंथ की तिलस्मी दुनिया का सच


श्मशान साधना

शव और शिव साधना से अलग होती है श्मशान साधना (Shamshan Sadhna) . इस साधना में अघोरी किसी मृतक व्यक्ति के परिवार के लोगों को शामिल करते हैं. इस साधना में मुर्दों की जगह पर शवपीठ की पूजा की जाती है. इस साधना के लिए अघोरी हवन कुंड जलाने के साथ ही गंगा जल चढ़ाते हैं. प्रसाद के रूप में मांस और शराब की जगह पर दूध से बना मावा चढ़ाते हैं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement