Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

RSS Chief: मोहन भागवत ने 2024 से पहले दिया मंदिरों की ताकत बढ़ाने का संदेश, समझें इसके मायने

Mohan Bhagwat On Temples: वाराणसी में मोहन भागवत ने अपने दौरे में दिए भाषण से 2024 के लिए चुनावी बिगुल भी एक तरह से फूंक दिया है. उन्होंने मंदिरों को सभ्यता और एकता की कड़ी बताते हुए कहा कि इनसे युवाओं को जोड़ना जरूरी है.

article-main

Mohan Bhagwat

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS) ने वाराणसी से मंदिरों को ताकतवर बनाने की मांग की है. उन्होंने चुनावी बिगुल फूंकते हुए कहा कि राजा का काम शासन-प्रशासन चलाना होता है और आधुनिक दौर में इसका नतीजा चुनावों में नजर आता है. टेंपल कनेक्ट सम्मेलन में पहुंचे भागवत ने कहा कि नई पीढ़ी को मंदिरों की जिम्मेदारी सौंपने के लिए उन्हें ट्रेंड करना होगा. 2024 के चुनावी समीकरण को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इशारों में कहा कि मंदिरों की ताकत के लिए सबको एकजुट रखना जरूरी है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मंदिरों को सशक्त बनाने के लिए छोटे मंदिरों को भी जोड़ना होगा और उनकी भागीदारी बढ़ानी होगी. उन्होंने बदलते दौर के साथ परंपराओं में बदलाव की बात भी कही. 

2024 के लिए बीजेपी को दे गए बड़ा संदेश 
आरएसएस हमेशा से खुद को चुनावी राजनीति से दूर बताते हैं लेकिन हकीकत में बीजेपी की चुनावी सफलता में संघ की व्यापक भूमिका से किसी को भी इनकार नहीं है. अब लोकसभा चुनावों में साल भर का भी वक्त नहीं बचा है और बीजेपी के लिए अहम मुद्दा राम मंदिर को इस बार उपलब्धि के तौर पर जरूर दिखाया जाएगा. ऐसे वक्त में मोहन भागवत ने मंदिरों की धार्मिक भूमिका को बढ़ाकर सामाजिक बनाने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि मंदिरों को सबको साथ लेकर चलना होगा. 

यह भी पढ़ें: Manipur में 4 मई को 5 महिलाओं के साथ हुई थी दरिंदगी, मां ने बताई दरिंदगी की कहानी 

आरएसएस प्रमुख ने अपने संबोधन में खास तौर पर युवाओं को सांस्कृतिक तौर पर मंदिरों के साथ जोड़ने की अपील की. उन्होंने कहा कि युवाओं को राष्ट्र और संस्कृति के लिए त्याग करना चाहिए. मंदिरों के प्रबंधन का काम युवा संभाले इसके लिए उन्हें सही ट्रेनिंग मिलनी जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर भारतीय सामाजिक जीवन की धुरी रहे हैं और इन्हें ध्वस्त करने की भी कई कोशिशें समय-समय पर होती रही हैं. 

यह भी पढ़ें: हिमाचल से गुजरात तक मची तबाही, बाढ़, भूस्खलन और जलभराव से बेहाल हुआ भारत  

बदलती परंपराओं का ध्यान दिलाया 
मोहन भागवत ने कहा कि मंदिरों में स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए. जैसे हर गुरुद्वारे में जलाशय होता है और हाथ-पैर धोकर अंदर प्रवेश करते हैं ऐसी व्यवस्था हर मंदिर में नहीं होती है. मंदिरों में स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि वक्त से साथ बदलाव हमें स्वीकार करने चाहिए. पहले बलि प्रथा होती थी लेकिन आज नारियल से ही यह संपन्न मान लिया जाता है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि धर्म से ही समाज चलता है और इसलिए मंदिरों की बड़ी भूमिका है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement