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दूसरे चरण में यूपी की इन 8 सीटों के लिए होगी वोटिंग, क्या पिछला रिजल्ट दोहरा पाना BJP के लिए है चुनौती?

lok sabha Elections 2024: लोकसभा के चुनाव के दूसरा चरण में यूपी की आठ सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होगा. यह देखना दिलचस्प होगा कि दूसरे चरण में किसका पलड़ा भारी रहता है.

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Lok Sabha Elections 2024 (File Photo)

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लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के दूसरे चरण की वोटिंग (Second Phase Voting) 26 अप्रैल को होनी है. इस चरण में उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर चुनाव होने हैं. भाजपा (BJP) इस चरण की सभी सीटें जीतने के लिए पूरे दमखम के साथ प्रचार में लगी हुई है. पश्चिमी यूपी और बृज क्षेत्रों की सीटों पर जीत के बीजेपी के अलावा कांग्रेस (Congress), सपा (SP) और बसपा (BSP) भी इन सीटों पर जीत दर्ज करने चुनाव प्रचार में लगी है. बीजेपी के लिए यूपी की इन 8 सीटों पर होने वाला चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है, उसके पीछे की वजह है कि लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) में बीजेपी ने यूपी की इन 8 सीटों में 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी. 

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा संसदीय सीट पर 26 अप्रैल को चुनाव होने है. इस चरण की अमरोहा को छोड़कर बाकी सभी सीटें बीजेपी ने 2019 में जीती थी. अमरोहा सीट पर बसपा ने जीत दर्ज की थी. इस चरण की आठ सीटों में से आईएनडीआईए गठबंधन के तहत चार सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. जबकि बची चार सीटों पर सपा ने अपने उम्मीदवार को टिकट दिया है. वहीं, बीजेपी 8 में से सात सीट पर बीजेपी चुनाव लड़ रही है, जबकि बागपत सीट पर एनडीए गठबंधन में शामिल आरएलडी चुनाव लड़ रही है. 

मथुरा सीट पर हैट्रिक लगा पाएंगी हेमा मालिनी?

भाजपा सांसद हेमा मालिनी मथुरा लोकसभा सीट से हैट्रिक लगाने के लिए मैदान में हैं. कांग्रेस ने मथुरा सीट से मुकेश धनगर को टिकट दिया है जबकि बसपा ने जाट बिरादरी से आने वाले आईआरएस रहे सुरेश सिंह पर भरोसा जताया है. जाट बहुल मानी जाने वाली इस सीट पर अगर बसपा को जाट-दलित वोट मिलता है तो बीजेपी के लिए ये सीट निकालना मुश्किल है. कांग्रेस को पिछली बार यहां 20 वर्ष पहले सफलता मिली थी, जबकि बसपा को सीट पर कभी भी जीत नहीं मिली है. 

अलीगढ़ सीट पर कैसा होगा मुकाबला

भाजपा प्रत्याशी सतीश गौतम अलीगढ़ सीट पर तीसरी बार जीत दर्ज करने के लिए जुटे हुए हैं. बसपा ने अलीगढ़ सीट पर हितेंद्र कुमार को टिकट दिया है. समाजवादी पार्टी से जाट बिरादरी के बिजेंद्र सिंह मैदान में है. इस सीट पर सर्वाधिक मुस्लिम मतदाता हैं, ऐसे में मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इसके बाद भी तीनों दलों में से किसी ने मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है. 

गौतमबुद्ध नगर में वापसी कर पाएगी बीजेपी 

गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) लोकसभा सीट से दो बार सांसद रहे डॉ महेश शर्मा फिर से मैदान में हैं. यहां पर महेंद्र नागर पर समाजवादी पार्टी ने भरोसा जताया है तो बसपा ने  राजेंद्र सोलंकी को मैदान में उतारा है. जिसकी वजह से इस सीट का चुनाव बेहद रोमांचक होने वाला है. सपा ने गुर्जर-मुस्लिम-यादव समीकरण के जरिए इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए रणनीति बनाई है तो बसपा ने ठाकुर-दलित समीकरण को साधने का प्रयास किया है. जबकि बीजेपी ने डॉ महेश शर्मा पर भी फिर से दांव लगाया है, इसके पीछे का कारण यह भी है कि वह लोगों के बीच दिखाई देते हैं. 

समझिए गाजियाबाद सीट का समीकरण 

गाजियाबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी ने अतुल गर्ग को टिकट दिया है, इससे पहले इस सीट से वीके सिंह दो बार बीजेपी के सांसद रह चुके हैं.  कांग्रेस ने यहां से डॉली शर्मा को टिकट दिया है तो बसपा से नंद किशोर पुंडीर मैदान में है. वीके सिंह का टिकट कटने से ठाकुर बिरादरी में नाराजगी देखी है, माना जा रहा है कि इस सीट पर ठाकुर वोट ले पाना बीजेपी के लिए चुनौती भरा काम है. 

मेरठ सीट पर किसकी है टक्कर 

रामायण में प्रभु श्रीराम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को बीजेपी ने इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर सपा ने सुनीता वर्मा को प्रत्याशी बनाया है जबकि बसपा ने देवव्रत त्यागी पर भरोसा जताया है. सपा ने पहले यहां दलित बिरादरी के भानु प्रताप को प्रत्याशी बनाया फिर सरधना विधायक अतुल प्रधान को टिकट दिया लेकिन बाद में शहर की पूर्व महापौर सुनीता वर्मा को मैदान में उतार दिया. 

अमरोहा में बसपा करेगी वापसी?

अमरोहा लोकसभा सीट पर बीजेपी से कंवर सिंह तंवर, कांग्रेस से कुंवर दानिश अली और बसपा के मुजाहिद हुसैन के बीच टक्कर है. इस सीट को लेकर कहा जाता है कि पिछले साढ़े चार दशक से इस सीट पर दो बार एक पार्टी चुनाव जीतती है. यह आगे कायम रहता है या नहीं, इसका जवाब तो 4 जून को मिलेगा. 

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