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Chandrayaan-3 की सफलता के बाद मंदिर पहुंचें ISRO चीफ एस सोमनाथ, कही ये बातें

ISRO Chief S Somnath: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग के बाद ISRO चीफ एस सोमनाथ मंदिर पहुंचें. उन्होंने मंदिर आने का कारण बताया.

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ISRO Chief S Somnath Mandir Photo 
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डीएनए हिंदी:  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख एस सोमनाथ चंद्रयान-3 की सफलता के बाद रविवार को केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम पहुंचे. जहां उन्होंने भद्रकाली मंदिर में पूजा अर्चना की. मंदिर में वहां हाथ जोड़कर खड़े नजर आए. पूजा करने के बाद उन्होंने मंदिर में आरती भी ली. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत भी की.

मंदिर में दर्शन के बाद एस सोमनाथ ने कहा कि मैं एक अन्वेषक हूं और चंद्रमा का अन्वेषण कर रहा हूं. आंतरिक स्पेस का पता लग रहा हूं इसलिए यह विज्ञान और आध्यात्मिकता दोनों का पता लगाने के लिए मेरे जीवन की यात्रा का एक हिस्सा है. जिसकी वजह से मैं मंदिरों में दर्शन करने जाता हूं और मैंने कई धर्म ग्रंथ भी पढ़ें हैं. इसके साथ उन्होंने कहा कि यह संस्कृति का हिस्सा है, जैसे बाहरी तौर पर मैं विज्ञान की तलाश कर रहा हूं वैसे ही आंतरिक तौर पर खुद को जानने के लिए मैं मंदिरों में आता हूं.

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 क्या है इसरो का उद्देश्य?

एस सोमनाथ ने शनिवार की रात केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कहा कि हम चंद्रमा, मंगल या शुक्र पर ट्रैवल करने में अधिक सक्षम हैं लेकिन हमें इसके लिए अपना आत्मविश्वास बढ़ाना होगा. इसके अलावा इन्वेस्टमेंट भी बेहतर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे अंतरिक्ष क्षेत्र का और विस्तार होना चाहिए. पूरे देश के विकास में योगदान देना ही इसरो का उद्देश्य है. हम पीएम मोदी द्वारा हमें दिए गए विजन को पूरा करने के लिए तैयार हैं.

कब लांच होगा आदित्य-एल1?

चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत की अगली तैयारी सूरज की है. इसके लिए आदित्य-एल1 अंतरिक्ष में जाएगा. सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित आदित्य-एल1 पर एस सोमनाथ ने कहा कि सेटेलाइट तैयार है और श्रीहरिकोटा पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि सितंबर के पहले सप्ताह में लॉन्च की उम्मीद है और फाइनल डेट की घोषणा दो दिनों में की जाएगी.  L1 तक पहुंचने में चार महीने लगेंगे. उसके बाद 2024 में शुक्रयान और मंगलयान मिशन भेजने की भी योजना है.
 

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