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'मौत की फैली खबर फिर जी उठा गुरपतवंत सिंह पन्नू,' कौन है ये खालिस्तानी जो विदेशी जमीन से दे रहा देश को टेंशन?

गुरपतवंत सिंह पन्नू के बारे में यह अफवाह फैली थी कि अमेरिका में हुए एक एक्सीडेंट में उसकी मौत हो गई है. कुछ तस्वीरें भी सामने आई थीं. इसमें कोई सच्चाई नहीं है.

'मौत की फैली खबर फिर जी उठा गुरपतवंत सिंह पन्नू,' कौन है ये खालि��स्तानी जो विदेशी जमीन से दे रहा देश को टेंशन?

गुरपतवंत सिंह पन्नू. (फाइल फोटो)

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डीएनए हिंदी: खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू जिंदा है. उसके एक्सीडेंट की खबर सोशल मीडिया पर फैली महज एक अफवाह थी. दुनियाभर में चल रहे खालिस्तान मूवमेंट का सरगना और भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी पन्नू आजाद होकर अभी तक देश की आंखों में खटक रहा है. गुरपतवंत सिहं पन्नू ने मौत की अफवाहों के बीच कहा है कि पंजाब से भारत सरकार का कब्जा हटेगा और रेफरेंडम का आंदोलन जारी रहेगा.

बुधवार को खबर फैली कि गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिका में हुई एक दुर्घटना में मौत हो गई है. कुछ रिपोर्ट्स में उसकी तस्वीरें भी दी गईं जिसमें कार और ट्रक के बीच भिंडत हुई थी. कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि गुरपतवंत सिंह पन्नू मरा नहीं है. वह जिंदा है.

कुछ खालिस्तानियों की मौतें और खुफिया एजेंसियों का कनेक्शन

सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें चल रही हैं कि खालिस्तानी मूवमेंट अपने खात्मे की ओर है. दो महीने में 3 बड़े खालिस्तानियों की मौत हुई है. 6 मई को खालिस्तानी कमांडों फोर्स चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ की लाहौर में हत्या हुई थी. 14 जून को खालिस्तानी आतंकी अवतार सिंह खांडा की हत्या हुई थी. 

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18 जून को कनाडा के एक गुरुद्वारे में खालिस्तान टाइगर फोर्स के चीफ हरदीप निज्जर की हत्या हुई थी. 5 जुलाई को खबर आई कि सिख फॉर जस्टिस के सरगना पन्नू की रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई. इन सब हादसों को जोड़कर देखा जा रहा है कि भारतीय खुफिया एजेंसियों का हाथ है. हालांकि ये चर्चाएं डिप्लोमेटिक स्तर पर नहीं, सोशल मीडिया पर ही हो रही हैं, जिसे भारत अफवाह मानता है.

क्या मरकर जिंदा हो गया गुरपतवंत सिंह पन्नू?

गुरपतवंत सिंह पन्नू मरा ही नहीं था. उसकी मौत की खबर गलत थी. मौत की खबरें के बीच उसका एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें वह अमेरिका के यूनाइटेड नेशंस के ऑफिस के बाहर भारत के खिलाफ जहर उगल रहा है. वायरल वीडियो में वह कह रहा है कि कनाडा में मारे गए खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर के पीछे भारतीय अधिकारियों का हाथ है. खालिस्तानी रेफरेंडम का तीसरा फेज 16 जुलाई को टोरंटो और 10 सितंबर को वैंकूवर में होगा.

कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?

गुरुपतवंत सिंह पन्नू पंजाबी मूल का है लेकिन वह नॉर्थ अमेरिका में रहता है. गुरुपतवंत सिंह पन्नू का जन्म अमृतसर के खानकोट गांव में हुआ था. उसने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ किया है. उसके पिता महिंदर सिंह, पंजाब कृषि मार्केटिंग बोर्ड के कर्मचारी थे. गुरुपतवंत सिहं पन्नू के तीन भाई-बहन हैं. एक भाई अमेरिका में वकील है. वह कनाडा में भी अच्छी पकड़ रखता है.

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गुरुपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका स्थित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के संस्थापकों में से एक है. यह संगठन दावा करता है कि इसका उद्देश्य मानवाधिकारों की रक्षा करना और इंटरनेशल एडवोकेसी करना है. इसकी स्थापना साल 2007 में हुई थी. इस संगठन की एक मांग यह भी है कि पंजाब सिखों की जन्मभूमि है इसलिए उसे स्वायत्तता मिले. यह संगठन चाहता है कि पंजाब एक संप्रभु राष्ट्र बने, जिसका नाम खालिस्तान हो.

प्रतिबंधित संगठन SJF का सरगना है यह आतंकी 

केंद्र सरकार ने 2019 में अलगाववादी गतिविधियों की वजह से SFJ पर प्रतिबंध लगा दिया. यह संगठन प्रतिबंध के बाद भी दुनियाभर में फलफूल रहा है, भले ही इसकी ताकतें सीमित हो गई हैं. इस संगठन का सबसे नया अभियान रेफरेंडम 2020 है, जिसके जरिए यह चाहता है कि पंजाब को आजादी मिल जाए.

पंजाब को हिंसा की आग में धकेल रहा है आतंकी 

गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका में बैठकर भारत के खिलाफ खालिस्तान मूवमेंट को हवा देता है. यह दल खालासा और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) जैसे संगठनों से जुड़े युवाओं को उकसाता है. गुरपतवंत पंजाब को अशांत करने की कोशिश कर रहा है. इसे डिप्लोमेटिक इम्युनिटी हासिल है. वह अमेरिकी नागरिक है लेकिन भारत के युवाओं को खालिस्तान आंदोलन के लिए उकसा रहा है.

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