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DNA TV Show: सेंसेटिव जोन में हजारों गज की सरकारी जमीन पर दरगाह का कब्जा, क्यों चिंता में हैं सुरक्षा एजेंसियां

DNA TV Show: महाराष्ट्र में पर्यावरण के लिहाज से बेहद संवेदनशील तटीय इलाके उत्तन में एक दरगाह के नाम पर 70 हजार वर्ग फीट से ज्यादा जमीन पर कब्जा हुआ है. इस मुद्दे के डीएनए पर नजर डालती ये रिपोर्ट.

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DNA TV Show: हम आपको एक ऐसी खबर बताने जा रहे हैं, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को ज्यादा सावधान रहने के संकेत दिए हैं. महाराष्ट्र के ठाणे में पर्यावरण के लिहाज से एक बेहद सेंसेटिव इलाका है उत्तन. उत्तन में एक दरगाह है, जो कुछ वर्ष पहले मात्र 100 square feet की थी. आज ये दरगाह 70 हजार square feet इलाके में फैल गई है. दरगाह तो इंसानी शरीर की तरह फैलती नहीं है. ऐसे में यह साफ है कि दरगाह की आड़ में अवैध सरकारी जमीन पर कब्जा करके उसे फैलाया जा रहा है. इतना पढ़कर आपको यह एक आम अतिक्रमण का मामला लग रहा होगा, लेकिन अब हम आपको असली चिंता की बात बताते हैं. यह चिंता की बात है दरगाह की लोकेशन, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की भी नींद उड़ा दी है. दरअसल इस दरगाह को लेकर एक ऐसा आरोप लग रहा है, जिसने पुलिस से लेकर सुरक्षा एजेंसियों तक को सतर्क कर दिया है और सियासी बवाल खड़ा कर दिया है. आज हम इस दरगाह और इससे जुड़े आरोपों का ही विश्लेषण कर रहे हैं.

आतंकी हमले से जुड़ा है खतरा
पहले हम आपको बता दें कि उत्तन दरगाह एक ऐसे समुद्री किनारे पर है, जहां दूर-दूर तक Mangrove forest है. इस इलाके में समुद्र के अंदर से आकर आसानी से छिपा जा सकता है. खुफिया एजेंसियों और शासन से जुड़े लोगों को इस इलाके के समुद्री किनारों को लेकर इसी कारण एक विशेष डर है. ये डर, आतंकियों के घुसपैठ से जुड़ा है.

  • करीब 30 वर्ष पहले 12 मार्च 1993 को मुंबई में सीरियल बम धमाके हुए थे.
  • करीब 12 बम विस्फोट किए गए थे, जिनमें बड़ी मात्रा में RDX का इस्तेमाल हुआ था.
  • वर्ष 2008 में मुंबई शहर में 10 आतंकियों ने एक बड़ा आतंकी हमला किया था.
  • मुंबई टैरर अटैक में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की थी.
  • 1993 में हुए बम धमाकों का विस्फोटक भी रायगढ़ के शेखड़ी के समुद्री किनारे पर उतारा गया था.
  • इन सभी वारदात में एक खास modus operandi से काम किया गया था.
  • हर वारदात में आतंकियों ने समंदर के रास्ते का इस्तेमाल किया था.

हम ये सब आपको इसलिए बता रहे हैं, क्योंकि ठाणे के उत्तन की हजरत सैय्यद बालेशाह पीर दरगाह भी समुद्री किनारे पर है और इस दरगाह को लेकर कई गंभीर आरोप लग रहे हैं, जैसे-

  • उत्तन दरगाह पर आसपास की जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप है.
  • दरगाह के एक मौलवी पर नाबालिग का धर्मांतरण करके निकाह करवाने का आरोप है.
  • दरगाह पर 8 अवैध घुसपैठियों को पनाह देने का आरोप है.
  • दरगाह पर तहखाने को नशेबाजीं का अड्डा बनाने का आरोप है.
  • दरगाह पर आसपास के Mangrove forest के पेड़ों को काटने का आरोप है.
  • Mangrove forest, विशेष पेड़ों के समूह का जंगल होता है, ये जंगल आमतौर पर समुद्री किनारों पर ही पाए जाते हैं.

जंगल की जमीन पर कर लिया है बड़ा कब्जा
उत्तन की दरगाह, एक ऐसी लोकशन पर है, जिसके एक तरफ Mangrove forest है, जो समंदर के किनारे पर है यानी दरगाह के पीछे पूरा इलाका जंगल है और फिर खुला समंदर है. दरगाह के पास ही उत्तन के जेट्टी भी है, जहां पर बोट्स की आवाजाही होती है. यही बात देश की सुरक्षा से जुड़े लोगों को परेशान कर रही है. वजह ये भी है कि दरगाह ट्रस्ट पिछले कई वर्षों से धीरे-धीरे जंगल वाली जमीन को कब्जाता जा रहा है. दरगाह पर जो आरोप लग रहे हैं, उसने इस पूरे इलाके को संवेदनशील बना दिया है. 

मुंबई से महज 5 किमी दूर मौजूद दरगाह बनी धर्मांतरण का अड्डा
मुंबई शहर से मात्र 5 किलोमीटर दूर, उत्तन इलाके की ये हजरत सैयद बालेशाह पीर दरगाह पर सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण का आरोप है, आरोप ये है कि 100 फीट की दरगाह आज अवैध रूप से 70 हजार फीट में फैल गई है, और ये अवैध घुसपैठियों, नशेबाजों और अवैध धर्मांतरण का अड्डा बन गया है.

विधानसभा में उठी चर्चा तो मच गया हंगामा
ये दरगाह आजकल महाराष्ट्र विधानसभा में चर्चा का विषय बनी हुई है. उत्तन की इस दरगाह को लेकर सवाल पिछले कई वर्षों से उठाया जा रहा था, लेकिन जब ये मामला विधानसभा में उटा, तो सियासी हंगामा मच गया. हालांकि दरगाह पर उठ रहे आरोपों को दरगाह ट्रस्ट गलत मानता है. एक ट्रस्टी अमजद शेख के मुताबिक, उत्तन की ये दरगाह पुर्तगाली शासन के समय से है और जो आरोप लग रहे हैं, वो गलत हैं. उत्तन की इस दरगाह को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी डाली गई है. खुश खंडेलवाल की इस याचिका में ही दरगाह के संचालकों के अवैध निर्माण और सरकारी जमीन पर कब्जे के आरोप लगाए गए हैं.

22 मार्च तक दरगाह ट्रस्ट को हटाना होगा अतिक्रमण
अवैध निर्माण को लेकर मीरा भयंदर महानगर पालिका को लगातार शिकायतें मिल रही थीं। लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी. विधानसभा में जब इस दरगाह को लेकर सवाल उठे तो प्रशासन की तरफ से अवैध निर्माण को तोड़ने का नोटिस जारी किया गया. अब दरगाह ट्रस्ट के 22 मार्च तक अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए कहा गया है और ये बताया गया है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो प्रशासन ये काम करेगा.

(INPUT- महाराष्ट्र के उत्तन से अश्विनी पांडेय की रिपोर्ट)

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