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Russia-Ukraine Crisis: यूक्रेन में हर चौथा विदेशी छात्र भारतीय, मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं Indian Students

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को देखते हुए देशभर में हाहाकार मच गया है. बड़ी संख्या में भारतीय छात्र यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए हैं.

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डीएनए हिंदी: रूस ने यूक्रेन के खिलाफ गुरुवार को तड़के सुबह ही जंग का ऐलान कर दिया. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में अलगाववादी क्षेत्रों डोनेत्स्क और लुहान्स्क में सैनिकों की तैनाती कर दी थी. आज सुबह डोनेत्स्क में लगभग 5 विस्फोटों (world war 3) की आवाज सुनी गई. हालांकि इस युद्ध का असर कच्चे तेल के दाम सहित भारतीय सर्राफा बाजार में भी देखने को मिला. वहीं यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए जाते हैं. ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस वक्त यूक्रेन में लगभग 20 हजार छात्र पढ़ाई कर रहे हैं.

भारतीय दूतावास ने दे देश खाली करने का दे दिया था आदेश

रूस और यूक्रेन की तनातनी को देखते हुए भारतीय दूतावास ने भारतीय छात्रों से अपील की थी कि जितनी जल्दी हो सके वह देश खाली कर दें. यूक्रेन की राजधानी कीव (Kyiv) स्थित इंडियन एंबेसी ने 15 फरवरी को ही एक आदेश दिया था. इसमें यूक्रेन में रह रहे भारतीय छात्रों से कहा गया था कि वे जितनी जल्दी हो सके यूक्रेन छोड़ दें और अपने घर चले जाएं. 

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यूक्रेन में कितने भारतीय छात्र हैं?

एक रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन (Ukraine) में इस वक्त लगभग 20 हजार भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. बता दें कि पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारतीय राजदूत ने यह आंकड़ा दिया था. इनमें से ज्यादातर छात्र मेडिकल से जुड़ी पढ़ाई कर रहे हैं. MBBS, डेंटल, नर्सिंग जैसे क्षेत्रों में भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक लगभग 2 से 3 हजार छात्र-छात्राएं रूस से लगी सीमा के पास रहते हैं. रूस ने इसी सीमाई इलाकों में अपने लगभग 1.3 लाख सैनिकों को जंग के लिए तैयार स्थिति में तैनात किया था. यहीं आज रूस ने विस्फोट भी किए हैं जिसमें बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए हैं. बता दें कि अमेरिका के साथ यूक्रेन की बढ़ती नजदीकी की वजह से रूस नाराज है.

भारतीय छात्रों के यूक्रेन जाने की वजह

हाल के समय में भारत में अभी MBBS की अनुमानित 88 हजार सीटें हैं. इनके लिए साल 2021 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा में करीब 8 लाख छात्र बैठे थे. यानी लगभग 7 लाख छात्रों का डॉक्टर बनने का सपना मात्र सपना रह जाता है. दूसरी तरफ भारत में मेडिकल की पढ़ाई काफी महंगी है. निजी मेडिकल कॉलेज से पढ़कर निकलने में लगभग 1 करोड़ रुपए के आसपास का खर्च आता है. वहीं यूक्रेन और भारत की तुलना की जाए तो माना जाता है कि यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई काफी सस्ती और अच्छी है.

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