Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Supreme Court: आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, कपिल सिब्बल के तर्कों पर CJI ने दागे कई सवाल    

Article 370 Hearing: आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई है. सबसे पहले कपिल सिब्बल ने केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ अपना पक्ष रखा. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संवैधानिक बेंच ने कई सवाल भी दागे. जानें सुनवाई में क्या कुछ हुआ. 

article-main

Supreme Court Hearing On Article 370

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: कश्मीर में अनुच्छेद 370 (Article 370) को निरस्त किए जाने के फैसले के खिलाफ कई याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में पांच जजों की संविधान पीठ ने पिछले दो दिनों से याचिकाकर्ताओं के वकील कपिल सिब्बल की दलीलें सुन रही हैं. वरिष्ठ वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपनी दलील में कहा कि यह फैसला संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के पास इस राज्य को दो टुकड़े में बांटने का अधिकार नहीं है. दूसरी ओर चीफ जस्टिस और संविधान पीठ ने भी सिब्बल की दलीलों पर कई सवाल दागे हैं. केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल  पक्ष रखेंगे. जानें अब तक की सुनवाई में क्या खास बातें हुई हैं.

कपिल सिब्बल ने संविधान के हवाले से दिया तर्क 
आर्टिकल 370 निरस्त किए जाने पर वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जम्मू कश्मीर का संविधान कहता है कि अनुच्छेद 370 में संशोधन या निरस्तीकरण के लिए कोई भी विधेयक विधानसभा में पेश नहीं किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत में विलय के लिए जम्मू-कश्मीर के राजा हरि सिंह ने हस्ताक्षर किया था, उस वक्त अनुच्छेद 370 की व्यवस्था की गई  थी. अब इसे निरस्त करने के लिए कोई कदम उठाना गैर-संवैधानिक है. 

यह भी पढ़ें: लंबे समय रिलेशन में रहने के बाद महिलाएं दर्ज कराती हैं झूठे केस: HC  

सिब्बल के तर्कों पर सीजेआई ने दागे सवाल
कपिल सिब्बल के इस तर्क पर चीफ जस्टिस ने पूछा कि अगर आपके तर्क को मान लिया जाए तो फिर संवैधानिक मशीनरी को स्थापित कैसे किया जाएगा? चीफ जस्टिस ने कहा कि चूंकि कोई संविधान सभा नहीं है, इसलिए आप अनुच्छेद 370 को निरस्त करने या संशोधित करने के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श नहीं कर सकते. ऐसा नहीं हो सकता है. इसके अलावा बेंच में मौजूद जस्टिस संजीव कौल ने भी कपिल सिब्बल के तर्क पर सवाल उठाया और कहा कि सविंधान एक जीवंत दस्तावेज है. अगर पूरा कश्मीर चाहता है कि क्या आपका कहना है कि (अनुच्छेद 370) इसे बदलने की कोई व्यवस्था नहीं है. तब भी आप ऐसा नहीं कर सकते हैं जबकि हर कोई ऐसा चाहता है.

यह भी पढ़ें: पत्नी और बच्चे के हत्या के बाद शख्स ने की आत्महत्या, पुलिस कर रही जांच   

अनुच्‍छेद 370 पर सुनवाई कर रही संविधान पीठ में सीजेआई के साथ जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत भी शामिल हैं. संविधान पीठ ने अनुच्छेद 370 को हटाने से संबंधित सभी याचिकाओं पर कहा कि कोर्ट में सुनवाई दो ही मुद्दों पर की जाएगी. सर्वोच्च अदालत ने क्या अनुच्छेद 370 ने जम्मू कश्मीर की संविधान सभा की समाप्ति के साथ स्थायी दर्जा प्राप्त कर लिया है? इसे निरस्त करने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया वैध थी? इन दोनों ही मुद्दों को सुनवाई के लिए योग्य माना है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement