Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

2 से ज्यादा बच्चों के मां-बाप को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, Supreme Court ने भी कर दिया कंफर्म

Rajasthan 2 Child Policy: राजस्थान में सरकारी नौकरी के लिए Two Child Policy को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा है और इसे चुनौती देने वाले शख्स की याचिका को खारिज कर दिया है.

Latest News
2 से ज्यादा बच्चों के मां-बाप को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, Supreme Court ने भी कर दिया कंफर्म

Supreme Court

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले से यह पक्का कर दिया है कि राजस्थान में अब उन लोगों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं. 2017 में भारतीय सेना से रिटायर हुए पूर्व सैनिक राम लाल जाट की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया. इस तरह राजस्थान में दो बच्चों से ज्यादा वाले मां-बाप न तो अब पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं और न ही उन्हें सरकारी नौकरी मिल सकती है. राजस्थान में लगभग 21 साल पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव में दो बच्चों वाली यह नीति लागू की जा चुकी है.

सुप्रीम कोर्ट के जज सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और जस्टिस केवी विश्वनाथ ने पूर्व सैनिर राम लाल जाट की याचिका को खारिज कर दिया है. साल 2017 में आर्मी से रिटायर हुए राम लाल जाट ने 25 मई 2018 को राजस्थान पुलिस में कॉन्स्टेबल पद के लिए आवेदन किया था. दो से ज्यादा बच्चे होने की वजह से राम लाल जाट की उम्मीदवारी को राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 के नियम 24 (4) के तहत खारिज कर दिया गया था.


यह भी पढ़ें- सुबह रोते हुए विक्रमादित्य सिंह ने दिया था इस्तीफा, शाम में वापस लिया 


सरकारी नौकरी देने से कर दिया था इनकार
दरअसल, साल 2001 में राजस्थान विभिन्न सेवा नियम में किए गए संशोधन के मुताबिक, 1 जून 2002 को या उसके बाद अगर किसी उम्मीदवार के दो या दो से ज्यादा बच्चे हैं तो वह सरकारी नौकरी के लिए योग्य नहीं माने जाएंगे. राम लाल जाट का आवेदन इसी आधार पर खारिज कर दिया गया था. इस फैसले के खिलाफ उन्होंने राजस्थान हाई कोर्ट में अपील दायर की. हाई कोर्ट ने अक्टूबर 2022 में इस मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था.


यह भी पढ़ें- मोदी-योगी का दम या INDIA अलायंस का चलेगा सिक्का, जानें जनता का मूड 


अब इसी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने कहा, "इसी तरह का प्रावधान पंचायत चुनाव लड़ने के लिए पात्रता शर्त के रूप में पेश किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में जावेद और अन्य बनाम हरियाणा राज्य के मामले में बरकरार रखा गया था. परिवार नियोजन के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, दो से ज्यादा बच्चे होने पर उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है."

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement