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Zerodha के फाउंडर Nithin Kamath को आया था मिनी स्ट्रोक, जानें क्या हैं इसके लक्षण

Zerodha के संस्थापक Nithin Kamath सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि छह सप्ताह पहले उन्हें Mini Stroke का सामना करना पड़ा था, जानें क्या है मिनी स्ट्रोक और इसके लक्षण क्या हैं...

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Zerodha के फाउंडर Nithin Kamath को आया था मिनी स्ट्रोक, जानें क्या हैं इसके लक्षण

Nithin Kamath

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जेरोधा (Zerodha) के संस्थापक नितिन कामथ (Nithin Kamath) ने बीते सोमवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि छह सप्ताह पहले उन्हें ‘मिनी स्ट्रोक’ (Mini Stroke) का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. नितिन कामथ वैसे तो अपनी फिटनेस और बिजनेस को लेकर आए दिन चर्चा में बने रहते हैं. लेकिन, हमेशा अपनी फिटनेस (Nithin Kamath Fitness) को लेकर सजग रहने वाले नितिन कामथ इससे खुद हैरान हैं. कामथ ने बताया कि स्ट्रोक के कारण उनका चेहरा बिगड़ गया था और वह पढ़-लिख नहीं पा रहे थे. इससे पूरी तरह ठीक होने में उन्हें 3-6 महीने का समय लग सकता है. आइए जानते हैं मिनी स्ट्रोक क्या है, इसके लक्षण और कारण क्या हैं... 

मिनी स्ट्रोक क्या है? (What Is Mini Stroke)

 हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब रक्त वाहिकाओं के ज़रिए ब्रेन में बढ़ने वाली ब्लड की सप्लाई बाधित होने से ऑक्सीजन पूरी तरह से उपलब्ध नहीं हो पाती तो इस स्थिति को मिनी स्ट्रोक या ट्रांसिएंट इस्कीमिक अटैक कहा जाता है. सीधे तौर पर मिनी स्ट्रोक लकवे के लक्षण को कहा जाता है, जो कि थोड़ी देर के लिए होता है.


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ऐसी स्थिति में व्यक्ति चलने फिरने में लड़खड़ाहट, चेहरा टेढ़ा होना व हाथ पैर में कमज़ोरी या झंझनाहट महसूस करता है. इतना ही नहीं इसके कारण बोलने व समझने में दिक्कत व कुछ देर के लिए बेहोशी होने जैसे लक्षण देखे जाते हैं. मिनी स्ट्रोक को आने वाले बड़े स्ट्रोक की चेतावनी माना जाता है और इसलिए समय पर इसका इलाज करवा लेना जरूरी हो जाता है.  

मिनी स्ट्रोक के सामान्य लक्षण (Mini Stroke Symptoms)

  • तेज सिरदर्द होना
  • चक्कर आने की समस्या
  • लॉस ऑफ कॉर्डिनेशन की समस्या
  • दृष्टि की हानि होना
  • पार्शियली पैरालिसिस
  • समझने और बोलने में कठिनाई होना 
  • हाथों और पैरों में झंझनाहट महसूस करना

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मिनी स्ट्रोक या ब्रेन स्ट्रोक से बचाव के उपाय (How To Prevent Mini Stroke)

- इसके लिए जरूरी है कि धूम्रान और शराब का सेवन बंद कर दें.
- साथ ही ताजे फल, सब्जी और साबुत अनाज का करें सेवन
- शरीर का वजन रखें कंट्रोल
- नियमित एक्सरसाइज करना है जरूरी 
- फैट का सेवन कम करें कम

इसके अलावा, अगर आप टाइप 2 डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई बीपी जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं तो इनकी दवा लेते रहें.

Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.

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