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कौन हैं Asif Ali Zardari, दूसरी बार बने Pakistan के राष्ट्रपति, क्यों कहलाते थे 'मिस्टर 10 परसेंट'

Who is Asif Ali Zardari: पाकिस्तान में नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) और बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) के बीच डील के तहत आसिफ अली जरदारी को देश का 14वां राष्ट्रपति चुना गया है.

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Who is Asif Ali Zardari: पाकिस्तान (Pakistan) में शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के प्रधानमंत्री बनने के बाद अब नया राष्ट्रपति भी चुन लिया गया है. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, आसिफ अली जरदारी (Asif Ali Zardari) को पाकिस्तान का 14वां राष्ट्रपति चुना गया है. जरदारी दूसरी बार पाकिस्तान के हेड ऑफ द स्टेट बने हैं. इससे पहले भी वे साल 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रह चुके हैं. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (Pakistan People's Party) के को-चेयरमैन जरदारी पार्टी चेयरमैन बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) के पिता हैं. उनका राष्ट्रपति पद पर जीतना बिल्कुल तय माना जा रहा था, क्योंकि यह पद बिलावल ने नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) की पार्टी PML-N को पाकिस्तान में सरकार बनाने के लिए समर्थन देने के बदले मांगा था.

भारी अंतर से जीत हासिल की है जरदारी ने

ANI ने पाकिस्तानी वेबसाइट Geo News के हवाले से बताया है कि सत्ताधारी गठबंधन के समर्थन से उतरे आसिफ अली जरदारी ने 255 इलेक्टोरल वोट हासिल किए, जबकि उनके सामने उतरे सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के कैंडीडेट महमूद खान अकाजई (Mahmood Khan Achakzai) को 119 वोट ही हासिल हुए. महमूद खान को जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (Pakistan Tehreek-e-Insaf) ने भी समर्थन दे रखा था, लेकिन यह भी उनके काम नहीं आया. एक वोट बोगस करार दिया गया है. जरदारी की जीत के बाद PPP के कार्यकर्ता पंजाब असेंबली के बाहर ढोल की थाप पर नाचकर जश्न मानते हुए दिखाई दिए.

बिलावल भुट्टो ने खुद दी सोशल मीडिया पर जानकारी

बिलावल भुट्टो ने एक्स (पहले ट्विटर) पर खुद जरदारी की जीत की जानकारी दी है. उन्होंने लिखा, राष्ट्रपति चुनाव में हमारी पार्टी के कैंडीडेट और मेरे पिता आसिफ अली जरदारी ने कुल 411 वोट हासिल किए, जबकि सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (Sunni Ittehad Council) के महमूद खान अकाजई 181 वोट ही ले सके. पूर्व विदेश मंत्री व PPP चेयरमैन भुट्टो ने आगे लिखा, जरदारी को नेशनल असेंबली व सीनेट से 255 वोट मिले, जबकि उन्हें प्रांतों में सिंध असेंबली से 151, पंजाब से 246, खैबर पख्तूनख्वाह से 17 और बलोचिस्तान असेंबली से 47 वोट मिले. 

कैसे चुना जाता है पाकिस्तान में राष्ट्रपति

पाकिस्तान में राष्ट्रपति पद के लिए एक इलेक्टोरल कॉलेज चयन करता है, जिसका हिस्सा नेशनल सीनेट (पाकिस्तानी संसद का ऊपरी सदन), नेशनल असेंबली (संसद का निचला सदन) और चार प्रांतों की असेंबली (विधानसभा) के सदस्य होते हैं. इसके लिए इस्लामाबाद में पाकिस्तानी संसद का जॉइंट सेशन बुलाया जाता है, जहां सदस्य अपने वोट का इस्तेमाल किसी एक उम्मीदवार के पक्ष में करते हैं. 

कौन हैं आसिफ अली जरदारी

आसिफ अली जरदारी फिलहाल PPP के को-चेयरमैन हैं. वे पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजरी भुट्टो (Benazir Bhutto) के पति हैं, जिनकी आतंकी बम धमाके में मौत हो गई थी. बेनजीर पाकिस्तान में सैन्य तानाशाह जनरल जिया उल हक द्वारा फांसी चढ़ा दिए गए पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की बेटी थीं. सिंध में 1955 में जन्मे आसिफ अली जरदारी ने कराची में पढ़ाई-लिखाई की थी. कॉलेज टाइम में महिलाओं से संबंधों के लिए प्लेबॉय इमेज वाले जरदारी ने 1983 में राजनीतिक सफर शुरू किया था, लेकिन नवाबशाह से डिस्ट्रिक्ट काउंसिल की सीट पर चुनाव में बेहद बुरी हार के बाद उन्होंने राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया था. जरदारी की शादी 1987 में बेनजीर भुट्टो से हो गईं, जो ब्रिटेन में पढ़कर पाकिस्तान लौटी थीं और उन्हें जनता की तरफ से उनके पिता की फांसी के कारण बेहद हमदर्दी मिल रही थी. 

बेनजीर की सरकार में कहलाते थे 'मिस्टर 10 परसेंट'

जरदारी की असली किस्मत उस समय पलटी, जब जनरल जिया उल हक की विमान विस्फोट में मौत हो गई. उस समय सत्ता के खिलाफ आंदोलन का चेहरा बनीं बेनजीर को पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनने का मौका मिल गया और जरदारी 'प्रधानमंत्री पति' बन गए. जरदारी पर्यावरण मंत्रालय के प्रभारी बन गए. इसके बाद जरदारी पर भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगे थे. विपक्षी दलों का आरोप है कि उस दौर में बेनजीर भुट्टो सरकार से बिजनेस करने के बदले किसी को भी जरदारी से मिलना होता था, जो 10% कमीशन तय करते थे. इसके चलते विपक्षी दलों ने जरदारी का नाम 'मिस्टर 10 परसेंट' रख दिया था. जरदारी का 'मिस्टर 10 परसेंट' का टैग उस समय बेहद चर्चित हुआ था, जब 2008 में उनके राष्ट्रपति बनने पर पाकिस्तान के अखबारों ने छाप दिया था कि मिस्टर टेन परसेंट देश के नए राष्ट्रपति बने हैं.

भ्रष्टाचार से हत्या तक के लगे आरोप, जेल में भी रह चुके जरदारी

आसिफ अली जरदारी पर तमाम तरह के आपराधिक आरोप भी रहे हैं. उन्हें भ्रष्टाचर के आरोपों के अलवा हत्या के मुकदमे तक में आरोपी बनाया गया. साथ ही उन पर अपहरण करने, रंगदारी वसूलने से लेकर बैंक फ्रॉड करने तक का आरोप रहा है. जरदारी पर पाकिस्तान ही नहीं ब्रिटेन और स्पेन में भी मुकदमे चल चुके हैं. साथ ही वे एक स्विस कंपनी से रिश्वत लेने के आरोप में दोषी भी घोषित किए जा चुके हैं. जरदारी अलग-अलग मौके पर कुल 12 साल जेल में बिता चुके हैं. 1990 में वे पहली बार जेल गए थे. इसके बाद 1997 से 2004 तक उन्हें फिर से जेल में रहना पड़ा. 2004 में जमानत मिली तो हत्या के मुकदमे में फिर से गिरफ्तार कर लिए गए थे. 

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