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BJP Mission 2024: लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में भाजपा? क्या कहता है पिछले चुनावों का ट्रेंड

Lok Sabha Elections 2024: भाजपा ने साल 1991-92 के चुनावों में 477 सीट पर चुनाव लड़ा था. यह अब तक उसकी किसी एक आम चुनाव में सबसे ज्यादा सीटों पर भागीदारी रही है. माना जा रहा है कि यह रिकॉर्ड इस बार टूट सकता है.

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डीएनए हिंदी: BJP in Lok Sabha Elections 2024- देश में लोकसभा चुनावों में अब करीब 3 महीने का ही समय बाकी रह गया है. हर तरफ एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा गठबंधन की सरकार बनने की अटकलें लग रही हैं. चुनावी पंडित यह भी दावा कर रहे हैं कि भाजपा का प्रदर्शन 2019 के लोकसभा चुनावों से भी बेहतर रह सकता है, जिनमें वह कई दशक बाद पूर्ण बहुमत पाने वाली पहली पार्टी बनी थी. इस बीच एक और चर्चा सामने आ रही है कि लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections 2024) में भाजपा अपनी भागीदारी वाली सीटों की संख्या में 2019 के मुकाबले बढ़ोतरी कर सकती है. यह चर्चा भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन NDA के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग फॉर्मूला तय करने की कवायद के बीच सामने आई है. भाजपा ने अब तक सबसे ज्यादा 477 सीटों पर 1991-92 के आम चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. माना जा रहा है कि इस बार यह रिकॉर्ड टूट सकता है.

बड़े दलों का साथ छोड़ना तो नहीं है कारण

भाजपा नेतृत्व वाले NDA में भले ही कांग्रेस नेतृत्व वाले INDI गठबंधन से ज्यादा दल साथ खड़े हैं, लेकिन यदि 2019 से तुलना की जाए तो एनडीए में बड़े राजनीतिक दलों का टोटा दिखाई देगा. पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार जदयू (JDU), अन्नाद्रमुक (AIADMK), शिरोमणि अकाली दल (SAD), शिवसेना (टूटने से पहले) आदि बड़े दल NDA का साथ छोड़ चुके हैं. Zee News की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के अपने कैंडीडेट वाली सीट बढ़ाने पर विचार करने का सबसे बड़ा कारण यही है. इसके चलते भाजपा के लिए खुद ही अपनी सीटें बढ़ाने का मौका बन गया है, जिस पर शायद ही उसके साथ खड़ा कोई दल ऐतराज जताएगा.

437 सीट पर कैंडीडेट उतारे थे 2019 में भाजपा ने

लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा नेतृत्व वाले NDA ने 453 सीट जीतकर इतिहास रच दिया था. भाजपा ने 437 सीट पर कैंडीडेट उतारे थे और 303 सीट जीतकर कई दशक के बाद अपने दम पर बहुमत पाने वाला पहला गैर कांग्रेसी दल बनी थी. भाजपा ने अब तक 1991-92 के आम चुनाव में अपने सबसे ज्यादा 477 कैंडीडेट खड़ा करने का रिकॉर्ड बनाया था. इसके बाद अगले चुनावों में भाजपा के कैंडीडेट्स की संख्या घटी थी, लेकिन साल 1999 में भाजपा के पहली बार अपनी फुल टाइम सरकार बनाने के बाद से उसके कैंडीडेट्स की संख्या हर आम चुनाव में बढ़ी है. इस Historical Trends और बढ़े हुई स्ट्राइक रेट को देखते हुए, आगामी चुनावों में बीजेपी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसके बारे में अटकलें उठना स्वाभाविक है.

अप्रैल में घोषित हो सकते हैं चुनाव, सात चरण में होगा मतदान

भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission Of India) ने भी लोकसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है. ECI की हालिया मीटिंग में मुख्य चुनाव आयुक्त ने इन एक्टिव तैयारियों के संकेत भी दे दिए हैं. चुनावों की ऑफिशियल अनाउंसमेंट होने में अभी देरी है, लेकिन माना जा रहा है कि इस बार चुनाव अप्रैल में होंगे. पिछली बार की तरह इस बार भी सात चरण में मतदान कराए जाने की संभावना है. आखिरी लोकसभा चुनाव 2019 में हुए थे, जिनमें भाजपा ने अहम जीत हासिल की थी और नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद बरकरार रखने में सफलता मिली थी. भाजपा नेतृत्व इस बार भी यही सफलता दोहराने का दावा कर रहा है. हालांकि विपक्षी दलों के एकसाथ एकजुट होने से भाजपा की राह थोड़ी मुश्किल नजर आ रही है. 

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