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Shahbaz Sharif दूसरी बार बने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, हुआ ऐलान

Pakistan News: शहबाज शरीफ ने शनिवार को पीएम पद के लिए नामांकन दाखिल किया. शहबाज पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के संयुक्त उम्मीदवार हैं.

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Shahbaz Sharif

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पीएमएल-एन के नेता शहबाज शरीफ रविवार को पाकिस्तान के 33वें प्रधानमंत्री चुने गए. वह दूसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने हैं. शहबाज शरीफ ने शनिवार को पीएम पद के लिए नामांकन दाखिल किया था. रविवार को हुए चुनाव में वह पीएम चुने गए. शहबाज शरीफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के संयुक्त उम्मीदवार थे. शहबाज शरीफ वोट में धांधली और नकदी की कमी वाली अर्थव्यवस्था और आतंकवादी हमलों में बढ़ोतरी के आरोपों के बीच एक बार फिर गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे.

उनके प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उमर अयूब खान ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है. नेशनल असेंबली सचिवालय के मुताबिक नए प्रधानमंत्री को चुनने के लिए नेशनल असेंबली में रविवार 3 मार्च को मतदान होगा. इनमें से जो भी उम्मीदवार सफल होगा उसे सोमवार को राष्ट्रपति भवन, ऐवान-ए-सद्र में पद की शपथ दिलाई जाएगी. माना जा रहा है कि ये मुकाबला एकतरफा होगा जिसमें शहबाज शरीफ की जीत पक्की मानी जा रही है.


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दोबारा पीएम बनने को तैयार शहबाज शरीफ

पीएमएल-एन ने पीपीपी और एमक्यूएम के साथ गठबंधन में सरकार बनाने का एलान किया है. शहबाज शरीफ, पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं. शहबाज शरीफ अप्रैल 2022 से अगस्त 2023 तक भी पाकिस्तान के पीएम रह चुके हैं. उस वक्त भी उन्होंने पीपीपी के साथ गठबंधन में सरकार चलाई थी. शहबाज शरीफ को पीएम चुने जाने के लिए 336 सदस्यों वाली सीनेट में 169 वोट चाहिए. वहीं, पीटीआई समर्थक सीनेटर्स की संख्या 102 है.


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8 फ़रवरी को होंगे चुनाव 

पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव हुए थे. जिसमें किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं था. जिसके बाद शरीफ की पार्टी ने पीपीपी समेत अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला किया. पीएमएल-एन के साथ पीपीपी समेत चार छोटे दल गठबंधन में शामिल हो गए हैं. वहीं, पीपीपी अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को एक बार फिर राष्ट्रपति के रूप में चुनने के लिए पीएमएल-एन को समर्थन देने दे रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 9 मार्च से पहले देश में राष्ट्रपति चुनाव कराया जा सकता है.

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