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पाकिस्तान में जबरन धर्म परिवर्तन, अपहरण और शादी से तंग हिंदू, कौन सुनेगा पड़ोसी मुल्क में गुहार?

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जबरन धर्मांतरण के मामले थमे नहीं हैं. कराची में हिंदू समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया है.

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पाकिस्तान में 2 प्रतिशत हिंदू आबादी रहती है. (सांकेतिक तस्वीर)

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डीएनए हिंदी: पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यक आबादी पर जारी अत्याचार खत्म नहीं हो रहा है.  हिंदू समुदाय (Hindu Community) पर बहुसंख्यक आबादी अत्याचार कर रही है. लगातार हो रहे उत्पीड़न से तंग आकर हिंदू आबादी अब प्रदर्शन पर उतर आई है. 

देश में हिंदू लड़कियों और महिलाओं के जबरन धर्मांतरण और शादी पर सरकार के खिलाफ गुरुवार को कराची शहर में हिंदुओं ने एक विरोध प्रदर्शन निकाला. हिंदू संगठन पाकिस्तान दारावर इत्तेहाद (PDI) ने कराची प्रेस क्लब और सिंध विधानसभा भवन के एंट्री गेट पर यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था. 

प्रदर्शन में शामिल हुए हिंदुओं का कहना है, 'हम सिंधी हिंदुओं के सामने इस बड़ी समस्या को उजागर करना चाहते हैं, विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में जहां हमारी युवा लड़कियों का दिनदहाड़े अपहरण कर लिया जाता है, और फिर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया जाता है. इसके बाद बड़ी उम्र के मुस्लिम पुरुषों से उनकी शादी कर दी जाती है.'

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ڪراچي
پاڪستان دراوڙ اتحاد طرفان سنڌي ھندوئن سان ٿيندڙ ظلم ناانصافين خلاف ھزارين ماڻهن سان ڳڏجي ڪامياب احتجاجي ريلي ۽ ڌرڻو جاري مطالبن جي مڃتا تائين سنڌ اسيمبلي اڳيان ڌرڻو جاري رھندو#MinoritiesProtestAtSindhAssembly pic.twitter.com/Gc1kL46f9v

सिंध में धार्मिक उत्पीड़नों से तंग आ गया है हिंदू समुदाय

सिंध में हिंदू आबादी बहुसंख्यकों के निशाने पर है. निचली अदालतों में न्याय और अपनी बेटियों, बहनों और पत्नियों की घर वापसी के लिए मां-बाप गुहार लगा रहे हैं. दुर्भाग्य से, प्रदर्शनकारियों की दलीलों को सुनने के लिए प्रांतीय सरकार का कोई भी प्रतिनिधि बाहर नहीं आया. मजबूरी में यह विरोध प्रदर्शन भी खत्म हो गया. 

2019 में सिंध प्रांत के अलग-अलग जिलों में हिंदू लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन का मामला सिंध विधानसभा में उठा था. एक प्रस्ताव पर बहस हुई थी और कुछ सांसदों की आपत्तियों पर संशोधन के बाद सर्वसम्मति से पारित किया गया कि इसे केवल हिंदू लड़कियों तक ही सीमित नहीं रखा जाना चाहिए. 

पाकिस्तान का कानून भी करता है भेदभाव

जबरन धर्मांतरण को अपराध ठहराने वाले विधेयक को बाद में विधानसभा में खारिज कर दिया. इसी तरह का बिल फिर से प्रस्तावित किया गया था लेकिन 2021 में यह खारिज हो गया.

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इस साल जनवरी में, संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान में 13 साल की उम्र की लड़कियों के अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और शादी को लेकर चिंता जाहिर की थी. वैसे तो इस्लाम में जबरन धर्मांतरण और जबरन शादी प्रतिबंधित है लेकिन पाकिस्तान में कुछ और ही होता है.

हर साल 1,000 लड़कियां बदल लेती हैं धर्म

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक हर साल करीब 1,000 लड़कियों को जबरन इस्लाम में परिवर्तित किया जाता है. पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है, जो उत्पीड़न का शिकार है.

75 लाख हिंदू लेकिन बेबस और लाचार

पाकिस्तान जैसे मुस्लिम बहुल देश में 75 लाख हिंदू रहते हैं. पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग के अनुमान के मुताबिक, पाकिस्तान की 20.7 करोड़ आबादी में मुसलमानों की संख्या लगभग 96 प्रतिशत है, हिंदू 2.1 प्रतिशत और ईसाई लगभग 1.6 प्रतिशत हैं.

पाकिस्तान की अधिकांश हिंदू आबादी सिंध प्रांत में बसी हुई है जहां वे अपने मुस्लिम निवासियों के साथ संस्कृति, परंपराओं और भाषा को साझा करते हैं. यहीं उनका धार्मिक उत्पीड़न हो रहा है. (PTI इनपुट के साथ)

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