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New parliament Building Inauguration: नए संसद भवन पर जारी घमासान, राहुल गांधी से लेकर ओवैसी तक, किसने क्या कहा

Parliament News: नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा करने के मुद्दे पर पूरा विपक्ष गर्माया हुआ है. अब तक करीब 19 दल बहिष्कार की घोषणा कर चुके हैं.

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Naya Sansad Bhavan

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डीएनए हिंदी: New parliament Building Inauguration- नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच तकरार बढ़ती ही जा रही है. पीएम नरेंद्र मोदी के उद्घाटन करने की खिलाफत करते हुए अब तक करीब 19 दलों ने समारोह के बहिष्कार की घोषणा की है. दूसरी तरफ, सरकार इसे राष्ट्रीय अस्मिता का कार्यक्रम बताकर और पुराने आयोजनों का हवाला देकर विपक्षी बहिष्कार को खारिज करने की कोशिश कर रही है. दोनों ही तरफ से जमकर बयानबाजी चल रही है. विपक्षी नेताओं ने उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किए जाने को देश के दलित समुदाय का अपमान बताया है. बुधवार को इस मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष में किसने क्या कहा है, आइए आपको बताते हैं.

पढ़ें- New Parliament Building Inauguration के बायकॉट पर विपक्षी दल एकजुट, क्या मिशन-2024 की दिखने लगी झलक?

'ये सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान'

कांग्रेस के सभी नेताओं ने उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाए जाने की आलोचना की है. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है. संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, संवैधानिक मूल्यों से बनती है. 

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने वाला कदम बताया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, यह राष्ट्रपति और भारत के लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को कमजोर करता है. आप लोकतांत्रिक सिद्धांतों और प्रोटोकॉल को कमजोर कर रहे हैं. इसलिए कांग्रेस पार्टी ने सभी समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों से बात की और वे इस कार्यक्रम को बहिष्कार करने के लिए तैयार हुए. अगर राष्ट्रपति नए संसद भवन का उद्घाटन कर रही हैं तो आप (प्रधानमंत्री) एक मुख्य अतिथि के रूप में वहां मौजूद रह सकते हैं, लेकिन आप उनकी (राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति) मौजूदगी ही नहीं चाहते.

'स्पीकर को करने दें उद्घाटन, तब हम जरूर आएंगे'

AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उद्घाटन करने के फैसले से पीछे हटने की अपील की है. उन्होंने कहा, नया संसद भवन जरूरी है. इसे कोई नहीं नकार सकता है, लेकिन इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री को नहीं करना चाहिए. यह शक्ति के पृथक्करण के सिद्धांत के खिलाफ है. उद्घाटन लोकसभा स्पीकर को करना चाहिए, क्योंकि वह संसद के अभिरक्षक हैं. बहिष्कार के फैसले पर ओवैसी ने कहा, किसी भी विपक्षी दल ने अब तक हमसे संपर्क नहीं किया है. हम प्रधानमंत्री से अपील करते हैं कि आप पीछे हट जाइए और स्पीकर ओम बिड़ला को उद्घाटन करने दें. अगर प्रधानमंत्री ऐसा करेंगे तो हम कार्यक्रम में जरूर जाएंगे. 

'सरकार कोई होती, नया भवन बनना ही था'

कांग्रेस छोड़कर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी बना चुके वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने बहिष्कार के मुद्दे को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, नया संसद भवन बनाना कोई नई बात नहीं है. यह 32 साल पहले की सोच थी. आज से 30-32 साल पहले नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्री रहने के दौरान शिवराज पाटिल ने साल 2026 से पहले नया और बड़ा संसद भवन बनने की आवश्यकता जताई थी. उन्होंने भी कहा था कि 2026 तक संसद की सीटें बढ़ाने पर अंकुश लगा है. ऐसे में सरकार किसी भी दल की होती. उसे यह (नया भवन) बनाना ही पड़ता. 

'बहिष्कार महज विपक्ष का ड्रामा, ये भवन के पक्ष में कब थे'

असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिस्व सरमा ने बहिष्कार को विपक्ष का ड्रामा बताया है. उन्होंने कहा, विपक्ष नए भवन के पक्ष में ही कब था. वे पहले दिन से ही कभी इस प्रोजेक्ट के पक्ष में नहीं थे, इसलिए हमें उम्मीद भी नहीं थी कि वो इस समारोह का हिस्सा बनेंगे. बहिष्कार तो होना ही था. उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि भवन का निर्माण इतनी जल्दी पूरा हो जाएगा. वे अब सिर्फ अपना चेहरा बचाने के लिए बहिष्कार का नाटक कर रहे हैं. मुख्यमंत्री सरमा ने यह भी दावा किया है कि पिछले 9 साल के दौरान विपक्षी दलों की पांच राज्य सरकारों ने विधानसभाओं की नींव रखी है या उद्घाटन किया है. किसी में भी राज्यपाल या राष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया बल्कि मुख्यमंत्री या पार्टी अध्यक्ष से ही यह काम कराया गया है.

'संसद का हेड राष्ट्रपति, उनसे उद्घाटन नहीं कराना अपमान'

बिहार के डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव ने सबकी सहमति से बहिष्कार का फैसला होने की बात कही है. उन्होंने कहा, हमारी सभी लोगों से बात हुई है. हम लोग इसका बहिष्कार करेंगे. हम लोगों का मानना है कि नए संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा होना चाहिए, क्योंकि संसद का हेड राष्ट्रपति होता है और ये उद्घाटन उनसे न कराकर उनका अपमान किया जा रहा है. 

'पीएम मोदी ने उद्घाटन किया लिखाने के लिए हो रहा खर्च'

शिवसेना नेता संजय राउत ने नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर कहा, यह खर्च सिर्फ शिला पर 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया' लिखाए जाने के लिए हो रहा है. संविधान के अभिरक्षक राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया जा रहा है. इसलिए विपक्ष ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का फैसला किया है. द्रौपदी मुर्मू को आदिवासी महिला के नाम पर राष्ट्रपति बनाया, लेकिन उनको राष्ट्रपति भवन से बाहर तक नहीं आने दिया जाता. राउत ने कहा, यह (पुराना) संसद भवन ऐतिहासिक है और इस संसद भवन से न RSS और न भाजपा का कोई रिश्ता है. 

'विपक्ष कर रहा है निराधार बहस'

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने विपक्ष के बहिष्कार को खारिज किया है. उन्होंने कहा, ये विपक्ष की तरफ से एक निराधार बहस उठाने का काम किया जा रहा है. ऐसा भी नहीं है कि इनके शासन काल में इनके प्रधानमंत्रियों के द्वारा ऐसे उद्घाटन नहीं हुए हैं. 

'ये संसद भवन है, चुनाव का मैदान नहीं'

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ये मुद्दा विहीन लोग हैं, जो देश के संसद भवन को चुनाव मैदान की तरह देख रहे हैं. भारत की संसद इस लोकतंत्र का मंदिर है और मंदिर के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करना किसी भी राजनीतिक दल को शोभा नहीं देता है.

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