गर्लफ्रेंड Saba Azad संग मूवी डेट पर निकले Hrithik Roshan, बेटा भी साथ आया नजर
हेल्थ अफसर के बाद अब वकील को दिनदहाड़े गोली मारी, पटना में नहीं थम रहा हत्याओं का सिलसिला
दुनिया का सबसे रहस्यमयी गांव...', वैज्ञानिकों के लिए आज भी है पहेली, सुनाई देती हैं अजीब आवाजें
ब्रिटेन के Southend Airport पर विमान हादसे का शिकार, टेकऑफ करते ही लगी भीषण आग
Lords पर टेस्ट में 5 सबसे बड़े रन चेज, आंकड़े देख भारतीय फैंस हो जाएंगे खुश
Viral Video: 'उई अम्मा' गाने पर लड़की ने किया ऐसा धमाकेदार डांस, लोग बोले- वाह भाई क्या लचक है...
खाने के प्रेमियों के लिए ये है भारत के 8 सबसे बेहतरीन शहर
Gut Health की पक्का दुश्मन हैं आपकी ये 5 आदतें, तुरंत कर लें सुधार
अमेरिका में FBI का खालिस्तानियों के खिलाफ बड़ा एक्शन, मोस्ट वॉन्टेड समेत 8 आतंकियों को किया गिरफ्तार
Dengue Symptoms: मानसून में बढ़ता है डेंगू का कहर, जानें इस बीमारी के क्या हैं लक्षण, कैसे करें बचाव
आंद्रे रसेल की वाइफ Jassym Lora का हॉट अवतार, कपड़े से लटकर अनोखे अंदाज में किया वर्कआउट
Elon Musk का भारतीय यूजर्स के लिए बड़ा तोहफा, X प्लेटफॉर्म के सब्सक्रिप्शन में किया बड़ा बदलाव
पंकज त्रिपाठी से लेकर जयदीप अहलावत तक, OTT पर है इन 5 एक्टर का है दबदबा, लेते हैं सबसे ज्यादा फीस
'SIR सिर्फ दिखावा, वोटर लिस्ट से नाम हटाने की साजिश', तेजस्वी यादव ने EC के 80% दावे पर उठाए सवाल
Viral News: तलाक मिलने की इतनी खुशी..., शख्स ने 4 बाल्टी दूध से किया स्नान, वजह सुनकर चौंक जाएंगे आप
SBI PO 2025: एसबीआई पीओ का फॉर्म भरने की आखिरी तारीख कल, इस डायरेक्ट लिंक से तुरंत करें अप्लाई
Uric Acid बढ़ाती है शरीर में इस 1 चीज की कमी, प्यूरिन को फिल्टर नहीं कर पाती किडनी
एक्टिंग ही नहीं सिंगिंग में भी काबिले तारीफ हैं ये 7 एक्टर्स, गा चुके हैं अपनी ही फिल्मों में गाने
Jio फिर से देने जा रहा है फ्री 5G अनलिमिटेड इंटरनेट और कॉलिंग, जानें किसे और कैसे मिलेगा फायदा?
TMKOC फेम 'जेठालाल' ने 45 दिनों में कैसे घटाया 16 किलो वजन? जानें दिलीप जोशी की Weight Loss Journey
बारिश के दिनों बना रहता है जोड़ों का दर्द, इन 5 तरीकों से पाएं दर्द और अकड़न से राहत
कौन हैं IPS सोनाली मिश्रा जो बनीं RPF की पहली महिला चीफ? जानें अबतक किन बड़े पदों पर कर चुकी हैं काम
'कभी घर पर माचिस भी नहीं थी', इस एक्टर ने किया होटल में काम, आउटसाइडर जानें कैसा बना बॉलीवुड स्टार
दिल्ली के वसंत विहार में भयानक सड़क हादसा, तेज रफ्तार ऑडी ने फुटपाथ पर सो रहे 5 लोगों को रौंदा
Music सुनने से घटेगा ब्लड शुगर लेवल! एक्सपर्ट ने बताया कैसे इंसुलिन पर असर करता है Sound
NEET UG 2025: 21 जुलाई से शुरू हो जाएगी काउंसलिंग, जानें किन-किन डॉक्यूमेंट्स की पड़ेगी जरूरत
अगले 139 दिन इन 4 राशियों के लिए होंगे भयानक, शनिदेव की तिरछी नजर नौकरी, पैसा और रिश्ते करेगी खराब
क्यों सावन में बाल या दाढ़ी नहीं कटवानी चाहिए? क्या है इसके पीछे की परंपरा और वैज्ञानिक कारण?
Indian Army Agniveer Answer Key 2025: अग्निवीर CEE प्रोविजनल आंसर की को कैसे करें चेक और डाउनलोड?
फेमस तेलुगु एक्टर Kota Srinivasa Rao का हुआ निधन, 83 की उम्र में ली आखिरी सांस
हर बात में रोक-टोक करते थे राधिका यादव के पेरेंट्स, बेस्ट फ्रेंड बताया- उसे घुटन होने लगी थी
सावन मास में शिव पूजा के दौरान शिवलिंग को छूना चाहिए या नहीं? जानिए क्या हैं मान्यता
रोमांटिक मूड में हैं तो पार्टनर के साथ R Madhavan की ये फिल्मे देखिए, लव लाइफ पर पड़ेगा पॉजिटिव असर
अहमदाबाद प्लेन क्रैशः FAA की एडवाइजरी के बाद भी क्यों नहीं बदले गए Fuel Switch, जानिए क्या है पेच?
R Madhavan ने तोड़ा लाखों फैंस का दिल, Aap Jaisa Koi को बताया आखिरी रोमांटिक फिल्म
सुबह उठते ही महसूस होती है सुस्ती और थकान? इसके पीछे कारण हो सकती हैं ये 5 वजह
नसों में जमा गंदगी को वैक्यूम क्लीनर की तरह साफ कर देंगे ये 5 फूड्स, Bad Cholesterol का होगा सफाया
Zeenat Aman की बिगड़ी तबीयत, हुई ICU में भर्ती, अपकमिंग सीरीज के डायरेक्टर ने दिया हेल्थ अपडेट
Rashifal 13 July 2025: धनु राशि के जातक नौकरी में बरतें सावधानी, जानें आज का अपना राशिफल
Bihar Crime: बिहार में नहीं थम रहा अपराध का सिलसिला, एक और कारोबारी को सरेआम गोली मार कर हत्या
गोकर्ण की गुफा में ध्यानमग्न मिली रूसी महिला, 8 साल पहले खत्म हो चुका था वीजा
दिलजीत दोझांस की Punjab '95 में 127 कट लगाना चाहता है सेंसर बोर्ड, डायरेक्टर ने सुनाई खरी-खोटी
Causes Of Kidney Stones: किन वजहों से बढ़ता है किडनी स्टोन का खतरा?
क्या ChatGPT हो रही है हमेशा के लिए बंद? यूजर्स में मचा हड़कंप
करोड़ों साल पहले नहीं होता था 24 घंटे का एक दिन, जानें कैसे हुआ ये परिवर्तन
Tooth Cavity Treatment: खाने के बाद चबा लें ये 1 चीज, दांतों पर कभी नहीं लगेगा कीड़ा
ट्रेन में लंगूर की यात्रा! ना हंगामा, ना शोर... बस शांति से बैठा और पहुंच गया रांची
भारत
मिजोरम राज्य अधिनियम, 1986 पारित होने के बाद मिजोरम को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलता था. आइए जानते हैं मिजोरम की कहानी.
पूर्वोत्तर का एक राज्य मिजोरम (Mizoram). यहां की राजधानी आइजोल (Aizawl) है. यहां मिजो जनजाति (Mizo Tribe) बहुसंख्यक है. इसकी सीमाएं, त्रिपुरा (Tripura), असम (Assam) और मणिपुर (Manipur) से होकर गुजरती हैं. इस राज्य की करीब 722 किलोमीटर तक की सीमा बांग्लादेश (Bangladesh) और म्यांमार (Myanmar) से लगती है.
साल 1972 तक मिजोरम असम का हिस्सा था. कैसे यह भारत का 23वां राज्य बना, कैसे यहां उग्रवाद पनपा, कैसे यहां के सशस्त्र विद्रोह का दमन हुआ और कैसा था यहां का पहला आम चुनाव, आइए जानते हैं.
इसे भी पढ़ें- PM Modi का मिशन 370 पर देर रात तक मंथन, क्या आज आएगी BJP की पहली लिस्ट? अटकलें तेज
क्यों बागी हो गए थे मिजोरम के लोग?
मिजोरम के अतीत में विद्रोह की नींव है. साल 1947 में जब देश स्वतंत्र हुआ तब यह राज्य असम का हिस्सा था. साल 1959 में भीषण अकाल पड़ा तो यहां के लोगों ने असम और केंद्र सरकार से मदद मांगी. मिजोरम के लोगों को लगा कि उन्हें मदद नहीं मिल रही है.
कैसे एक शख्स ने भड़का दी बगावत?
मिजोरम घाटी भुखमरी का शिकार हो गई थी. लोगों ने हथियार हाथों में लेकर हिंसक आंदोलन किया. जिस संगठन ने शुरुआत की उसका नाम मिजो नेशनल फ्रंट था. MNF नेता लालडेंगा अगुवा थे.
पाकिस्तान-चीन भी साजिश में थे शामिल!
इस आंदोलन में विदेशी ताकतें कूद पड़ीं. पाकिस्तान और चीन विद्रोहियों तक हथियार पहुंचाने लगे. 1 मार्च 1966 को ऑपरेशन जेरिको लॉन्च हुआ. विद्रोहियों ने घोषणा की कि वे भारत से आजाद हैं.
यह भी पढ़ें- हलद्वानी हिंसा: Abdul Malik का खुलासा, 'कई अन्य जगहों पर भी बने हैं अवैध मदरसे'
भारत से अलग होना चाहते थे विद्रोही
विद्रोहियों के हौसले इतने बुलंद हो गए थे कि उन्होंने असम राइफल्स के हेडक्वार्टर पर फहरा रहे तिरंगे तक को उतार फेंका. टेलीफोन एक्सचेंज को विद्रोहियों ने तोड़ दिया, जिससे वहां की कोई खबर भारत तक न पहुंचे. यह खबर इंदिरा गांधी को लगी.
इंदिरा गांधी ने उतार दी थी वायुसेना
3 मार्च को सेना ने सिल्चर से मिजो पहाड़ियों में दाखिल होने की कोशिशों में जुट गई. सेना हेलीकॉप्टर से पर्चे गिरा रही थी कि किसी भी कीमत पर आम लोग विद्रोम में शामिल न हों.
5 मार्च 1966 को मिजोरम की राजधानी आइजोल में इंदिरा गांधी ने वायुसेना को उतार दिया था. वायुसेना ने कुछ गोले बरसाए थे. कहा गया कि ये राहत सामग्री हैं लेकिन लोगों ने विधानसभा ले जाकर दिखाया कि ये बम हैं, फूड पैकेज नहीं.
यह भी पढ़ें- POCSO का दोषी पीड़िता के गांव में पैरोल की अवधि नहीं गुजार सकता, HC ने सुनाया फैसला
इस बहादुर जनरल ने की बागियों की बोलती बंद
सैन्य अभियान की अगुवाई जनरल मार्शल सैम मानेक शॉ कर रहे थे.उनकी सख्त कार्रवाई की वजह से स्थानीय लोगों का विद्रोह और बढ़ गया. सेना के बढ़ते खौफ के चलते लोग MNF नेताओं की शामत आई और उन्हें भागना पड़ा. MNF के सबसे बड़े नेता लालडेंगा पाकिस्तान के रास्ते भागे और लंदन चले गए.
क्या थी सरकार और मिजो विद्रोहियों की शर्तें?
वे कई साल बाद भारत लौटे. सेना ने विद्रोह कुचल दिया था. साल 1980 में लालडेंगा ने कहा कि वे सरकार के साथ शांति वार्ता चाहते हैं. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी इसके लिए तैयार हो गई थीं. उन्होंने शर्त रखी कि भारतीय संविधान के तहत ही MNF की मांगे मानी जा सकती हैं.
और ऐसे पड़ी सबसे बड़ी बाधा
अक्टूबर 1984 को लालडेंगा और इंदिरा के बीच शांति वार्ता होने वाली थी लेकिन इंदिरा गांधी की हत्या हो गई थी. उनके बॉडीगार्ड्स ने उन्हें मार डाला था. जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने तो मिजोरम शांति वार्ता आगे बढ़ी. 30 जून 1986 को मिजोरम शांति समझौता हुआ.
कैसे अलग राज्य बना मिजोरम?
साल 1986 में किसी तरह मिजोरम नेशनल फ्रंट और भारत सरकार के बीच मिजोरम शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए. साल 1987 में मिजोरम को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला. मिजोरम में 2 दशकों का हिंसक संघर्ष चला. 1987 में मिजोरम प्रदेश में पहली बार चुनाव हुए और लालडेंगा मिजोरम के पहले मुख्यमंत्री बने.
आइए जानते हैं मिजोरम का चुनावी इतिहास
मिजोरम में कांग्रेस और मिजो नेशनल फ्रंट की ही चुनावी लड़ाई रही है. यह अलग राज्य जब नहीं बना था, तब भी यहां की लोकसभा सीट अस्तित्व में थी. मोजरम में साल 1971 से लोकसभा चुनाव हो रहे हैं.
मिजोरम के पहले सासंद संगालिना थे. वे पांचवी लोकसभा (5 मार्च 1971-18 जनवरी 1977) तक के लिए चुने गए थे. मिजोरम के दूसरे सांसद डॉ. रोथुमा थे. वे पीपुल्स कॉन्फ्रेंस से चुनाव लड़े थे. उन्होंने 7वें लोकसभा चुनाव में भी जीत हासिल की थी. मिजोरम के चौथे सांसद लालदुहावमा थे. वे आठवीं लोकसभा के लिए चुने गए थे. वह कांग्रेस से थे.
इसके बाद क्रमश: डॉ. सी सिल्वर, डॉ. एच.लालुंगमुआना, वनलालजौमा सांसद रहे. वनलालजौमा मिजो नेशनल फ्रंट के नेता रहे हैं, वे 14वीं लोकसभा के लिए भी चुने गए थे. सीएल रुआला दो बार सांसद चुने गए. मिजोरम के मौजूदा सांसद सी लालरोसांगा हैं. वे मिजो नेशनल फ्रंट के हैं.
क्या है मिजोरम का चुनावी माहौल?
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में मिजो नेशनल फ्रंट के नेता सी लालरोसांगा मिजोरम के सांसद चुने गए थे. मिजोरम में इस बार मिजो नेशनल फ्रंट बुरी तरह से हारी और जोरम पीपुल्स मूवमेंट को शानदार जीत मिली. लालदुहोमा इस राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं.
मोदी लहर में, जोरमथंगा के नेतृत्व वाली मिजो नेशनल फ्रंट चुनाव हार गई. बीजेपी इस पार्टी के साथ गठबंधन में थी. 40 सदस्यों वाली विधानसभा में मिजो नेशनल फ्रंट को महज 10 सीटें मिली हैं. बीजेपी दो सीटों पर कामयाब हुई. सत्तारूढ़ ZPM के पास कुल 27 सीटें हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस चुनाव में NDA गठबंधन की जीत होती है या ZPM ही बाजी मार लेगी.