Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

टाटा कंपनी को क्यों 766 करोड़ रुपये देगी ममता सरकार, जानें पूरा मामला

Singur Plant Case: Tata Motors News: सिंगूर जमीन विवाद मामले में टाटा ग्रुप की बड़ी जीत हुई है. पश्चिम बंगाल सरकार को टाटा ग्रुप को 766 करोड़ रुपये चुकाने होंगे.

टाटा कंपनी को क्यों 766 करोड़ रुपये देगी ममता सरकार, जानें पूरा मामला

Singur land dispute news hindi today update 

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: टाटा मोटर्स ने सिंगूर-नैनो प्रोजेक्ट केस में पश्चिम बंगाल सरकार से मुआवजे का केस जीत लिया है. सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पंचाट न्यायाधिकरण ने मामले का निपटारा करते हुए टाटा मोटर्स के पक्ष में फैसला सुनाया है. जिसमें बंगाल सरकार को सिंगूर में नैनो फैक्ट्री को बंद करने के लिए टाटा मोटर्स को सितंबर 2016 से 11 प्रतिशत ब्याज के साथ 765.78 करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा. आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है. 

टाटा सिंगूर में नैनो प्लांट लगा रही थी और प्लांट लगाने की अनुमति वामपंथी सरकार ने दी थी. उस वक्त ममता बनर्जी विपक्ष में थीं, उन्होंने इस प्रोजेक्ट का विरोध  किया था. ममता ने वाममोर्चा सरकार पर सिंगूर में टाटा के लिए जबरन जमीन अधिग्रहण का आरोप लगाते हुए आंदोलन का नेतृत्व किया था. जब ममता बनर्जी की सरकार आई तो उन्होंने कानून बनाकर सिंगूर की करीब 1000 एकड़ किसानों को लौटाने का निर्देश दिया. करीब 13 हजार किसानों से उनकी जमीन ली गई थी. 

यह भी पढ़ें: मनीष सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली जमानत, समझें पूरा केस

इस राज्य में शिफ्ट कर दिए गया था कारखाना 

12 सितंबर, 2008 को एक बैठक हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. जिसके बाद 3 अक्टूबर, 2008 की दोपहर दुर्गा पूजा उत्सव से दो दिन पहले रतन टाटा ने कोलकाता में प्राइम होटल में बुलाए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस में नैनो प्रोजेक्ट को  सिंगूर से बाहर निकलने की घोषणा की. साल 2008 में आंदोलन के कारण टाटा को अपना कारखाना गुजरात के सानंद में स्थानांतरित करना पड़ा. के लिए ममता बनर्जी के नेतृत्व में जारी तृणमूल कांग्रेस के आंदोलन को जिम्मेदार ठहराया था. इसके बाद गुजरात का साणंद नैनो फैक्ट्री का नया ठिकाना बना.

यह भी पढ़ें: चुनाव प्रचार पर निकले में BRS सांसद पर जानलेवा हमला, पेट में चाकू घोंपा  

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट गई थी टाटा

कारखाना गुजरात ट्रांसफर करने तक क कंपनी करीब एक करोड़ रुपए का निवेश कर चुकी थी. टाटा मोटर्स ने साल 2011 में ममता सरकार के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसके जरिए कंपनी से अधिगृहित जमीन छीन ली गई थी. 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन न करने के मद्देनजर सिंगूर में भूमि अधिग्रहण के वाम मोर्चा सरकार के फैसले को अवैध करार दिया. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

देश और दुनिया की ख़बर, ख़बर के पीछे का सच, सभी जानकारी लीजिए अपने वॉट्सऐप पर-  DNA को फॉलो कीजिए

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement