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Pune Porsche Accident Case: जुवेनाइल कोर्ट ने नाबालिग आरोपी की जमानत की रद्द, बाल सुधार गृह में भेजा

Pune Porsche Accident Case: पुलिस ने नाबालिग लड़के के पिता और बार के मालिक व कर्मियों के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत मुकदमा दर्ज किया है.

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Pune Porsche Accident Case: जुवेनाइल कोर्ट ने नाबालिग आरोपी की जमानत की रद्द, बाल सुधार गृह में भेजा

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पुणे पोर्श एक्सीडेंट मामले में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने बुधवार को नाबालिग आरोपी की जमानत रद्द कर दी है. बोर्ड ने आरोपी को बाल सुधार गृह में भेज दिया है. यहां आरोपी को 5 जून तक ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा. इससे पहले पुलिस ने आरोपी के पिता और पब के दो कर्मियों को गिरफ्तार किया था. 19 मई को नाबालिग ने पोर्श कार से एक युवक और युवती को कुचल दिया था.

पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया कि नाबालिग आरोपी को 5 जून तक चिल्ड्रन रिमांड होम भेज दिया गया है. हमने आरोपी पर एक वयस्क की तरह मुकदमा चलाने के लिए ऊपरी अदालत से अनुमति मांगी है.

24 मई तक पुलिस रिमांड 
वहीं, नाबालिग आरोपी के पिता और पब के दो कर्मियों नितेश शेवाणी और जयेश गावकर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसपी पोंखसे के सामने पेश किया गया. जहां कोर्ट ने उन्हें 24 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. इस दौरान रास्ते में पुलिस वाहन पर कुछ लोगों ने स्याही फेंकने का प्रयास किया. आरोपी का पिता एक रियल एस्टेट कारोबारी है. 

पुलिस ने नाबालिग लड़के के पिता और बार के मालिक व कर्मियों के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. आरोपी नाबालिग रविवार को दुर्घटना से पहले पब गया था. जहां उसने कथित रूप से शराब पी थी. पब के कर्मियों पर नाबालिग को शराब परोसने के लिए मुकदमा दर्ज किया गया है.


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नाबालिग को गाड़ी ले जाने की अनुमति क्यों दी गई?
अभियोजन पक्ष ने आरोपियों को सात दिनों की पुलिस रिमांड में भेजने की मांग की थी, ताकि पुलिस इस बात की जांच कर सके कि पिता ने अपने बेटे को बिना नंबर प्लेट की गाड़ी ले जाने की इजाजत क्यों दी थी. सरकारी वकील ने कहा कि पुलिस को इस बात का पता लगाने की भी जरूरत है कि व्यक्ति बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद फरार क्यों हुआ था.

उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के समय आरोपी नाबालिग के पिता के पास से एक साधारण मोबाइल फोन मिला था और पुलिस को यह जांच करने की जरूरत है कि उसका दूसरा फोन कहां हैं. होटल ब्लैक क्लब के कर्मचारी जयेश गावकर के लिए पुलिस हिरासत की मांग करते हुए अभियोजन पक्ष ने कहा कि वे यह पता लगाना चाहते हैं कि किसकी मंजूरी से नाबालिग और उसके दोस्तों को प्रवेश दिया गया.

पीड़ित पक्ष ने दावा किया कि दुर्घटना के समय नाबालिग के साथ मौजूद पोर्श गाड़ी के चालक ने गाड़ी चलाने को कहा था लेकिन लड़के ने उसे ऐसा करने से मना कर दिया। न्यायाधीश ने दलीलें सुनने के बाद तीनों आरोपियों को 24 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. (PTI इनपुट के साथ)

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