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Farmers Protest: किसान आंदोलन अभी थमा नहीं, चक्का जाम से लेकर महापंचायत तक ये हैं 5 बड़े अपडेट्स 

Farmers Protest Chakka Jam: किसान आंदोलन शनिवार को भी जारी है और फिलहाल किसान संगठन अपनी मांगों से पीछे नहीं हटने वाले हैं. रविवार को पूरे देश में दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक के लिए चक्का जाम का ऐलान किया गया है. 

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किसान संगठनों का प्रदर्शन जारी है और सरकार की वार्ता की कोशिशें अभी सफल होती नहीं दिख रही हैं. रविवार को भी देश भर में आंदोलन जारी रहेगा. पंजाब और हरियाणा में संयुक्त किसान मोर्चा के निमंत्रण पर 18 फरवरी को पूरे देश में दोपहर 12 बजे से लेकर 4 बजे तक ट्रेनों के चक्का जाम का ऐलान किया गया है. इसके अलावा, किसान संगठन के प्रतिनिधियों की कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक भी जारी है. प्रदर्शनकारी किसानों ने पहले ही कह दिया है कि अगर मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो आगे भी यह प्रदर्शन जारी रहने वाला है. जानें अब तक क्या हुआ है और आगे क्या कुछ होने की संभावना है. 

1) किसान नेता जगजीत सिंह दलेवाल ने कहा कि सरकार ने रविवार को बैठक बुलाई है. किसान संगठनों की ओर से कहा गया है कि बैठक के बाद ही आंदोलन (Farmers Protest) के आगे की रणनीति तय होगी. फिलहाल बैठक से पहले हम कोई और कदम नहीं उठाने वाले हैं. 


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2) सरकार की बैठक के साथ-साथ किसान संगठनों की ओर से रविवार को महापंचायत भी बुलाई गई है. प्रदर्शन को देखते हुए हरियाणा सरकार ने एहतियात के तौर पर 7 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का निलंबन 19 फरवरी तक के लिए बढ़ा दिया है.


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3) इस आंदोलन में पंजाब के सबसे बड़े किसान संगठन बीकेयू भी शामिल हो गई है. यूनियन ने शनिवार से 2 दिन के लिए पंजाब के सभी टोल फ्री कर दिए हैं. इसके अलावा, पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और बीजेपी नेता केवल ढिल्लों के घर के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इन नेताओं के घरों के बाहर टेंट लगाकर प्रदर्शनकारी जमा हो रहे हैं.

4) किसान एमएसपी दरों को बढ़ाने की मांग पर अड़े हैं. इसके अलावा, क्षेत्रवार भी किसानों की मुआवजा और सरकारी नौकरी समेत कुछ और मांगें हैं. किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के संयोजक सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि केंद्र सरकार चाहे तो अध्यादेश लाकर फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दे सकती है.

5) सरकार और किसानों के बीच अब तक 4 दौर की बातचीत हो चुकी है जिसमें कुछ मुद्दों पर सहमति बनी है. हालांकि, एमएसपी का मुद्दा ऐसा है जिस पर अभी तक किसान राजी नहीं हुए हैं. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले किसान संगठन सरकार पर दबाव बनाने का महत्वपूर्ण मौका मान रहे हैं.

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