Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

सरकारी विभाग लीक करते हैं जानकारी, रिपोर्ट में भारतीय लोगों ने किये ऐसे दावे

Data Protection Bill 2023: इस बिल में ऐसा प्रावधान बताया जा रहा है कि इसके कानून बनने के बाद भारतीयों के डिजिटल अधिकार और सुरक्षित और मजबूत हो जाएंगे.

article-main

Data Protection Bill

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: मणिपुर के मुद्दे पर चल रहे हंगामे के बीच संसद के मानसून सत्र में सरकार ने लोकसभा में डाटा प्रोटेक्शन को लेकर एक बिल टेबल कर दिया है. केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस बात की पुष्टि की है. संसद में बिल आते ही विपक्ष ने इसे लेकर जमकर विरोध किया. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ज्यादातर लोगों का कहना है कि उनका डाटा सार्वजनिक डोमेन में है. सरकारी विभाग के लोगों ने उनकी व्यक्तिगत जानकारी की है. आइए जानते हैं कि रिपोर्ट में क्या कुछ दावे किए गए हैं.

लोकल सर्कल्स सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया कि 10 में से 7 भारतीय नागरिकों का कहना है कि उनका व्यक्तिगत डेटा पहले से ही सार्वजनिक किया गया है, सरकारी विभागों ने डेटा लीक करने में मदद की है. इस सर्वेक्षण में 300 जिलों के 23,000 से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया था. जिनमें 67% पुरुष थे जबकि 33% महिलाओं को शामिल किया गया था.

सर्वे में किया गया ऐसा सवाल

सर्वे में सवाल किया गया कि क्या उनका व्यक्तिगत डेटा सार्वजनिक डोमेन में है या किसी चीज से समझौता किया गया है? इस सर्वेक्षण में 9% लोगों ने कहा कि उनका डाटा लीक नहीं हुआ है लेकिन 72% लोगों ने कहा कि उनका व्यक्तिगत डेटा ली किया गया है और जो सार्वजनिक डोमेन में है. वहीं, 19% लोगों ने कहा कि वह नहीं जानते कि उनका डाटा लीक हुआ है या नहीं.

सरकार और टेलीकॉम कंपनियों को ठहराया जिम्मेदार

सर्वेक्षण में सवाल किया गया कि डाटा लीक के लिए वह किसको जिम्मेदार मानते हैं? इस पर ज्यादातर लोगों ने अपने व्यक्तिगत डेटा लीक होने के लिए सरकार, टेलीकॉम और बैंकों को जिम्मेदार बताया है. 81% लोगों ने राज्य/ स्थानीय सरकारी कार्यालय, अस्पताल आदि पर डाटा लीक करने का आरोप लगाया है. 69 प्रतिशत लोगों ने बैंकों और वित्तीय सेवा प्रदाताओं और 56% लोगों ने पासपोर्ट, कोविन, आरोग्य सेतु, आधार और मतदाता पहचान का उल्लेख किया है.

सरकार ने पेश किया डेटा प्रोटक्शन बिल

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्वनी वैष्णव ने गुरुवार 3 अगस्त को संसद के मानसून सत्र के दौरान डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल (DPDP), 2022 पेश किया. मैं डाटा प्रोडक्शन विल से सोशल मीडिया कंपनियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी. यह बिल मुख्य रूप से उन लोगों के लिए लाया गया है, जो कि लोगों के निजी डेटा को संभालते हैं और लोगों के अधिकारों को संरक्षित रखना इसका मुख्य उद्देश्य है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement