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Baloda Violence: बलौदा बाजार में हिंसा के बाद धारा 144 लागू, सतनामी समुदाय की भीड़ ने मचाया था बवाल

छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार में सतनामी समाज का आंदोलन सोमवार को अचानक हिंसक हो गया. प्रदर्शनकारियों ने सोमवार की शाम कलेक्टर और एसपी कार्यालयों में आग लगा दी. इस बवाल के बाद अब बाजार में धारा 144 लागू कर दी गई है.

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Baloda Violence: बलौदा बाजार में हिंसा के बाद धारा 144 लागू, सतनामी समुदाय की भीड़ ने मचाया था बवाल

Chhatisgarh balodabazar violence

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छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार में हुई हिंसा के बाद सन्नाटा छाया हुआ है. सोमवार को हुए बवाल के बाद शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात हैं. पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दिया गया है. पुलिस ने हिंसा और आगजनी के आरोप में 60 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है. वहीं, पुलिस उनसे पूछताछ भी कर रही है. पूरी घटना में 25 से ज्यादा पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से इस पूरी घटना पर रिपोर्ट मांगी है. साथ ही लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है. साथ ही उन्‍होंने सौहार्द बिगाड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है. 

प्रदर्शनकारियों ने किया पथराव
छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार में 17 मई से चल रहा सतनामी समाज का प्रदर्शन सीबीआइ जांच की मांग को लेकर सोमवार शाम को उग्र हो गया. आपको बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने सोमवार की शाम कलेक्टर और एसपी कार्यालयों में आग लगा दी, 5000 प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, और लगभग 70 वाहनों को आग के हवाले कर दिया. 


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क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, सतनामी समाज के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब पांच किमी दूर मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिह्न जैतखाम को असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इसके बाद लोगों ने आरोप लगाया कि पकड़े गए लोग असली आरोपी नहीं हैं और पुलिस दोषियों को बचा रही है. उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने रविवार को ही इस मामले की न्यायिक जांच की घोषणा की थी, लेकिन समाज के लोग सीबीआइ जांच की मांग कर रहे थे. 

प्रदर्शनकारी सोमवार दोपहर लगभग ढाई बजे ज्ञापन देने के लिए कलेक्टर परिसर पहुंचे थे. इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोका, इसके बाद प्रदर्शनकारी और पुलिस बल के बीच झड़प शुरू हो गई. बैरिकेड को तोड़कर भीड़ कलेक्टर परिसर में पहुंच गई. लोगों ने पथराव के साथ गाड़ियों में तोड़फोड़ और आग लगाना शुरू कर दिया. इससे कलेक्टर परिसर के कई विभागों के दस्तावेज जलकर राख हो गए.

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