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Fever in Rainy Season : मॉनसून में बुखार आने पर जरूर करवाएं ये 5 टेस्ट, न करें नजरअंदाज

Test for Monsoon Fever: बरसास्‍त आते ही बीमारियों की बाढ़ आ जाती है. इस सीजन में मच्‍छरों के साथ ही वायरस का डर सबसे ज्‍यादा होता है. अगर आपको बुखार आ रहा है और दवा के बाद भी नहीं उतर रहा तो कम से कम 5 तरह के टेस्‍ट जरूर कराने चाहिए.

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Fever in Rainy Season : मॉनसून में बुखार आने पर जरूर करवाएं ये 5 टेस्ट, �न करें नजरअंदाज

बरसात में बुखार आने पर जरूर कराएं ये 5 टेस्ट

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डीएनए हिंदी: मानसूनी सीजन में कई ऐसी बीमारियां होती हैं जो जानलेवा भी होती हैं. इनके प्रारंभिक लक्षण बेहद सामान्‍य से  नजर आते हैं. यही कारण है क‍ि लोग घर में ही इन बीमारियों का इलाज पहले करने लगते हैं. लेकिन थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है.

इसलिए अगर दो से तीन दिन तक बुखार लगातार आता रहता है तो कुछ टेस्‍ट जरूर कराने चाहिए. सर्दी, खांसी, जुकाम के साथ ही अगर सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी और कमजोरी जैसे लक्षण भी महसूस होने लगे तो समझ लें ये किसी गंभीर बीमारी का संकेत है. तो चलिए जानें कि बरसात में बुखार आने पर किन पांच बीमारियों का खतरा ज्‍यादा होता है. 

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मलेरिया- बरसात के सीजन में पानी का लंबे समय तक जमाव कई खतरनाक मच्‍छरों को जन्‍म देता है. ऐसे में सबसे ज्‍यादा खतरा अगर किसी बीमारी का होता है तो वह है मलेरिया. एनाफिलीज मच्‍छर के काटने से मलेरिया का खतरा होता है. अगर आपको शाम के समय एक निश्चित समय पर तेज ठंड के साथ बुखार आ रहा है तो ये मलेरिया का संकेत है. कंपकंपी, पसीने निकलना और शरीर में दर्द जैसे लक्षण नजर आने पर रैपिट एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट करा लेना चाहिए. 

टाइफाइड-टाइफाइड भी मानसूनी सीजन की बीमारी है. दूषित पानी से होने वाली ये बीमारी शरीर को बुखार और दर्द से तोड़ देती है. टाइफाइड में दिन के समय बुखार तेज रहता है, वहीं सुबह के समय शरीर का तापमान कम होता जाता है. इसमें दस्त, पेट में दर्द और सिरदर्द की समस्‍या बहुत होती है. टाइफाइड के लिए रैपिड टाइपी आईजीएम और विडाल टेस्ट कराया जाता है. 

हेपेटाइटिस ए-हेपेटाइटिस ए वायरस का खतरा बरसात में सबसे ज्‍यादा होता है.इसके लिए दूषित भोजन और पानी ही जिम्‍मेदार होता है. ये जॉन्डिस का बिगड़ा रूप है जो सीधे लिवर पर इफेक्‍ट डालता है. हेपेटाइटिस ए वायरस में बुखार के साथ पेट दर्द, भूख न लगना, कमजोरी, उल्टी और मतली जैसी समस्‍याएं होने लगती हैं. अगर ये लक्षण नजर आएं तो आप इसकी जांच जरूर करा लें.

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डेंगू- डेंगू वायरल संक्रमण है जो एक से दूसरे में होता है. इसलिए इस बीमारी में बहुत सतर्क रहने की जरूरत होती है. ये मच्‍छर के काटने से होती है और जानलेवा भी होती है, क्‍योंकि इसमें प्‍लेटीलेट अचानक से तेजी से कम होने लगता है. तेज बुखार के साथ ही सिरदर्द, स्किन रैशेज, आंखों के पीछे दर्द और शरीर में दर्द ही इस बीमारी के लक्षण है.  डेंगू की जांच के लिए NS1 डेंगू एंटीजन डिटेक्शन और डेंगू IgM टेस्ट करना चाहिए. 

चिकनगुनिया-चिकनगुनिया संक्रमित एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों के काटने से फैलता है. यह मच्छर दिन के समय काटता है. चिकनगुनिया में आपको बुखार हो सकता है. साथ ही इस दौरान त्वचा पर चकत्ते, उल्टी और जोड़ों में दर्द भी महसूस हो सकता है. अगर आपको ये सभी लक्षण नजर आते हैं, तो एक बार चिकनगुनिया का टेस्ट जरूर करवाएं. इसकी जांच के लिए चिकनगुनिया आईजीएम टेस्ट किया जा सकता है.

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