Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Indian Railways: क्यों सबसे ज्यादा Employment देने वाले रेलवे ने छीनी 72,000 नौकरियां?

Explainer: भारतीय रेलवे ने कई पदों पर भर्तियां न निकालने का फैसला किया है. करीब 72,000 पद खत्म कर दिए गए हैं. समझिए वजह.

Indian Railways: क्यों सबसे ज्यादा Employment देने वाले रेलवे ने छीनी 72,000 नौकरियां?

Indian Railways: कई पदों को खत्म करने की चल रही है तैयारी.

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने बीते 6 साल में 72,000 से ज्यादा पदों को खत्म कर दिया है. केरल (Kerala) के राज्यसभा (Rajya Sabha) सांसद वी शिवदासन (V Sivadasan) ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को चिट्ठी लिखकर अपील की है कि रेलवे में हटाए गए पदों को फिर से बहाल करें.

सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले विभाग ने इतने बड़े पैमाने पर पदों को खत्म किया है कि अभ्यर्थी परेशान हैं. भारतीय रेलवे में नौकरी के लिए लोग बड़ी संख्या में आवेदन करते हैं. साल 2019 में 1 लाख पदों के लिए करीब 2.4 करोड़ लोगों ने आवेदन किया था. आखिर रेलवे ने क्यों इन पदों को खत्म किया है, आइए समझते हैं.

क्या Indian Railway के निजीकरण के बारे में विचार कर रही है मोदी सरकार? रेल मंत्री ने दिया यह जवाब

किन पदों को रेलवे ने किया खत्म? 

रेलवे नौकरियों के लिए कई स्तर के विज्ञापन जारी करता है. ग्रुप ए और बी के अधिकारियों के लिए भी वैकेंसी निकाली जाती है. नॉन गैजेटेड ग्रुप के लिए ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों पर भर्तियां निकाली जाती हैं. ग्रुप सी के पद ज्यादातर टेक्निकल और नॉन टेक्निकल कैडर के लिए सृजित किए गए हैं. इन पदों पर क्लर्क, स्टेशन मास्टर्स,  टिकट कलेक्टर्स होते हैं. वहीं ग्रुप डी पोस्ट की वैकेंसी चपरासी, हेल्पर्स और सफाई कर्मचारियों के लिए निकाली जाती है.

भारतीय ट्रेन.

जिन पदों को रेलवे ने खत्म किया है उनमें ज्यादातर पद ग्रुप सी और डी कैटेगरी के हैं. रिपोर्ट्स  के मुताबिक नई टेक्नोलॉजी के आने की वजह से इन पदों की जरूरत खत्म हो गई. रेलवे ने इसी वजह से इन पदों पर भर्तियां न निकालने का फैसला किया है. जिन लोगों की इन पदों पर तैनाती की गई है उन्हें आने वाले दिनों में दूसरे विभागों में नियुक्त किया जा सकता है.

2015 से ही खत्म किए जा रहे हैं पद

साल 2015 से लेकर 2016 तक और 2020 से लेकर 2021 तक करीब 56,888 पदों को 16 अलग-अलग रेलवे जोन ने खत्म किया है. 15,495 पदों को जल्द ही खत्म किया जाएगा. उत्तरी रेलवे ने करीब 9,000 पदों को खत्म किया है. दक्षिणी रेलवे ने 7,524 और पूर्वी रेलने ने 5,700 पदों को खत्म किया है. दक्षिण-पूर्वी रेलवे ने 4,677 पदों को खत्म किया है. 

क्यों रेलवे को उठाना पड़ा यह कदम?

रेलवे अपनी कमाई का 70 फीसदी हिस्सा कर्मचारियों की सैलरी और वेतन पर खर्च करता है. रेलवे के बजट पर इसका बोझ लगातार बढ़ रहा था. साल 2015 में रिस्ट्रक्चरिंग रेलवे कमेटी ने कहा था कि कर्मचारियों पर होने वाला खर्च ज्यादा है, जिसके प्रबंधन में बड़ी रकम खर्च होती है. यह लगातार कहा जा रहा था कि रेलवे अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए संसाधनों पर कम खर्च पा रहा है, अपने कर्मचारियों पर ज्यादा खर्च कर रहा है. 

Indian Railways ने जारी किए नए नियम, उल्लंघन पर लगेगा भारी जुर्माना

रेलवे का ध्यान यात्रियों के जरिए होने वाली आय को बढ़ाने के साथ-साथ ढुलाई के जरिए भी आय बढ़ाने पर है. रेलवे की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा मालगाड़ियां चलाई जाएं. ढुलाई के जरिए होने वाली आय में 24 फीसदी का इजाफा हुआ था. कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) ने दिसंबर 2021 में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि रेलवे को अपने संसाधनों को बढ़ाने की जरूरत है. बजट पर निर्भरता को कम करने के लिए विभाग को काम करना चाहिए. इन पदों को हटाने के पीछे एक वजह यह भी मानी जा रही है. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement