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Neom City: नियोम सिटी प्रोजेक्ट क्या है? क्यों इसे कहा जा रहा है ख्वाबों की दुनिया, जानें सबकुछ 

Neom City Project: सऊदी अरब रेगिस्तान पर दुनिया का पहला ऐसा शहर बसा रहा है जो सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा. इसकी खासियत को देखते हुए इसे ख्वाबों का शहर बताया जा रहा है.  

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Neom City: नियोम सिटी प्रोजेक्ट क्या है? क्यों इसे कहा जा रहा है ख्वाबों की दुनिया, जान��ें सबकुछ 
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डीएनए हिंदीः सऊदी अरब (Saudi Arab) की पहचान ऐसे काम करने की है जिसे कोई और ना कर सके. वह ऐसे प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है जिसे दुनियाभर में अजूबा माना जा रहा है. इस प्रोजेक्ट को नियोम सिटी (Neom City Project) नाम दिया गया है. पहाड़ी रेगिस्तान पर बनने वाला यह शहर कई मामलों में नई पहचान बनाएगा. यह प्रोजेक्ट दुनिया का सबसे महंगा प्रोजेक्ट है. इसे पूरा होने में करीब 500 बिलियन डॉलर का खर्च आएगा. नियोम सिटी प्रोजेक्ट की जो खासियत बताई जा रही हैं वह किसी हॉलीवुड फिल्म की तरह है. 

कब लॉन्च हुआ प्रोजेक्ट 
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Mohammed Bin Salman) ने अपने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की घोषणा 2017 में की थी. वहीं 2021 में क्राउन प्रिंस ने इसका ब्लूप्रिंट सबके सामने रखा था. दावा किया जा रहा था कि प्रोजेक्ट 2026 तक पूरा हो जाएगा. हालांकि इस प्रोजेक्ट में लगातार देरी हो रही है. कई लोगों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट में जिस तरह के दावे किए जा रहे हैं, उन्हें पूरा करने में 50 साल का समय लग सकता है. 

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नियोम नाम का अर्थ
दरअसल नियोम शब्द ग्रीक और अरबी भाषा को दो शब्दों को जोड़कर रखा गया है. इसमें ग्रीक भाषा में 'एम' का अर्थ है नया और अरबी भाषा में 'नियो' का अर्थ है भविष्य, जिन्हें मिलाकर इसका नामकरण नियोम किया गया. 

कहां बनाया जा रहा है प्रोजेक्ट 
नियोम सिटी को सऊदी अरब के जोर्डन और मिस्त्र देश के साथ लगने वाली सीमा पर बसाए जाने की प्लानिंग है. सऊदी अरब के प्रशासन के मुताबिक, इस शहर की खास बात यह होगी कि यहां प्रदूषण का स्तर जीरो रखने के लिए ट्रांसपोर्ट के खास सिस्टम की व्यवस्था की जा रही है. इसी को ध्यान रखते हुए यहां न तो कार चलेंगी और न ही कोई सड़क मौजूद होगी. नियोम में हर चीज प्रकृति के काफी करीब होगी.

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क्या होगी खासियत  
इस शहर को लगभग यूरोपियाई देश बेल्जियम के बराबर बसाया जाएगा, जिसका क्षेत्रफल 30,528 वर्ग किमी है. शहर न्यूयॉर्क से लगभग 33 गुना बड़ा होगा. रेगिस्तान में एक अलग दुनिया का अहसास देने वाले इस शहर में घर, ऑफिस, सार्वजनिक पार्क, अस्पताल या स्कूल सभी वर्टिकल होंगे. इस पूरे शहर के सामने 170 किमी लंबा आईना होगा, जिसमें सभी इमारतों का प्रतिबिंब पूरे शबाब के साथ दिखाई देगा. सबसे बड़ी बात इस आठवें अजूबे में 90 लाख लोग एक साथ रह सकेंगे. ये मेगासिटी प्रोजेक्ट आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस और क्लीन एनर्जी से चलेगा. इस शहर की खासित की बात करें तो योजना के मुताबिक यहां ड्रोन टैक्सी, जुरासिक पार्क के स्टाइल के अम्यूसमेंट पार्क, एक बड़ा आर्टीफीशियल चांद होगा. यहां ऐसी लिफ्ट की बात कही गई है जो किसी तरह हवा में ही चलेंगी और पूरा शहर इनसे जुड़ा रहेगा. इस शहर में बिल्डिंग का आइडिया DNA की तरह घूमी हुई डबल हीलिक्स जैसा होगा। इसके साथ ही दो किमी लंबी एक आर्टिफीशियल झील भी बनाई जाएगी. इस शहर की चौड़ाई सिर्फ 200 मीटर होगी जबकि इसकी लंबाई 161 किलोमीटर होगी और ऊंचाई 500 मीटर होगी जिसमें कांच लगे होंगे. इस शहर में रहने वाले नागरिक एक छोर से दूसरे छोर पर सिर्फ 20 मिनट में पहुंच जाएंगे। ऐसी इसलिए क्योंकि यहां पर एक हाई स्पीड ट्रेन चलाई जाएगी.  

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कहां से आएगा फंड 
इस प्रोजेक्ट के लिए फंड की किसी भी तरह की समस्या ना आए इसके लिए भी इंतजाम कर लिया गया है. क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के मुताबिक नियोम बिजनेस जोन को 2024 में सूचीबद्ध कराया जाएगा. सऊदी अरब नियोम इन्वेसंट्मेंट फंड के नाम पर 300 बिलियन रियाल अलग रखेगी. क्राउन प्रिंस के मुताबिक 2030 तक पूरा होने वाले नियोम के पहले चरण पर 1.2 ट्रिलियन रियाल का खर्च आएगा. इसका आधा खर्च सऊदी संप्रभु धन कोष (सॉवरेन वेल्थ फंड) उठाएगा. माना जा रहा है कि नियोम से सऊदी की स्टॉक मार्केट की वैल्यू में ट्रिलियन रियाल की वृद्धि होगी. शुरुआत में ही 1.2 ट्रिलियन रियाल की वृद्धि होगी और प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद यह दर 5 ट्रिलियन रियाल तक पहुंच जाएगी. 

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