Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

UP Result 2022: यूपी की वो इकलौती सीट, जिसपर 42 साल से अजेय है कांग्रेस

पिछले विधानसभा चुनाव में Congress महज 7 सीट हासिल कर पाई थी.

Latest News
UP Result 2022: यूपी की वो इकलौती सीट, जिसपर 42 साल से अजेय है कांग्रेस

UP congress seat 2022

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: कभी उत्तर प्रदेश की राजनीति में वर्चस्व स्थापित करने वाली कांग्रेस इस बार के विधानसभा चुनाव में महज 2 सीट पर सिमट गई है. यूपी चुनाव परिणाम में कांग्रेस एक सीट पर जीत दर्ज कर चुकी है तो वहीं एक पर आगे चल रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस महज 7 सीट हासिल कर पाई थी. इस बार ​फिर कांग्रेस तमाम वादों और उम्मीदों के बावजूद पिछड़ गई. 

मिश्रा ने लगाई जीत की हैट्रिक 

रामपुर खास से आराधना मिश्रा मोना (aradhana misra mona) ने नागेश प्रताप सिंह उर्फ छोटे सरकार को 14741 वोटों से ​शिकस्त देकर जीत की हैट्रिक लगाई. पिछले दो विधानसभा चुनावों में बीजेपी और सपा की लहर के बावजूद आराधना मिश्रा मोना कांग्रेस के टिकट से जीत हासिल करने में कामयाब रहीं. इस जीत के साथ ही आराधना ने पिता प्रमोद तिवारी की राजनीतिक हैसियत को बरकरार रखा है. 

कौन हैं आराधना मिश्रा मोना?
आराधना मिश्रा मोना प्रियंका गांधी की करीबी नेताओं में शामिल हैं. प्रियंका गांधी के साये की तरह नजर आने वाली मिश्रा उत्तर प्रदेश में कांग्रेस विधायक दल की नेता हैं. उनके पिता प्रमोद तिवारी 41 साल से विधायक थे लेकिन उन्होंने बेटी के लिए यह सीट छोड़ दी. 


विधायक बनने से पहले आराधना पंचायत चुनाव में जीतकर बीडीसी सदस्य बनीं. इसके बाद वह ब्लॉक प्रमुख भी निर्वाचित हुईं. अपने लिए सियासी जमीन तैयार कर चुकीं आराधना मिश्रा को विधानसभा चुनावों में भी शानदार जीत हासिल हुई. 

जीत के बाद आराधना मिश्रा ने ट्वीट कर कहा, रामपुर खास की जनता ने बता दिया कि यहां खोखली बातें नहीं विकास बोलता है. मेरे आदर्श पिता आदरणीय प्रमोद तिवारी जी के साथ 42 वर्षों से रामपुर खास सतत विकास का साक्षी रहा वह निरंतर विकास के अध्याय लिखता रहेगा. अपने जनादेश के लिए मेरे रामपुर खास की जनता का ह्रदय से आभार. 

कौन हैं प्रमोद तिवारी?
प्रमोद तिवारी रामपुर खास सीट से लगातार 9 बार जीत दर्ज कर चुके हैं. इस रिकॉर्ड के साथ एक पार्टी और एक चुनाव निशान से जीत दर्ज करने पर उनका नाम 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज हो चुका है. सबसे पहले प्रमोद तिवारी ने 1980 में इस सीट पर कब्जा जमाया था इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. सरकार चाहे सपा, बसपा या भाजपा की रही हो प्रमोद ने हर बार जीत का परचम लहराकर विरोधियों को चकित कर दिया. प्रमोद तिवारी 1984 से 1989 के बीच 2 बार राज्यमंत्री बने. वह राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं. 

लड़की हूं लड़ सकती हूं कैंपेन 
कांग्रेस ने इस बार 40 प्रतिशत से ज्यादा महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया. पार्टी को उम्मीद थी कि वह इस कैंपेन के जरिए यूपी में सियासी बढ़त हासिल कर लेगी लेकिन उसका यह प्लान फेल हो गया और उसे करारी हार का सामना करना पड़ा. 

7 में से 4 ने छोड़ा था साथ 
विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के 7 में से 4 विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया था. पूर्व विधायक अदिति सिंह, राकेश सिंह और नरेश सैनी ने बीजेपी का हाथ थाम लिया तो वहीं मसूद अख्तर ने समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली थी. कांग्रेस को यूपी इलेक्शन से पहले 4 बड़े झटके लगे थे. 7 में से कांग्रेस के पास तीन विधायक अजय कुमार लल्लू, आराधना मिश्रा और सोहेल अख्तर ही बचे थे. कुशीनगर की तमकुहीराज सीट पर कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू को भी करारी हरार का सामना करना पड़ा. उन्हें बीजेपी के असीम कुमार ने शिकस्त दी. वहीं सोहेल अख्तर भी हार गए. 

फरेंदा से कांग्रेस के वीरेंद्र चौधरी 920 वोटों से आगे 

फरेंदा सीट से कांग्रेस के वीरेंद्र चौधरी बीजेपी के बजरंग बहादुर से 920 वोटों आगे चल रहे हैं. इस सीट पर कांटे का मुकाबला देखने को मिल रहा है. 

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement