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Himachal Pradesh में देश के पहले वोटर ने 105 साल की उम्र में डाला वोट, घर पर ही बिछाया गया रेड कारपेट

Himachal Pradesh Elections: हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले ही 105 साल के श्याम शरण नेगी ने पोस्टल बैलेट से अपना वोट डाल दिया है.

Himachal Pradesh में देश के पहले वोटर ने 105 साल की उम्र में डाला वोट, घर पर ही बिछाया गया रेड कारपेट

105 साल के हो चुके हैं श्याम शरण नेगी

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डीएनए हिंदी: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की वोटिंग 12 नवंबर को वोट डाले जाने हैं. ईवीएम वाली वोटिंग से पहले ही देश के पहले मतदाता श्याम शरण नेगी ने 105 साल की उम्र में अपना वोट डाला. हिमाचल प्रदेश की किन्नौर विधानसभा क्षेत्र के निवासी श्याम शरण 1951-51 के आम चुनावों से अब तक लगातार वोट डाल रहे हैं. उन्होंने अपने ही घर पर पोस्टल बैलट के ज़रिए वोट डाला. चुनाव आयोग ने श्याम शरण नेगी के सम्मान में उनके घर पर ही रेड कारपेट बिछाकर उन्हें सम्मान दिया. वह एक रिटायर्ड शिक्षक हैं और कभी भी वोट डालने से नहीं चूकते.

आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, श्याम शरण नेगी ने 1951-52 के आम चुनावों में भी भाग लिया था, जो देश का पहला आम चुनाव था. नेगी ने अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद शिमला से करीब 275 किलोमीटर दूर कल्पा में कहा, '1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद से मैंने कभी भी अपना वोट डालने का मौका नहीं गंवाया और मुझे इस बार भी मतदान करने में खुशी हो रही है.'

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बैलेट पेपर से डाला वोट
पिछले साल भी उन्होंने मंडी संसदीय उपचुनाव के लिए वोट डाला था. चुनाव अधिकारियों ने कहा कि पहले श्याम शरण नेगी वोट डालने के लिए नजदीकी मतदान केंद्र जाते थे. इस बार, चुनाव आयोग ने 80 की उम्र से ऊपर के लोगों के लिए उनके निवास स्थान पर एक बैलेट पेपर पर वोट डालने के लिए विशेष प्रावधान किया है. पहले उन्होंने कहा कि वह मतदान के दिन (12 नवंबर) वोट डालेंगे. बाद में उन्होंने घर पर ही वोट डालने का फैसला किया.

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उन्होंने वोट देने के बाद अपनी स्याही वाली झुर्रीदार उंगली को लहराया और पिछली बार की ही तरह, मतदाताओं से अपने प्रतिनिधियों को सत्ता में लाने के लिए लोकतांत्रिक अभ्यास में सक्रिय रूप से भाग लेने का अनुरोध किया. लोकतंत्र में दृढ़ विश्वास रखने वाले नेगी कभी भी किसी भी चुनाव में अपना वोट डालने में विफल नहीं रहते हैं, चाहे वह लोकसभा, विधानसभा या पंचायत हो, 1951 में रिटार्यड स्कूल शिक्षक नेगी, चुनाव ड्यूटी पर थे और उन्होंने चीनी निर्वाचन क्षेत्र में अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, जिसे बाद में किन्नौर नाम दिया गया.

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