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Russia-Ukraine के युद्ध से वैश्विक आर्थिक वृद्धि पर बुरा असर! IMF ने जताया यह अनुमान

IMF द्वारा वैश्विक आर्थिक वृद्धि (Global Growth Forecast) के अनुमान को घटाकर 3.6 प्रतिशत कर दिया गया है.

Russia-Ukraine के युद्ध से वैश्विक आर्थिक वृद्धि पर बुरा असर! IMF ने जताया यह अनुमान
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डीएनए हिंदीः अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष यानी आईएमएफ (IMF) ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के हमले की वजह से वैश्विक आर्थिक वृद्धि प्रभावित हुई है. दोनों देशों के बीच चल रहे विवाद का हवाला देते हुए आईएमएफ (IMF) ने कहा कि साल 2022 के लिए वैश्विक आर्थिक वृद्धि (Global Growth Forecast) के अनुमान को घटाकर 3.6 प्रतिशत कर दिया गया है. 

दुनिया के 190 देशों को ऋण देने वाली संस्था आईएमएफ ने कहा कि रूस-यूक्रेन (Russia & Ukraine) के युद्ध से वैश्विक वाणिज्य में रुकावट आई, कच्चे तेल की कीमतें बढ़ी और खाद्य आपूर्ति पर भी असर पड़ा. इस वजह से आईएमएफ ने वर्ष 2022 के लिए अपने वृद्धि के अनुमान को 4.4 फीसदी से संशोधित करते हुए 3.6 प्रतिशत कर दिया है.

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आईएमएफ का मानना है कि अगले साल वैश्विक वृद्धि 3.8 प्रतिशत के अनुमान के बजाय 3.6 फीसदी ही रह सकती है. आईएमएफ का यह संशोधित अनुमान महामारी के झटके से उबरने की कोशिश में लगी विश्व अर्थव्यवस्था के लिए तगड़े झटके की तरह है. वर्ष 2021 में विश्व अर्थव्यवस्था महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप के बावजूद 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी.  

आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे ओलिवर गॉरिंशस ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध आर्थिक वृद्धि को सुस्त करने के साथ ही मुद्रास्फीति बढ़ाने का भी काम करेगा. मुद्राकोष का अनुमान है कि जंग की वजह से कई आर्थिक प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस की अर्थव्यवस्था में वर्ष 2022 में 8.5 फीसदी की गिरावट आएगी. वहीं यूक्रेन की अर्थव्यवस्था में 35 प्रतिशत के भारी संकुचन की आशंका जताई गई है.

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 दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका में भी इस साल वृद्धि के 3.7 फीसदी रहने का अनुमान आईएमएफ ने लगाया है जबकि वर्ष 2021 में यह 5.7 प्रतिशत रहा था. नया अनुमान जनवरी में लगाए गए चार फीसदी के उसके पिछले अनुमान से भी कम है. आईएमएफ का मानना है कि रूसी ऊर्जा पर बहुत अधिक निर्भर यूरोप को रूस-यूक्रेन युद्ध का खामियाजा आर्थिक गिरावट के रूप में भुगतना पड़ेगा.

 मुद्राकोष ने यूरोपीय संघ में शामिल 19 देशों के लिए 2.8 प्रतिशत की सामूहिक वृद्धि का अनुमान लगाया है. वहीं दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की वृद्धि इस साल घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ जाएगी जो वर्ष 2021 में यह 8.1 प्रतिशत रही थी. कोविड के प्रसार पर काबू पाने के लिए शंघाई एवं शेन्जेन जैसे शहरों में सख्त लॉकडाउन से चीन की वृद्धि प्रभावित होगी. आईएमएफ ने इस साल उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में उपभोक्ता कीमतों में 5.7 प्रतिशत की उछाल की भी आशंका जताई है जो 1984 के बाद का उच्चस्तर है. अमेरिका में मुद्रास्फीति पहले ही चार दशक के उच्चस्तर पर है.

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