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चीन की इंटरनेशनल 'बेइज्जती', ब्रिटेन ने नहीं दी क्वीन एलिजाबेथ के अंतिम दर्शन की अनुमति, जानिए क्या है वजह

महारानी के अंतिम संस्कार में ब्रिटेन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को राष्ट्राध्यक्ष के रूप में आमंत्रित किया है जिसके साथ उसके राजनयिक संबंध हैं.

चीन की इंटरनेशनल 'बेइज्जती', ब्रिटेन ने नहीं दी क्वीन एलिजाबेथ के अंतिम दर्शन की अनुमति, जानिए क्या है वजह

एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम दर्शन नहीं कर सकेगा चीन

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डीएनए हिंदी: चीन को ब्रिटेन में बड़ी अंतराष्ट्रीय बेइज्जती का सामना करना पड़ा है. ब्रिटेन ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सोमवार को लंदन जाने वाले चीनी प्रतिनिधिमंडल को संसद के अंदर उनके ताबूत को देखने की अनुमति नहीं दी है. उनकी विदाई में दुनिया भर के शिष्टमंडल शामिल होंगे. बताया जा रहा है कि राष्ट्राध्यक्षों और गणमान्य विदेशी अतिथियों समेत 500 लोगों को बुलाया गया है.

बता दें कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के ताबूत को ब्रिटिश सरकार की निगरानी में संसद के अंदर रखा है. जानकारी के मुताबिक, ब्रिटिश संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स के अध्यक्ष सर लिंडसे हॉयल ने चीनी प्रतिनिधिमंडल को महारानी के ‘लाइंग-इन-स्टेट’ कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. महारानी का राजकीय अंतिम संस्कार सोमवार यानी 19 सितंबर को वेस्टमिंस्टर एबे में किया जाएगा.

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चीन को एलिजाबेथ के अंतिम दर्शन की नहीं मिली अनुमति
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, लिंडसे हॉयल ने उइगुर मुस्लिम अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का आरोप लगाने के लिए 5 ब्रिटिश सांसदों के खिलाफ चीनी प्रतिबंधों के कारण चीन के प्रतिनिधिमंडल के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया. हाउस ऑफ कॉमन्स ने कहा कि उसने सुरक्षा मामलों पर कोई टिप्पणी नहीं की है. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन को अंतिम संस्कार कार्यक्रम में उपस्थित होने की अनुमति होगी लेकिन उसे संसद भवन के अंदर के कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी. 

एलिजाबेथ द्वितीय का सोमवार को होगा अंतिम संस्कार

वेस्टमिंस्टर हॉल संसदीय संपदा का हिस्सा हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्ड्स के अध्यक्षों के नियंत्रण में है. इससे ब्रिटेन-चीन संबंध और तनावपूर्ण हो सकते हैं. ब्रिटेन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को उस देश के राष्ट्राध्यक्ष के रूप में आमंत्रित किया है जिसके साथ ब्रिटेन के राजनयिक संबंध हैं. माना जा रहा है कि जिनपिंग की जगर प्रतिनिधिमंडल के साथ उपराष्ट्रपति वांग चिशान को ब्रिटेन भेजा सकता है. इससे पहले उन सांसदों ने चीनी राष्ट्रपति को अंतिम संस्कार कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किए जाने पर आपत्ति जताई थी, जिनके खिलाफ चीन ने प्रतिबंध लगाए हैं.

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चीन उइगरों को कर रहा उत्पीड़न
ब्रिटेन के एक सांसद ने कहा कि ब्रिटेन को ऐसे देश के साथ सामान्य संबंध नहीं रखना चाहिए जो पिछले 60-70 साल से तिब्बत के अलावा उइगरों लोगों का उत्पीड़न कर रहा है. उन्होंने इस क्रम में हांगकांग का भी जिक्र किया. चीन द्वारा प्रतिबंधित सांसदों ने इस सप्ताह की शुरुआत में संसद के दोनों सदनों के अध्यक्षों को पत्र भेजकर आश्वासन मांगा था कि चीनी प्रतिनिधियों को संसदीय संपदा में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

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