Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Google कर रहा एंड्रॉयड मार्केट में मोनोपॉली, CCI ने लगा दिया 1,337 करोड़ रुपये का जुर्माना

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने अमेरिकी टेक कंपनी को तय टाइमलाइन के अंदर अपने कामकाज का तरीका बदलने के लिए भी कहा है.

Google कर रहा एंड्रॉयड मार्केट में मोनोपॉली, CCI ने लगा दिया 1,337 करोड़ रुपये का जुर्माना
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: भारतीय बाजार में गलत तरीके से दबदबा बनाने की कोशिश कर रही कंपनियों के खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) ने सख्त रुख कर लिया है. बुधवार को OYO, MakeMyTrip व GoIbibo पर 392 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के बाद CCI ने बृहस्पतिवार को अमेरिकी टेक जॉइंट गूगल (Google) पर कार्रवाई कर दी. CCI ने गूगल की अनुचित कारोबारी गतिविधियों के लिए 1,337.76 करोड़ रुपये का भारीभरकम जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना गूगल पर एंड्रॉयड मार्केट में मोनोपॉली बनाने के कारण लगाया गया है. साथ ही उसे अपने कामकाज के तरीके को बदलने का भी निर्देश दिया गया है.

पढ़ें- OYO, MakeMyTrip और Goibibo पर 392 करोड़ रुपये का जुर्माना, जानिए CCI ने क्यों की कार्रवाई

क्या कहा है CCI ने आदेश में

CCI ने अपने आदेश में कहा है कि गूगल ने विभिन्न मार्केट में एंड्राइड मोबाइल डिवाइस इकोसिस्टम में अपने दबदबे का गलत लाभ उठाया है. CCI ने कहा कि हमने गूगल के कामकाज से जुड़ी कई बातों की जांच की है, जिनमें एंड्रॉयड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम और गूगल के मालिकाना हक वाली यूट्यूब, प्ले स्टोर, गूगल सर्च, गूगल क्रोम जैसी विभिन्न ऐप्स को यूज करने के लिए लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया शामिल है. इसके लिए आयोग ने मौजूदा मामले से जुड़े पांच भारतीय बाजारों पर गौर किया है. इसमें गूगल की तरफ से एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइस इकोसिस्टम में दबदबे का गलत तरीके से इस्तेमाल करने की बात साबित हुई है. इसी कारण जुर्माना लगाया गया है.

CCI Order

यह भी दिया है गूगल को आदेश

CCI ने गूगल को अपनीअनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोकने और बंद करने के लिए कहा है. साथ ही एक तय टाइमलाइन के अंदर अपने कामकाज के तरीके को भी बदलने का निर्देश गूगल को दिया गया है. 

पढ़ें- बीते दो साल में भारतीय ‘वेब 3.0’ स्टार्टअप बढ़कर हुए 450 से ज्यादा, चार बन चुके हैं यूनिकॉर्न  

गूगल ने दिया था एपल की चुनौती का हवाला

CCI के मुताबिक, गूगल ने अपने एंड्रॉयड OS के सामने एपल के iOS ऑपरेटिंग सिस्टम की चुनौती होने का तर्क दिया था. इसके चलते आयोग ने दोनों कंपनियों के बिजनेस मॉडल की स्टडी के बाद उनके बीच के अंतर को नोट किया. दोनों कंपनियों के कामकाज व नीतिगत निर्णय लेने के तरीके में बेहद अंतर है. एपल का मकसद अपने स्मार्ट फोन की बिक्री बढ़ाना है, जबकि गूगल अपने प्लेटफॉर्मों पर ज्यादा से ज्यादा यूजर जुटाकर ऐप्स के जरिए उनसे कमाई करने के बिजनेस मॉडल को फॉलो करता है. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement