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Toxic Love : पार्टनर के खिलाफ नहीं उठा पाते हैं आवाज, कहीं आप ट्रॉमा बॉन्ड के शिकार तो नहीं ?

Trauma Bond: ट्रॉमा बॉन्ड के शिकार लोग अक्सर अपने पार्टनर के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाते हैं, उनसे डरने लगते हैं. 

Toxic Love : पार्टनर के खिलाफ नहीं उठा पाते हैं आवाज, कहीं आप ट्रॉमा बॉन्ड के शिकार तो नहीं ?

पार्टनर के खिलाफ नहीं उठा पाते हैं आवाज? ट्रॉमा बॉन्ड के हो सकते हैं शिकार

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डीएनए हिंदी: कई बार कुछ रिश्ते शुरुआत में तो ठीक चलते हैं, लेकिन एक वक्त के बाद ये रिश्ते एक दूसरे पर बोझ बन जाते हैं. ऐसे रिश्ते में लोगों को घुटन महसूस होता है, लेकिन वे चाह कर भी इस घुटन से निकल नहीं पाते हैं. ऐसे लोग ट्रॉमा बॉन्ड (Trauma Bond) के शिकार होते हैं. यह एक ऐसा अनहेल्दी रिलेशनशिप (Unhealthy Relationships) है, जो तब विकसित होता है, जब कोई व्यक्ति दर्द, मानसिक उत्पीड़न, दुर्व्यवहार से भरे रिश्ते में फंस कर रह जाता है (Toxic Relationship). वैसे तो यह किसी भी रिश्ते में हो सकता है. लेकिन आमतौर पर ऐसा पति-पत्नी या प्रेमी प्रेमिका के बीच में अधिक देखने को मिलता है. हालांकि, ये उन लोगों के बीच भी विकसित हो सकता है, जिनका आपस में कोई रिश्ता भी नहीं होता. ट्रॉमा बॉन्ड तब बनता है जब एक व्यक्ति लगातार दूसरे को चोट पहुंचाता है. लेकिन, भावनात्मक लगाव के कारण पीड़ित व्यक्ति चोट पहुंचाने वाले को छोड़ नहीं पाता (Love And Relationship Tips In Hindi). 

ट्रॉमा बॉन्ड के संकेतों को पहचानना इससे निकलना जीवन में आगे बढ़ने के लिए बहुत जरूरी है. आज हम आपको ट्रॉमा बॉन्ड के कुछ लक्षण के बारे में बता रहे हैं जिसकी मदद से आप इसकी पहचान कर सकते हैं. चलिए जानते हैं इसके बारे में. 

पार्टनर के बिना असुरक्षित महसूस करना

अगर आपको पारिवारिक सदस्य या फिर अपने पार्टनर के आस-पास नहीं होने पर उनकी जरूरत से ज्यादा याद आती है, तो आप इससे बचें. पार्टनर पर पूरी तरह से निर्भर हो जाना या फिर जरूरत से ज्यादा लगाव किसी भी संबंध के लिए हानिकारक है. क्योंकि, ये आपको दूसरे लोगों से संबंध बनाने से रोकता है.

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गलत व्यवहार को अनदेखा करना 

कई बार ट्रॉमा बॉन्ड में फंसे लोग समस्या की गंभीरता को समझने और इसके खिलाफ आवाज उठाने के बजाय अपने पार्टनर या पारिवारिक सदस्य के गलत व्यवहारों को अनदेखा करने लगते हैं और उनके लिए बहाने बनाते हैं. ऐसे में उनके साथ गलत व्यवहार करने वाले को और ताकत मिलती है.

आत्म-सम्मान का कम होना

लोग अक्सर ट्रॉमा बॉन्ड में बने रहते हैं क्योंकि उन्हें विश्वास होने लगता है कि वे इस दुर्व्यवहार के लायक हैं या फिर उन्हें लगता कि वे इससे अच्छे के लायक नहीं है. कई बार कम आत्म-सम्मान लोगों को उन रिश्तों में फंसाए रखता है जहां उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं होता है. 

बदले का डर होना

अक्सर ट्रॉमा बॉन्ड के शिकार लोग नतीजों से डरने लगते हैं. उन्हें ऐसा लगने लगता है कि अगर वह दुर्व्यवहार करने वाले के खिलाफ बोलेंगे तो वह उनसे इसका बदला ले सकता है या फिर उनके रिश्ते में समस्या बढ़ सकती है. लेकिन शायद आप गलती कर रहे हैं, चुप रहना समस्या को और बढ़ा सकती है.

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पार्टनर करता है बदलने का वादा

अगर दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाने पर आपका साथी आपसे वादा करता है कि वह अपने व्यवहार में बदलाव लाएगा या फिर वो अपने आप को सुधार लेगा. लेकिन ऐसा नहीं होता है. आए दिन वह आपके साथ दुर्व्यवहार करता है फिर यही बात दोहराता है और आप बार-बार उसे मौके देते हैं. तो इससे स्थिति और बिगड़ती जाएगी. ऐसे में उम्मीद न पालें और जवाब दें.

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