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Cbse Board Exam: एक एग्जाम डिसाइड नहीं करता फ्यूचर, सचिन तेंदुलकर से लेकर मार्क जुकरबर्ग तक ने यूं ही नहीं बनाई अपनी अलग पहचान

आज Cbse Board Exam में10वी का हिंदी पेपर है. अगर आज का पेपर अच्छा नहीं हुआ तो आप घबराएं नहीं, अभी कई और मौके आने हैं जब आप खुद को बेहतर साबित कर सकते हैं. दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जो कम पढ़े-लिखें हैं लेकिन उन्होंने वो मुकाम पाया है, जिसके सपने लोग देखते हैं. एक एग्जाम आपका फ्यूचर तय नहीं कर सकता.

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Cbse Board Exam: एक एग्जाम डिसाइड नहीं करता फ्यूचर, सचिन तेंदुलकर से लेकर मार्क जुकरबर्ग तक ने यूं ही नहीं बनाई अपनी अलग पहचान

CBSE Exam, Board Exam

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एग्जाम कोई भी हो जरूरी नहीं कि आप हमेशा उसमें सफल और बहुत बेहतर करें. कई बार लाख कोशिशों के बाद भी हम वो नहीं कर पाते जो करना चाहते हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं, कि एक ही एग्जाम आपकी किस्मत तय कर दें. सचिन तेंदुलकर दसवीं में फेल हुए थे तो स्टीव जॉब्स को कॉलेज की पढ़ाई बेकार लगी थी, वहीं, फेसबुक के संस्थापक और सीईओ, मार्क जुकरबर्ग ने कॉलेज ज्वाइन कर छोड़ दिया था, लेकिन आज बहुत पढ़े-लिखे लोगों से ज्यादा पैसा और नाम इनके पास है.

तो घबराएं नहीं, कि एग्जाम में अच्छे नंबर लाने वाला ही हमेशा अव्वल होगा ये जरूरी नहीं, बल्कि फेल होने वाले भी अपना वजूद ऐसा बनाते हैं कि दुनिया उन जैसा बनने की सीख देती है. CBSE दसवीं या  बारहवीं में फेल होने या कम नंबर आने का मतलब यह कतई नहीं कि आप आगे कभी कामयाब नहीं हो सकते. देश और दुनिया के तमाम ऐसे लोगों का उदाहरण सामने है, जो स्‍कूली पढ़ाई में या करियर के शरुआती दौर में फेल कर दिए गए थे, लेकिन खुद को दूसरे फिल्ड्स में ऐसा मांजा कि दुनिया में पेरेंट्स उन जैसे बच्चों को बनने की सीख देती है.

सचिन तेंदुलकर
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का नशा था और उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता था. सचिन क्रिकेट की व्यस्तता की वजह से वे दसवीं में फेल हुए थे. उसके बाद उन्होंने क्रिकेट में अपना जुनून दिखा दिया.

अमिताभ बच्चन

अदाकारी और आवाज के महानायक अमिताभ बच्‍चन को कभी आल इंडिया रेडियो यानी आकाशवाणी ने ऑडिशन में रिजेक्‍ट कर दिया था. जिसकी आवाज को कभी अच्‍छा न कहकर खारिज कह दिया गया था, वही आवाज आज हर किसी को जादू की तरह लुभा रही है.

बिल गेट्स

इन्होंने हार्वर्ड से पढ़ाई  बीच में ही छोड़ दी थी और माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक पॉल एलन के साथ ट्रैफ-ओ-डेटा नामक पहला असफल व्यवसाय शुरू करने के बाद उन्हें सफलता के लिए कोई रास्ता नहीं दिख रहा था. हालांकि बाद उनके काम ने वैश्विक साम्राज्य का निर्माण किया जो कि माइक्रोसॉफ्ट है. 

ओपरा विन्फ्रे

ज्यादातर लोग ओपरा को टीवी के सबसे प्रतिष्ठित चेहरों में से एक के साथ-साथ दुनिया की सबसे अमीर और सबसे सफल महिलाओं में से एक के रूप में जानते हैं. ओपरा को उस पद तक पहुंचने के लिए कई रिजेक्शन झेलने पड़े थे.उन्होंने टेलीविजन रिपोर्टर के रूप में अपनी नौकरी से निकाल दिए जाने सहित कैरियर की कई असफलताओं का सामना करना पड़ा क्योंकि वह टीवी के लिए अयोग्य थीं. लेकिन दुनिया आज उनका नाम जानती है.

संदीप माहेश्वरी

मोटिवेशनल स्पीकर संदीप माहेश्वरी आज किसी परिचय के मोहताज नही हैं. लेकिन एक समय ऐसा भी था जब उनकी गिनती फेलियर में होती थी. पढ़ाई में मन नहीं लगता तो उन्होंने बतौर फ्रीलांस फोटोग्राफर अपना करियर शुरू किया. वे कॉलेज ड्रॉप आउट हैं. संदीप लोगों को मोटिवेट करने का काम भी करते हैं और उनसे प्रभावित होकर न जाने कितने लोगों को जीवन में सही राह चुनने में मदद मिली है.

स्टीव जॉब्स
Apple कंपनी को शुरू करने वाले स्टीव जॉब्स को उनकी ही कंपनी से एक समय में निकाल दिया गया था. अपने कई इंटरव्यूज में स्टीव इस बात का जिक्र कर चुके हैं. एप्पल से निकाला जाना उनके लिए जीवन में एक नया अवसर लेकर आया. इतना ही नहीं उन्हें कॉलेज से भी निकाला गया था. लेकिन जॉब्स ने एप्पल को दुनिया की नंबर वन स्मार्टफोन कंपनी बनाया.

मार्क जुकरबर्ग
जुकरबर्ग ने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी. जुकबरबर्ग हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से सेकेंड ईयर में थे, लेकिन 2005 में फेसबुक बनाने के लिए उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी. उनका यह फैसला सही साबित हुआ और आज उनके पास अरबों की संपत्ति है.

वहीं, रवींद्रनाथ टैगोर स्कूल में फेल हो गए थे. बाद में नोबल पुरस्कार जीता था और ब्रिटेन के पीएम रहे विंस्टन चर्चिल भी छठवीं कक्षा में फेल हो गए थे. वहीं, कई आईपीएस और आईएएस भी हैं जो कभी स्कूली एग्माम में फेल हुए थे लेकिन सिविल सर्विसेज में टॉप रैंकिंग में शामिल थे.  ऐसे अनेकों उदाहरण हैं जो बताते हैं मन में लगन हो तो एग्जाम में फेल या कम नंबर कोई मायने नहीं रखते.

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