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India's First General Election: कैसा था लोकसभा का पहला चुनाव, पढ़ें आजाद भारत के लोकतंत्र की कहानी

First Election in India: भारत में पहला लोकसभा चुनाव साल 1951 में शुरू हुआ था और 1952 तक चला था. पहले चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने एकतरफा जीत हासिल की थी और पंडित नेहरू फिर से प्रधानमंत्री चुने गए थे.

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India's First General Election: कैसा था लोकसभा का पहला चुनाव, पढ़ें आजाद भारत के लोकतंत्र की कहानी

भारत का पहला लोकसभा चुनाव

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देश में अगले दो-तीन महीने में लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं. बीते सात दशकों में चुनावों में काफी हद तक बदलाव हुए हैं. चुनावी प्रक्रिया ने बैलेट पेपर से EVM और VVPAT तक का सफर किया है तो बूथ कैप्चरिंग जैसी घटनाओं से काफी हद तक निजात मिल चुकी है. इतने सालों में मतदाताओं की संख्या, वोटिंग के प्रतिशत और वोटिंग के पैटर्न में जबरदस्त बदलाव हुआ है. ऐसे में एक बार यह जानना जरूरी है कि जब देश में पहली बार लोकसभा के चुनाव हुए थे तब हालात कैसे थे. इतिहास से यह सीखा जा सकता है कि विभाजन के बाद संभलने की कोशिश कर रहे भारत ने आखिर कैसे चुनाव संपन्न कराए और लोकतंत्र स्थापित करने की दिशा में मजबूत कदम उठाए.

भारत को आजादी 1947 में मिली थी. 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ और पहली बार लोकसभा के चुनाव 1951 में कराए गए. तब से अब तक कुल 17 बार लोकसभा के चुनाव कराए जा चुके हैं. अब 2024 में होने वाला चुनाव 18वां लोकसभा चुनाव होगा.


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History of Lok Sabha elections
पहला लोकसभा चुनाव 25 अक्टूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 के बीच आयोजित हुआ. तब एक प्रावधान ऐसा भी था कि कुछ सीटों पर एक के बजाय दो लोकसभा सांसद चुने गए थे. इस तरह की 86 सीटें थीं जिन पर दो सांसद चुने गए. 314 सीटों पर एक सांसद चुने गए और नॉर्थ बंगाल लोकसभा सीट से कुल तीन सांसद चुने गए. इस तरह 401 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव हुए और कुल 489 सांसद लोकसभा पहुंचे. एक से ज्यादा सांसद चुनने वाली यह व्यवस्था 1957 तक लागू रही.

चुनाव के दौरान जनता के बीच पंडित नेहरू

चुनाव के नतीजे घोषित हुए तो कांग्रेस को बंपर बहुमत हासिल हुआ और 17 अप्रैल 1952 को पहली लोकसभा का गठन हुआ. जी वी मावलंकर पहली लोकसभा के अध्यक्ष बने. पहले लोकसभा चुनाव में कुल 17 करोड़ 30 लाख वोटर और कुल 1874 प्रत्याशी थे. अब मतदाताओं की संख्या 96 करोड़ से ज्यादा हो गई है.


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क्यों अलग था पहला चुनाव?

  • पहले चुनाव में कई महिलाएं अपना नाम नहीं बताती थीं. वोटर लिस्ट में भी इन महिलाओं ने अपना नाम फलां की पत्नी, अमुक की मां जैसे नाम दर्ज करा दिए थे. बाद में इनके नाम हटाकर नए सिरे से नाम जोड़े गए.
  • पहले चुनाव में भी उंगली पर स्याही लगाई गई थी जिससे लोग दोबारा वोट न डाल सकें
  • चुनाव पहली बार हो रहे थे इसलिए लोगों को वोट डालने की ट्रेनिंग भी दी गई थी
  • रेगिस्तानी इलाकों में बैलेट बॉक्स पहुंचाने के लिए ऊंटों का इस्तेमाल किया गया था
  • वहीं, पहाड़ी इलाकों में इस काम के लिए गधों और खच्चरों की मदद ली गई
भारत में चुनाव को दर्शाती AI इमेज

कैसे रहे चुनाव के नतीजे?
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की अगुवाई में चुनाव में उतरी कांग्रेस को बंपर जीत मिली थी. कुल 489 सांसदों में से 364 कांग्रेस पार्टी के ही थे. नंबर दो पर रही सीपीआई को 16, सोशलिस्ट पार्टी को 12 और भारतीय जनसंघ को सिर्फ तीन सीटों पर जीत हासिल हुई थी. बता दें कि पहले लोकसभा चुनाव में वोट डालने की उम्र सीमा 21 साल थी. इसे बाद में बदलकर 18 साल कर दिया गया. 

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