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मोटी रकम देने पर झारखंड हाई कोर्ट ने दी जमानत, Supreme Court ने फैसले पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने ज्यादा पैसे देने के एवज में जमानत देने के मुद्दे पर आपत्ति जताई है और हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है.

मोटी रकम देने पर झारखंड हाई कोर्ट ने दी जमानत, Supreme Court ने फैसले पर लगाई रोक
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डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाई कोर्ट के उस फैसले पर आपत्ति जताई है जिसमें हाई कोर्ट ने ज्यादा पैसे देने और शर्त मानने पर जमानत याचिका मंजूर कर रहा था. शीर्ष अदालत ने झारखंड हाई कोर्ट की ओर से कुछ मामलों में आरोपियों को दी गई जमानत पर सख्‍त ऐतराज जताते हुए इन पर फिर से विचार करने का निर्देश दिया है.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जमानत देने का आधार अपराध की प्रकृति होनी चाहिए न कि आरोपी की भुगतान करने की क्षमता पर इसका निर्णय लिया जाना चाहिए. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाई कोर्ट को ऐसे मामलों में दिए गए फैसलों पर फिर से विचार करने का निर्देश दिया है जिससे किसी भी अपराधी को केवल ज़्यादा पैसे देने की शर्त न छोड़ा जा सके.

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हाई कोर्ट की प्रकिया ख़ारिज 

अहम बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने के लिए झारखंड हाई कोर्ट द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया को खारिज कर दिया है. आपको बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट ने भारी-भरकम राशि जमा करने के एवज में कई आरोपियों को जमानत दे दी थी. इस पूरी प्रक्रिया में अपराध की प्रकृति पर विचार नहीं किया गया. 

इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने आरोपियों को पीड़ित को मुआवजा देने के एवज में भी बड़ी राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे कई मामलों पर दिए गए आदेशों पर विचार करने के बाद यह टिप्‍पणी की है. शीर्ष अदालत ने कहा कि इन मामलों में जमानत देने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया का कोई कानूनी आधार नहीं है.

कैसे सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला 

आपको बता दें कि झारखंड ने हिंसा और दहेज प्रताड़ना से जुड़े मामले के एक आरोपी और उनके माता-पिता को 25 हजार रुपये के मुचलके और पीड़ित को 7.5 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर जमा कराने के एवज में जमानत दे दी है.

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इस केस में आरोपी की पत्‍नी और पीड़िता का कहना था कि शादी के वक्‍त उनके परिवार ने दहेज के तौर पर इतनी ही राशि (7.5 लाख रुपये) ससुराल पक्ष को दी थी. आरोपी के पक्ष में आए इस फैसले को  पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की जमानत देने की प्रकिया पर सवाल उठाए हैं.

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