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Agneepath scheme: दिल्ली हाईकोर्ट करेगा अग्निपथ योजना पर फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसफर की याचिकाएं 

Agneepath scheme: अग्निपथ योजना से जुड़ी सभी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया है. हाईकोर्ट को इस मामले में जल्द सुनवाई पर याचिकाओं का निपटारा करने का आदेश दिया है.

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Agneepath scheme: दिल्ली हाईकोर्ट करेगा अग्निपथ योजना पर फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसफर की याचिकाएं 

सुप्रीम कोर्ट

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डीएनए हिंदीः सुप्रीम कोर्ट ने अग्निपथ योजना (Agneepath scheme) से जुड़ी सभी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है. इसके साथ ही हाईकोर्ट से कहा कि इन याचिकाओं पर जल्द सुनवाई करे जिससे इनका निपटारा जल्द हो सके. मंगलवार को इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की कई. बता दें कि इस योजना को लेकर देशभर के कई शहरों में प्रदर्शन किया गया है. कई शहरों में यह प्रदर्शन हिंसक भी हुआ था.  
 
हाईकोर्ट को दिया ये आदेश 
इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस ए.एस. बोपन्ना की बेंच ने केरल, पंजाब एवं हरियाणा, पटना और उत्तराखंड उच्च न्यायालय में भी इस योजना के खिलाफ दायर की गईं सभी जनहित याचिकाओं को लेकर आदेश दिया है कि जब तक दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले में कोई फैसला नहीं देता है, तब तक इस पर उन याचिकाओं पर कोई फैसला ना दें या उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट को ही ट्रांसफर कर दें. बेंच ने कहा कि इन चार उच्च न्यायालयों के समक्ष याचिकाएं दायर करने वाले याचिकाकर्ता दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही में पक्षकार बनने का विकल्प चुन सकते हैं.

ये भी पढ़ेंः Hindu Minorities in India: भारत में मुस्लिमों के अलावा कौन-कौन अल्पसंख्यक? इसको लेकर क्यों छिड़ा है विवाद

बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत थलसेना में भर्ती प्रक्रिया 1 जुलाई से शुरू हो गई है. वहीं वायुसेना में इससे पहले 24 जून जबकि नौसेना में 25 जून से शुरू हो गई. इस भर्ती में 17.5 वर्ष से 21 वर्ष तक के उम्मीदवार शामिल हो सकेंगे. इस साल के लिए राहत देते हुए आयु सीमा बढ़ाकर 23 साल कर दी गई है.  इस मामले को लेकर केंद्र सरकार की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की गई है. इसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार का पक्ष सुने बिना इस मामले में कोई फैसला नहीं दे सकेगा. बता दें कि एक वादी द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए एक कैविएट आवेदन दायर किया जाता है कि उसका पक्ष सुने बिना उसके खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित नहीं किया जाए. मनोहर लाल शर्मा ने योजना को गलत तरीके से लागू किया गया और देशहित के विरुद्ध बताते हुए रद्द करने की मांग की है.  

इनपुट-एजेंसी 

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