Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

भारत ने 1,000 साल तक अपनी संस्कृति, भाषा और धर्म के लिए लड़ाई लड़ी: अमित शाह

Amit Shah ने कहा कि किसी भी समाज को अपना उज्ज्वल भविष्य बनाना हो तो उसे अपने इतिहास से प्रेरणा लेनी चाहिए, उससे सीख लेनी चाहिए.

भारत ने 1,000 साल तक अपनी संस्कृति, भाषा और धर्म के लिए लड़ाई लड़ी: अमित शाह

गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने 1,000 साल तक अपनी संस्कृति, भाषा और धर्म के लिए लड़ाई लड़ी जो व्यर्थ नहीं गई और इस लड़ाई के दौरान कुर्बानियां देने वालों की आत्मा को आज भारत का पुनरुत्थान देखकर शांति मिलती होगी. अमित शाह ने राजधानी नई दिल्ली में 'महाराणा: सहस्र वर्षों का धर्मयुद्ध' पुस्तक का विमोचन करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही.

इस अवसर पर उन्होंने मौजूदा लेखकों व इतिहासकारों का आह्वान किया कि वे इतिहास पर टीका -टिप्पणी छोड़कर देश के गौरवशाली इतिहास को संदर्भ ग्रंथ के रूप में जनता के सामने रखें. उन्होंने कहा, "जब हमारा प्रयास किसी से बड़ा होता है तो अपने आप झूठ का प्रयास छोटा हो जाता है. हमें प्रयास बड़ा करने पर ध्यान देना चाहिए. झूठ पर टीका-टिप्पणी करने से भी झूठ प्रचारित होता है. हमें कोई नहीं रोकता है, हमारा इतिहास लिखने से. अब हम स्वाधीन हैं. किसी के मोहताज नहीं हैं. हम हमारा इतिहास खुद लिख सकते हैं."

पढ़ें- Prophet Remarks Row: प्रयागराज में पथराव, DM घायल, योगी बोले- सख्ती से निपटा जाए

अमित शाह ने कहा कि किसी भी समाज को अपना उज्ज्वल भविष्य बनाना हो तो उसे अपने इतिहास से प्रेरणा लेनी चाहिए, उससे सीख लेनी चाहिए और अपने इतिहास से सीखकर अपना आगे का रास्ता प्रशस्त करना चाहिए. उन्होंने कहा, "सरकारों के अभ्यासक्रम से इतिहास की जानकारी मिलती है. लेकिन इतिहास को पढ़ना होता है, जानना होता है, और वह सरकार पर आधारित नहीं होता है. अगर हम संदर्भ ग्रंथ बनाने की शुरुआत करें, इतिहास को हम हमारे दृष्टिकोण से लिखने की शुरुआत करें... उस पर बहस करें, नई पीढ़ी अभ्यास करे तो कुछ देर नहीं हुई है. यह लड़ाई बहुत लंबी है. इसके लिए जरूरी है कि हम हमारे इतिहास को सामने रखें."

पढ़ें- Prophet comment row: जुमे की नमाज के बाद देशभर में प्रदर्शन, नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इतिहास की कई गौरवशाली घटनाओं पर समय की धूल पड़ी थी, उस समय की धूल को ढंग से हटाकर उन घटनाओं की तेजस्विता को लोगों के सामने लाने का काम इस किताब के माध्यम से किया गया है. उन्होंने कहा कि इससे गलत धारणाएं समाज से निकल जाएंगी. अमित शाह ने कहा कि इतिहास में अनेक साम्राज्य हुए मगर इतिहास लिखने वालों ने साम्राज्यों का जब भी जिक्र किया तो मुगल साम्राज्य की ही चर्चा की. उन्होंने कहा कि पांड्य साम्राज्य 800 साल तक चला जबकि अहोम साम्राज्य असम में 650 साल तक चला. इस साम्राज्य ने बख्तियार खिलजी से लेकर औरंगजेब तक को परास्त किया और असम को स्वतंत्र रखा.

पढ़ें- Remarks on Prophet: पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी पर कश्मीर में तनाव, इंटरनेट बंद

अमित शाह ने कहा कि इसी प्रकार पल्लव साम्राज्य 600 साल तक, चालुक्य साम्राज्य 600 साल तक, मौर्य साम्राज्य 500 साल तक तथा गुप्त साम्राज्य 400 साल तक चला. उन्होंने कहा कि समुद्रगुप्त ने तो पहली बार भारत की कल्पना को चरितार्थ करने का साहस दिखाया मगर इन सब पर कोई संदर्भ ग्रंथ नहीं लिखा गया. उन्होंने कहा, "हमें टीका-टिप्पणी छोड़कर हमारे गौरवशाली इतिहास को जनता के सामने रखना चाहिए. संदर्भ ग्रंथों की रचना करनी चाहिए. धीरे-धीरे...जो इतिहास हम मानते हैं गलत है, वह अपने आप निकल जाएगा. सत्य फिर से उजागर हो जाएगा."

पढ़ें- Video: Jama Masjid Protest- Nupur Sharma के खिलाफ जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शन

गृह मंत्री अमित शाह ने इस दिशा में अनेक लोगों के प्रयास करने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि यह पुस्तक एक शुरुआत है. उन्होंने कहा कि बाजीराव पेशवा ने अटक से कटक तक भगवा फहराने का काम किया था लेकिन इस प्रकार के कई ऐसे व्यक्तित्व रहे हैं जिनके जीवन को भी न्याय नहीं मिला. गृह मंत्री ने कहा, "हमें इस दिशा में भी काम करना चाहिए. हमारे साम्राज्यों के बारे में काम करना चाहिए."

पढ़ें-  जामा मस्जिद में बड़ा हंगामा, शाही इमाम ने बोला ओवैसी पर हमला

अमित शाह ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर नहीं होते तो 1857 का सत्य छिपा रह जाता. उन्होंने कहा, "इतिहास को फौरी तौर पर देखने वाले देखते हैं कि इस युद्ध में कौन जीता कौन हारा. मगर उनको मालूम नहीं कि हारकर भी विजेता होने वाले लोगों के इतिहास से ही यह देश बना है. हार गए, मगर विजेता बने. सालों-साल लड़ाइयां लड़ीं. 1857 की क्रांति के बारे में भी हम कह सकते हैं कि हम हार गए थे. परंतु उनको मालूम नहीं कि उस क्रांति ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था."

पढ़ें- 'सच कहना अगर बगावत है तो समझो हम बागी हैं', नूपुर शर्मा के समर्थन में आईं साध्वी प्रज्ञा

उन्होंने आगे कहा, "हार और जीत के कारण इतिहास नहीं लिखा जाता, बल्कि वह घटना देश व समाज पर क्या परिणाम छोड़ती है, उससे इतिहास बनता है."

पढ़ें- Punjab: CM भगवंत मान आज एक और वादा करेंगे पूरा, ट्वीट कर दी जानकारी

उन्होंने कहा कि आज भारत का पुनरुत्थान देखकर देश के लिए लड़ाई लड़ने वाले और कुर्बानी देने वालों की आत्मा को शांति मिलती होगी. अमित शाह ने कहा, "फिर से गौरव के साथ दुनिया के सामने खड़े होने का अवसर आ गया है... देश खड़ा हो रहा है. यह सरकारों से नहीं होता है. समाज जीवन में जब जागृति की चिंगारी फैलती है, वह आग में बदलती है तभी जाकर परिवर्तन आता है। तभी समाज का गौरव जागरूक होता है." उन्होंने कहा, "सालों बाद हमारी संस्कृति को दुनिया भर में स्वीकृति मिली है. इस प्रकार की स्थिति हम देख रहे हैं. सालों के बाद समग्र दुनिया में देश का गौरव बढ़ता हुआ हम देख रहे हैं." 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए  हिंदी गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement