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Mini Stroke Symptoms: डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल समेत ये रोग बढ़ाते हैं मिनी स्ट्रोक का खतरा, जानें लक्षण और बचाव के उपाय

Mini Stroke Or Transient Ischemic Attack: मिनी स्ट्रोक या ट्रांसिएंट इस्कीमिक क्या है? यहां जानिए इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय क्या हैं...

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Mini Stroke Symptoms: डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल समेत ये रोग बढ़ाते हैं मिनी स्ट्रोक का खतरा, जानें लक्षण और बचाव के उपाय

Mini Stroke Symptoms

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डीएनए हिंदी : आजकल खानपान की गलत आदतों और खराब लाइफस्टाइल की वजह से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल (Mini Stroke Recovery) बढ़ जाता है. जिसके कारण नसों में ब्लॉकेज होने लगती है और स्ट्रोक का खतरा पैदा होता है. बता दें कि जब रक्त वाहिकाओं के ज़रिए मस्तिष्क में बढ़ने वाली ब्लड सप्लाई बाधित हो (Mini Stroke Recovery At Home) जाती है और ऑक्सीजन पूरी तरह से नहीं मिल पाता है. इस स्थिति को ही मिनी स्ट्रोक या ट्रांसिएंट इस्कीमिक अटैक कहते हैं. आपको बता दें कि इस स्थिति में कुछ देर के लिए शरीर प्रभावित होता है, इतना (Transient Ischemic Attack) ही नहीं कई बार ये स्थिति जानलेवा साबित हो सकती है. ऐसे में भूलकर भी इसके लक्षणों को नजरंदाज नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं स्ट्रोक किसे कहते हैं और इसके लक्षण क्या हैं.

मिनी स्ट्रोक क्या है

ब्रेन स्ट्रोक की तरह मिनी अटैक (Small Brain Attack) के  कारण दिमाग की नस ब्लॉक होने लगता है. इतना ही नहीं NHS के अनुसार (ref.), इसकी वजह से दिमाग को ऑक्सीजन मिलना बंद हो जाता है. हालांकि ये डैमेज परमानेंट नहीं होती है और 24 घंटे में खुद ही ठीक हो जाती है. लेकिन इसके लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए और डॉक्टर को दिखाना चाहिए.

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मिनी स्ट्रोक के कारण क्या हैं

  • हाई कोलेस्ट्रॉल 
  • हाई ब्लड प्रेशर 
  • हार्ट से जुड़ी बीमारी 
  • डायबिटीज और मोटापा
  • कोराना का गंभीर इंफेक्शन
  • फैमिली में स्ट्रोक की हिस्ट्री होना 

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मिनी स्ट्रोक के लक्षण

बता दें कि ये कंडीशन थोड़ी देर के लिए होती है, जिसमें मरीज को चलने फिरने में दिक्कत होती है, इसके अलावा चेहरा टेढ़ा होना, हाथ पैर में कमजोरी या झनझनाहट, बोलने और समझने में दिक्कत होना या थोड़ी देर के लिए बेहोशी जैसे लक्षण महसूस हो तो यह मिनी स्ट्रोक का संकेत हो सकता है. बता दें कि अगर ये लक्षण कुछ देर के लिए महसूस हों और फिर ठीक हो जाएं तो इसे मिनी स्ट्रोक कहा जाता है. लेकिन मिनी स्ट्रोक को आने वाले बड़े स्ट्रोक की चेतावनी माना जाता है और इसलिए समय पर इसका इलाज करवा लेना चाहिए.

मिनी स्ट्रोक से बचाव

इसके लिए जरूरी है की आप स्वस्थ आहार लें और नियमित रूप से व्यायाम करें. इससे स्ट्रोक के खतरे को कम करने में मदद मिलती है. इसके साथ ही फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर कम वसा वाले, उच्च फाइबर वाले आहार का सेवन करें. साथ ही नमक का सेवन सीमित करें और ध्यान रखें कि आप एक दिन में छह ग्राम से अधिक न लें. क्योंकि अत्यधिक नमक का सेवन उच्च रक्तचाप का कारण बनता है और इससे आपके स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है. इसके अलावा स्ट्रोक के खतरे को कम करने के लिए धूम्रपान छोड़ना और शराब को पीने से परहेज करना चाहिए.

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

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