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अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने 28 साल के बाद ब्याज दरों में की सबसे बड़ी ​बढ़ोतरी, 0.75 फीसदी का इजाफा 

अमेरिकी फेड ने आक्रामक रुख को अपनाते हुए नीतिगत ब्याज दरों में 0.75 फीसदी का इजाफा किया है, संकेत दिया है कि जुलाई में भी इतनी ही बढ़ोतरी हो सकती है.

अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने 28 साल के बाद ब्याज दरों में की सबसे बड़ी ​बढ़ोतरी, 0.75 फीसदी का इजाफा 
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डीएनए हिंदी: महंगाई के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए यूएस फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों (US Fed Rate Hike)  में 28 साल के बाद सबसे बड़ा इजाफा किया है. जानकारी के अनुसार बैंक ने ब्याज दरों में 0.75 फीसदी का इजाफा ​कर दिया है. इससे पहले भी वॉल स्ट्रीट के एक्सपर्ट और बाकी इकोनॉमिस्ट भी इसी तरह की बढ़ोतरी का अनुमान लगा रहे थे. इस बढ़ोतरी के बाद अमेरिकी इकोनॉमी में सुस्ती (US Economy) आना तय है. जानकारों की मानें तो अमेरिका अब मंदी Recession in USA) दिशा की ओर बढ़ गया है. जिसका असर आने वाले दिनों में पूरी दुनिया खासकर अवि​कसित और विकासशील देशों पर देखने को मिल सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर अमेरिकी फेड रिजर्व की कौन सी प्रमुख घोषणाएं की हैं. 

अमेरिकी फेड की प्रमुख घोषणाएं 
यूएस फेडरल रिजर्व ने अपनी बेंचमार्क दर 75 आधार अंक का इजाफा किया है, जोकि 1994 के बाद से सबसे बड़ी वृद्धि है. अब फेड की नीतिगत ब्याज दर की सीमा 1.5 फीसदी से लेकर 1.75 फीसदी तक बढ़ा दी गई है. फेड ने महंगाई के आंकड़ें 41 साल के हाई पर आने से फैसला लिया है. कैनसस सिटी फेड के अध्यक्ष एस्तेर जॉर्ज ने 50 आधार-बिंदु वृद्धि के पक्ष में असहमति जताई थी. 

क्या अमेरिकी केंद्रीय बैंक का यह फैसला दुनिया को आर्थिक मंदी की ओर तो नहीं धकेल देगा?

जुलाई में भी हो सकता है इजाफा 
वहीं दूसरी ओर फेड रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल आने वाले महीनों में भी ब्याज दरों में इजाफे के साफ संकेत दे दिए हैं. जेरोम पॉवेल ने संकेत दिया है कि जुलाई के महीने में फेड नीतिगत दरों में 0.75 फीसदी का इजाफा कर सकता है. पॉवेल ने इस बात पर भी जोर देकर कहा कि फेड महंगाई को दूर करने में पूरी सक्षम है और उसके पास तमाम उपाय है. फेड अधिकारियों को अभी भी उम्मीद है कि 2023 में मुद्रास्फीति में काफी कमी आएगी. 

अमेरिकी शेयर बाजारों में तेजी 
फेड फैसले के बाद शुरूआती गिरावट देखने को मिली उसके बाद बाजार में तेजी लौट आई. डाउ जोन्स एक बार फिर 30,550 अंक के लेवल को पार करता हुआ दिखाई दिया. एसएंडपी 500 में भी करीब एक फीसदी की तेजी देखने को मिली. इसके अलावा यूएस फेड के फैसले से डॉलर भी मजबूती देखने को मिल रही है. यूएस फेड के इस फैसले का असर भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों में देखने को मिल सकता है. अब देखने वाली बात होगी कि भारत समेत एशियाई बाजारों में फेड के फैसले का क्या असर देखने को मिलता है. 

मंदी की आहट 
मौजूदा समय में फाइनेंशियल मार्केट में गिरावट देखने को मिल रही है. साथ ही बांड से लेकर क्रिप्टोकरेंसी में भारी भरकम गिरावट देखने को मिल रही है. जानकारों की मानें तो फेड काफी समय में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की बात कर रहा है. जिसकी वजह से तमाम असेट्स क्लास में गिरावट देखने को मिल रही है. इसलिए फेड ने 75 आधार अंकों का इजाफा किया है और संकेत दिया है कि आने वाले जुलाई के महीने में भी 75 आधार अंकों की तेजी देखने को मिलेगी. जानकारों के अनुसार अब डर यह है कि ब्याज दरों में अत्यधिक आक्रामक बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर धकेल देगी. जिसका असर भारत समेत पूरी दुनिया मे देखने को मिलेगा. 

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