चुनाव
UP Election 2022 से ठीक पहले आज सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव BJP में शामिल हो सकती हैं.
Updated : Jan 16, 2022, 01:46 PM IST
डीएनए हिंदी: UP Election 2022 को लेकर चल रही चुनावी तैयारियों के बीच दलबदलुओं ने भाजपा (BJP) का खेल काफी खराब किया है. भाजपा के कई बड़े नेता सपा में शामिल हुए हैं. इसे सपा की लहर की तरह पेश किया जा रहा है लेकिन अब जो खबरें हैं वो सपा को एक बड़े राजनीतिक झटके का संकेत दे रही हैं. भाजपा ने दलबदलुओं के खेल के बीच सपा परिवार में ही सेंधमारी की तैयारी कर ली है और यह माना जा रहा है कि आज मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव भाजपा की सदस्यता ले सकती हैं.
आज भाजपा में जाएंगी अपर्णा यादव
दरअसल, UP Election 2022 से ठीक पहले समाजवादी पार्टी के परिवार में सेंधमारी को लेकर खबरें है कि संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव आज बीजेपी में शामिल हो सकती हैं. उनके साथ आईपीएस की नौकरी छोड़ने वाले असीम अरुण भी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करेंगे. इसे भाजपा का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है तो वहीं सपा के लिए अब तक का सबसे बड़ा राजनीतिक झटका भी माना जा रहा है.
खबरें हैं कि अपर्णा और असीम अरुण लखनऊ में बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में पार्टी की सदस्यता लेंगे. इस अवसर पर उत्तर प्रदेश चुनाव के सहप्रभारी और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह मौजूद रहेंगे. माना जा रहा है कि बीजेपी अब अपर्णा यादव के जरिए सपा पर तीखे प्रहार करेगी. आपको बता दें कि हाल ही में मुलायम सिंह यादव के समधी और फिरोजाबाद के सिरसागंज सीट से विधायक हरिओम यादव भी बीजेपी में शामिल हो गए थे. ये वो झटके हैं जो चुनाव से पहले अखिलेश यादव के लिए मुसीबत बन रहे हैं.
गौरतलब है कि अपर्णा यादव मुलायम सिंह के छोटे बेटे और अखिलेश यादव के सौतेले भाई प्रतीक यादव की पत्नी हैं. अपर्णा ने 2017 का विधानसभा चुनाव लखनऊ कैंट सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ा था. उन्हें बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.
ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछले 5 वर्षों के दौरान अपर्णा यादव अनेकों मौकों पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गौवंश संबंधी नीतियों की प्रशंसा कर चुकी हैं. उस दौरान भी सपा के लिए स्थितियां असहज हो जाती थीं लेकिन अब विधानसभा चुनावों से ठीक पहले यदि वो भाजपा में शामिल होती हैं तो यह सपा के लिए हरिओम यादव के बाद दूसरा बड़ा झटका होगा.