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Cancer Medicine: शरीर में दूसरी बार कैंसर होने से रोकेगी 100 रुपये की गोली, Tata Memorial ने खोजा इलाज

Tata Memorial Mumbai Research: कैंसर के ट्रीटमेंट के बाद भी कई बार मरीजों में यह दोबारा फैल जाता है. Tata Memorial Centre ने ऐसी दवा बनाने का दावा किया है जो मराजों को दूसरी बार कैंसर से पीड़ित होने से बचाएगा. इसके साथ यह घरेलू दवा कीमोथेरेपी और रेडिएशन के साइड इफक्ट को भी कम करने में मदद करता है.

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Cancer Medicine: शरीर में दूसरी बार ��कैंसर होने से रोकेगी 100 रुपये की गोली, Tata Memorial ने खोजा इलाज

Tata Memorial Mumbai

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मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट (Tata Memorial Mumbai) ने शरीर में दूसरी बार होने वाले कैंसर का इलाज खोज लिया है. टाटा इंस्टिट्यूट के डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले चूहों पर यह शोध किया. इसके लिए चूहों में मनुष्य के कैंसर सेल डाले गए. जिसके बाद उनमें ट्यूमर बनना शुरू हुआ. 

उन्होंने बताया कि रेडिएशन थेरेपी, कीमो थेरेपी और सर्जरी के जरिए चूहों का इलाज किया गया. इस इलाज में कैंसर सेल्स नष्ट हो गए और उनके छोटे-छोटे टुकड़े हो गए. ये मरते हुए कैंसर सेल में से क्रोमेटिन कण (क्रोमोजोन के टुकड़े) खून के जरिए शरीर के दूसरे हिस्सों में पहुंच जाते हैं. ये शरीर में मौजूद अच्छे सेल्स में मिल जाते हैं और उन्हें भी कैंसर सेल में तब्दील कर देते हैं. इस रिसर्च से यह साफ हो गया है कि कैंसर सेल नष्ट होने बावजूद वापस आ जाते हैं.

समस्या का हल खोजने के लिए डॉक्टरों ने चूहों को रेसवेरेट्रॉल (Resveratrol) और कॉपर (Copper) के कॉम्बिनेशन वाली टैबलेट दी. यह टैबलेट क्रोमोजोम्स को बेअसर करने में कारगर साबित हुई. करीब एक दशक से टाटा के डॉक्टर्स इस पर रिसर्च कर रहे थे. इस टैबलेट को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) की मंजूरी का इंतजार है. अनुमति मिलते ही जून-जुलाई में यह दवा मार्केट में उपलब्ध होगी.


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बेहतर बनेगा कैंसर ट्रीटमेंट
टाटा मेमोरियल सेंटर के उप निदेशक सेंटर फॉर कैंसर एपिडीमिलॉजी डॉ. पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि समस्या की जड़ का पता लगाने के साथ ही उसका निवारण भी बहुत जरूरी होता है. उन्होंने बताया कॉपर-रेसवेरेट्रॉल (Copper-Resveratrol) एक घरेलू नुस्खा है. कैंसर के इलाज को बेहतर बनाने और इलाज के दौरान होने वाले साइड इफेक्ट को कम करने में भी मददगार साबित होता है. रेसवेरेट्रॉल (Resveratrol) अंगूर, बेरीज के छिलके जैसी चीजों से मिलता है.

साइड इफेक्ट को कम करेगी ये दवा
टाटा के बोन मैरो ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ. नवीन खत्री ने बताया कि इलाज के समय मरीज के मुंह में छाले पड़ जाते हैं, कॉपर- रेसवेरेट्रॉल (Copper-Resveratrol) खाने से के इस तकलीफ से राहत मिलती है.
कॉपर- रेसवेरेट्रॉल (Copper-Resveratrol) का टैबलेट मुंह के कैंसर सेल की तेजी को कम करता है.
इससे पेट से संबंधित कैंसर मरीजों के इलाज के दौरान, हाथ और पांव की स्किन निकलने की समस्या को भी कम करने में मदद मिलती है.
ब्रेन ट्यूमर के मरीजों में भी कॉपर-रेसवेरेट्रॉल (Copper-Resveratrol) के सेवन से बेहतर नतीजे देखने को मिले हैं.

यह खबर मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट की रिसर्च पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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