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Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन के बीच जंग के 3 साल, दोनों देशों ने क्या खोया-क्या पाया?

यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी लड़ाई 25 फरवरी को तीसरे साल में पहुंच गई. एक खुशहाल देश यूक्रेन, तबाह हो चुका है. कीव से लेकर खारकीव तक, सिर्फ तबाही के मंजर नजर आते हैं.

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Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन के बीच जंग के 3 साल, दोनों देशों ने क्या खोया-क्या पाया?

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग अब तीसरे साल में पहुंच गई है.

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Russia Ukraine War: 24 फरवरी 2022. रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) क्रेमलिन में बैठक बुलाते हैं. अपने सैन्य कमांडर को यूक्रेन (Ukraine) पर हमला करने का आदेश देते हैं. यूक्रेन पर मिलिट्री ऑपरेशन की शुरुआत हो जाती है.

भारत के नुक्कड़-चौराहों पर चर्चा चलती है कि रूस जैसे महाबली देश के सामने छोटा सा यूक्रेन कितने दिन टिक सकेगा. रूसी सेना यूक्रेन को दो दिन में तबाह कर देगी. लोग गलत निकले.

यूक्रेन 2 साल से जंग लड़ रहा है. 25 फरवरी को यह जंग तीसरे साल में पहुंच चुकी है. यूक्रेन ने घुटने नहीं टेके हैं. यूक्रेन ने अपना एयर डिफेंस सिस्टम मजबूत किया, रूस के कई युद्धपोतों को तबाह किया, हवाई हमले किए.

जिस रूस की ताकत की दुनिया मिसाल देती थी, वह 3 साल बाद भी पूरा यूक्रेन नहीं जीत सका है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) सीना तान के खड़े हैं और कहते हैं कि युद्ध के दो साल पूरे होने पर भी उनका देश रूस से लड़ता रहेगा. रूस यूक्रेन के लोगों को नहीं कुचल सकता.


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तीसरे साल पर रूस ने क्या किया?
रूस ने यूक्रेन के कई शहरों पर हवाई हमले किए है. यूक्रेन ने उन हमलों का जवाब दिया है लेकिन मजबूत रूसी डिफेंस सिस्टम ने उन्हें नाकाम किया है. यूक्रेनी सेना अपने प्रमुख शहर अविदवका से पीछे हटी है.

यूक्रेन के मित्र देश के नेताओं ने राजधानी कीव पहुंचकर युद्ध में जान गंवाने वाले यूक्रेन के लोगों को श्रद्धांजलि दी है. कनाडा ने ऐलान किया है कि वह युद्धग्रस्त देश यूक्रेन को 2.2 अरब डॉलर की वित्तीय मदद देगा. 

जंग के 3 साल, किसने क्या खोया, क्या पाया?

यूक्रेन ने क्या गंवाया?
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जंग के 3 साल हो गए हैं लेकिन दोनों देशों ने बहुत कुछ गंवा दिया है. जंग के तीसरे साल में पहुंचने तक रूस, यूक्रेन के 18 फीसदी हिस्से पर कब्जा जमा चुका है.

- अविदवका, मारिका, बखमुत, क्रेमिना, रोबाटाइन, लुहांस्क जैसे शहरों पर रूसी सेना डटी हुई है. 

दोनों देशों के 6 लाख लोग युद्ध के दंश को झेल रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस जंग में करीब 42,000 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं, वहीं 1,00,000 से ज्यादा सैनिक जख्मी हुए हैं.

- 15,000 से ज्यादा टैंक और बख्तरबंद गाड़ियां तबाह हुई हैं, 8,000 से ज्यादा सैन्य उपकरण नष्ट हुए हैं.


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रूस ने क्या गंवाया?
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रूस दुनिया के महाशक्तियों में शुमार है. पेंटागन का कहना है कि 3,00,000 रूसी सैनिक घायल हुए हैं. 60,000 सैनिक मारे जा चुके हैं. 

- ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय का कहना है कि 2022 की तुलना में 2023 में ज्यादा सैनिक मारे गए हैं.

- आशंका है कि 2025 के अंत तक अगर जंग नहीं थमी तो रूस में 5,00,000 लोग मारे जाएंगे और घायल होंगे. 

- रूस की 18,000 से ज्यादा टैंक और बख्तरबंद गाड़ियां तबाह हुई हैं, वहीं 9,000 से ज्यादा दूसरे हथियार तबाह हुए हैं.

- संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी के हाई कमीशन के मुताबिक यूक्रेन के 10,582 आम नागरिक मारे जा चुके हैं, वहीं 19,875 आम नागरिक घायल हुए हैं. वास्तविक आंकड़े इससे ज्यादा हो सकते हैं.

Russia Ukraine War.

क्या है जंग की असली वजह?
2014 में रूस ने यूक्रेन का हिस्सा रहे क्रीमिया पर नियंत्रण कर लिया था. क्रीमिया वह प्रायद्वीप है जिसे सन 1954 में सोवियत संघ ने यूक्रेन को तोहफे में दिया था. जब यूक्रेन सोवियत संघ से अलग हुआ तो कई बार क्रीमिया को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव भी पैदा हुआ. 

इसी के बाद 2015 में फ्रांस और जर्मनी ने बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता भी कराया था. इसके बाद स्थिति शांतिपूर्ण हो गई थी. 

यूक्रेन की मौजूदा जेंलेंस्की सरकार पश्चिमी देशों के साथ अपने संबंधों को बेहतर बनाने की कोशिशों में जुटा है. यूक्रेन NATO (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) का सदस्य बनना चाहता है. रूस से ज्यादा यूक्रेन को पश्चिमी देशों का साथ पसंद है. 

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व्लादिमीर पुतिन को जेंलेंस्की की ये पसंद, पसंद नहीं है. अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के 30 देश जिस NATO के सदस्य हैं, रूस क्यों चाहेगा कि उसका पड़ोसी देश यूक्रेन, उससे दोस्ती करे.

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नाटो का सदस्य होने का मतलब है कि अगर सगंठन के किसी भी देश पर कोई तीसरा देश हमला करता है तो सभी सदस्य एकजुट होकर उसका मुकाबला करेंगे. रूस का कहना है कि अगर नाटो की तरफ से यूक्रेन को मदद मिली तो उसका अंजाम सबको भुगतना होगा. अंजाम सब भुगत रहे हैं.

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यूक्रेन के साथ पश्चिमी देश खुले तौर पर उतर आए हैं. हथियार, मिसाइल, रॉकेट लॉन्चर से लेकर मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम तक यूक्रेन के साथ दुनिया खड़ी हो गई है. यूक्रेन के लोग भले ही शरणार्थी शिविरों में हों लेकिन यह जंग थमती नजर नहीं आ रही है. जंग जारी है और हर दिन भयावह होती जा रही है.

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