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'हम मांग रहे भीख और भारत...' अपनी संसद में क्या कह गए पाकिस्तानी मंत्री, देखें Video

पाकिस्तान के प्रमुख नेता मौलाना फजल उर रहमान ने पाकिस्तान की संसद में भारत की जमकर तारीफ की. भारत से पकिस्तान की तुलना का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

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पाकिस्तान के प्रमुख इस्लामी नेता मौलाना फजलुर रहमान ने सोमवार को 
पकिस्तान की संसद में अपने मुल्क की तुलना भारत से कर डाली. इस तुलना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. उन्होंने भरी संसद में अपने मुल्क को सच्चाई का आइना दिखाया है. फजल उर रहमान ने कहा कि जहां भारत वैश्विक महाशक्ति बनने के करीब पहुंचने वाला है, वहीं पाकिस्तान दुनिया के सामने खुद को बर्बादी से बचाने की भीख मांग रहा है. 

संसद में कही ये बातें
जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने नेशनल असेंबली में जोरदार भाषण दिया और कई बातों का खुलासा किया. उन्होंने कहा, हमने 2018 के चुनाव पर भी आपत्ति जताई थी और हमें इस (8 फरवरी के चुनाव) पर भी आपत्ति है. अगर 2018 के चुनाव में धांधली हुई थी, तो क्या अब धांधली नहीं हुई? उन्होंने पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सत्तारूढ़ गठबंधन से आग्रह किया कि अगर संसद में बहुमत है तो पीटीआई को सरकार बनाने की अनुमति दी जाए. 


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भारत से की तुलना
मौलाना फजलुर रहमान ने अपने भाषण के दौरान पाकिस्तान की तुलान भारत से की. उन्होंने कहा, जरा भारत और हमारी तुलना करें. दोनों देशों को एक ही दिन आजादी मिली थी, लेकिन आज वे भारत महाशक्ति बनने का सपना देख रहे हैं और हम दिवालिया होने से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं. उन्होंने यह बात कही कि फैसले कोई और लेता है लेकिन समस्याओं के लिए राजनेताओं को जिम्मेदार ठहराया जाता है.

 

इसके साथ ही उन्होंने इस्लामिक सिद्धांतों को बनाए रखने के महत्व पर जोर देते हुए काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (सीआईआई) की सिफारिशों को लागू करने में विफलता पर भी अफसोस जताया. मौलाना फजल उर रहमान ने कहा कि हमें देश इस्लाम के नाम पर मिला था, लेकिन आज हम एक धर्मनिरपेक्ष राज्य बन गए हैं. 1973 के बाद से सीआईआई की एक भी सिफारिश लागू नहीं की गई है. हम एक इस्लामिक देश कैसे हो सकते हैं? 

जेयूआई-एफ पीटीआई का कट्टर प्रतिद्वंद्वी था और उसने इमरान खान को हटाने के लिए कदम उठाया था. उनके पतन के बाद, JUI-F गठबंधन सरकार का हिस्सा बन गया. चुनाव के बाद उन्होंने पीएमएल-एन और पीपीपी से नाता तोड़ लिया क्योंकि उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी को सत्ता से बाहर रखने के लिए चुनावों में धांधली की गई थी.

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