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Heeramandi को मिल रही आलोचनाओं पर संजय लीला भंसाली ने तोड़ी चुप्पी, सफाई में बोले 'मैंने नहीं देखा है वो दौर'

वेब सीरीज Heeramandi को लेकर चल रही निगेटिव चर्चाओं पर Sanjay Leela Bhansali ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने दर्शकों को समझाया है कि वो सीरीज को किस नजरिए से देखें.

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Sanjay Leela Bhansali On Heeramandi Criticism: हीरामंडी पर बोले संजय लीला भंसाली 

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ग्रैंड फिल्म सेट्स, किरदारों के आलीशान आउटफिट्स और झकझोर के रख देने वाली कहानियों के लिए मशहूर फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) ने अपनी पहली वेब सीरीज के जरिए जमकर सुर्खियां बटोरी हैं. भंसाली ने अपने ओटीटी डेब्यू 'हीरामंडी' (Heeramandi) में जी-जान झोंक दी है और ये मेहनत पर्दे पर भी नजर आई. हालांकि, इस सीरीज को जितनी तारीफें मिलीं, उतने ही क्रिटिसिज्म का सामना भी करना पड़ा. तवायफों की जिंदगी पर आधारित इस सीरीज के लिए भंसाली को भी काफी कुछ सुनना पड़ा. इन आलोचनाओं को लेकर भंसाली ने अब जाकर चुप्पी तोड़ी है.

संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज 'हीरामंडी' सक्सेसफुल तो हो गई लेकिन इसे कई बातों को लेकर क्रिटिसिज्म झेलना पड़ रहा है. आरोप ये भी है भंसाली की सीरीज में इतिहास के कई फैक्ट्स गलत बताए गए हैं. कई रिव्यूज में कहा गया कि सीरीज में ग्लैमर दिखाने के चक्कर में कहानी फीकी रह गई. इस पूरे मामले पर फिल्म मेकर ने बॉलीवुड हंगामा से बात करते हुए कहा है कि 'मैंने सीरीज में सिर्फ ग्लैमर पार्ट ही नहीं दिखाया है बल्कि तवायफों के संघर्षों की कहानी भी दिखाई है. इनमें से कुछ सुनी-सुनाई हैं तो कई इतिहास के कैरेक्टर्स से ली गई हैं'.


यह भी पढ़ें- Heeramandi Review: सिल्वर स्क्रीन और OTT की खिचड़ी बन गई है हीरामंडी, भव्यता भी पड़ी फीकी


भंसाली ने कहा कि 'हीरामंडी को इस तरह से नहीं देखा जाना चाहिए कि ये इतिहास की झलक दिखाती है. ये सिर्फ इतिहास से इंस्पायर्ड है, लाहौर की छाप है इसमें. मैं ये नहीं समझ पा रहा हूं लोग इसे रियलिस्टिक कैसे माना जा सकता है क्योंकि मैंने वो दौर देखा ही नहीं, जिया ही नहीं है. मैं इसे क्लियरली पर्दे पर कैसे सकता हूं'. उन्होंने कहा कि 'किसी फिल्म को इसलिए बनाया जाता है ताकि वो दर्शकों को एक एक्सपीरिएंस दे सके. ये फिल्म मेकिंग का मजा है. मैं जिस चीज को जैसा समझ पाता हूं उसे पर्दे पर वैसा ही दिखा सकता हूं'.

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