Farmers Protest: चंडीगढ़ में सरकार और किसानों के बीच चौथे दौर की बातचीत, क्या सभी मुद्दों पर बनेगी सहमति?

अभिषेक शुक्ल | Updated:Feb 19, 2024, 12:21 AM IST

Farmers Protest Bharat Bandh Live Updates.

Farmers Protest Live: किसानों और केंद्र के बीच तीन दौर की बैठक हो चुकी है लेकिन नतीजा नहीं निकला है. रविवार को चौथे दौर की वार्ता होने वाली है. ऐसी उम्मीद है कि सरकार और किसान में आम सहमति बन सकती है.

Farmers Protest Live: किसान एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे हैं. वे दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं लेकिन सरकार ने उन्हें पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर ही रोक दिया है.लोहे की मजबूत कीलें, सीमेंट की दीवारें किसानों को दिल्ली आने से रोक रही हैं. किसान परेशान हैं और केंद्र के साथ 3 दौर की बैठकें हो चुकी हैं.

केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच रविवार शाम को चंडीगढ़ में चौथे दौर की बातचीत शुरू हो गई.  केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय किसान नेताओं के साथ बैठक के लिए सेक्टर-26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान पहुंचे. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी बैठक में शामिल हुए हैं. यह बैठक रात करीब 8:30 बजे शुरू हुई जो देर रात तक जारी रही. इस बैठक में क्या हुआ इसको लेकर अभी अपडेट नहीं आया है.

किसान और कैबिनेट मंत्रियों की बैठक का कोई समाधान अब तक नहीं निकल सका है. चौथे दौर की बैठक रविवार को होनी है, जिस पर सबकी नजरें टिकी हैं.

अभी तक किसान अपने फैसले से पीछे हटे नहीं है. भारतीय किसान यूनियन ने ऐलान किया है कि अगर 1 से 2 दिनों के अंदर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो विरोध प्रदर्शन तेज होगा.

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टाल-मटोल की नीति न अपनाए केंद्र, किसानों की मांगें माने
केंद्रीय मंत्रियों के साथ यहां रविवार को बातचीत से पहले किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार को टाल-मटोल की नीति नहीं अपनानी चाहिए.

आचार संहिता लागू होने से पहले किसानों की मांगें माननी चाहिए. लोकसभा चुनाव की घोषणा अगले माह की जा सकती है. 

- कब होगी बैठक?
फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित विभिन्न मांगों पर तीन केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच शाम छह बजे यहां बैठक होनी है.

यह बैठक ऐसे वक्त में होनी है, जब हजारों किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा की सीमा पर शंभू और खनौरी में डटे हुए हैं तथा उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश से रोकने के लिए बड़ी तादाद में सुरक्षा बल तैनात हैं.

MSP की मांग पर अड़े किसान, चाह रहे सरकार लाए अध्यादेश
किसान नेताओं की मांग है कि सरकार अध्यादेश लाकर MSP के लिए गारंटी कानून लाए. किसानों की मांग है कि सरकार अध्यादेश लेकर आए.

किसान मांग कर रहे हैं कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी दी जाए, इसके लिए अध्यादेश लाया जाए.

किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंधेर ने शनिवार को कहा कृषि ऋण माफ किया जाए.

1-2 दिन में मांगें पूरी नहीं होने पर बीकेयू तेज करेगी विरोध प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन (BKU)-टिकैत गुट ने शनिवार को मुजफ्फरनगर के सिसौली में पंचायत की.

बैठक के बाद, संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, 'हम चाहते हैं कि सरकार एक या दो दिनों में किसानों की मांगों को पूरा करे, अन्यथा एक दिवसीय 'धरना' आयोजित किया जाएगा. 21 फरवरी को पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और यूपी में किसान जुटेंगे.'

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दाता सिंहवाला-खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे DGP
हरियाणा पुलिस प्रमुख शत्रुजीत कपूर ने शनिवार को दाता सिंहवाला-खनौरी सीमा बिंदु का दौरा करने के बाद कहा कि कानून और व्यवस्था को बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. यहां बड़ी संख्या में किसान धरना दे रहे हैं.

पंजाब के किसानों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित कई मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए पिछले मंगलवार को दिल्ली तक मार्च शुरू किया, लेकिन हरियाणा के साथ पंजाब की सीमा पर शंभू और खनौरी बिंदुओं पर उन्हें रोक दिया गया. प्रदर्शनकारी बीते 6 दिनों से धरना दे रहे हैं.

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