मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari Death) का परिवार मौत के बाद से ही स्लो पॉइजन देने से लेकर हत्या तक के आरोप लगा रहा है. परिवार के जहर देकर मारने के आरोप के बाद इस मामले की जांच मजिस्ट्रेट स्तर पर चल रही है. हालांकि, अब तक परिवार का एक भी सदस्य जांच कमेटी के सामने नहीं पहुंचा है. इतना ही नहीं बांदा जेल से उसका निजी सामान लेने के लिए भी परिवार ने अब तक पहल नहीं की है. मजिस्ट्रियल जांच टीम ने अंसारी परिवार के सदस्यों को बयान दर्ज करने के लिए पेश होने का निर्देश दिया था.
बयान देने की आखिरी तारीख 15 अप्रैल थी
मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के परिवार के लोग जांच टीम के सामने नहीं आए. मजिस्ट्रियल जांच कमेटी के सामने बयान दर्ज करने की आखिरी तारीख 15 अप्रैल थी. सिविल जज और एडीएम राजेश कुमार ने मुख्तार अंसारी के बैठक में से उसके निजी सामानों का सैंपल जांच के लिए भेज दिया है. परिवार की ओर से हत्या के संगीन आरोप लगाए गए थे, लेकिन एक भी सदस्य मजिस्ट्रेट के सामने बयान देने के लिए नहीं आया.
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परिजन जेल से अब तक सामान लेकर नहीं गए
आम तौर पर किसी कैदी की मौत के बाद उसका निजी सामान परिवार के लोगों को सौंप दिया जाता है. मुख्तार अंसारी के परिवार ने अब तक उसका सामान नहीं लिया है. बता दें कि एमएलए कृष्णानंद राय की हत्या समेत अंसारी के ऊपर फिरौती, मारपीट, जबरन वसूली और हत्या के कई केस दर्ज थे. 2017 में जब यूपी में बीजेपी की सरकार बनी, उसके बाद उस पर कानूनी शिकंजा कसता चला गया.
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पोस्टमार्टम में हार्ट अटैक से ही मारे जाने की पुष्टि हुई है. जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती किया गया था. जहां डॉक्टरों की कोशिश के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका. परिवार के लोग इसे बीमारी से हुई मौत नहीं, बल्कि हत्या बता रहे हैं.
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