डीएनए हिंदी: हाल ही में बिहार में एक महिला कर्ज नहीं चुका पाई तो 40 साल के व्यक्ति ने महिला की 11 साल की बेटी से जबरन शादी कर ली. पुलिस ने उसके खिलाफ Pocso ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया है. भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चेयरमैन बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की दो एफआईआर दर्ज की गई हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक एफआईआर नाबालिग से यौन उत्पीड़न मामले की है, ऐसे में बृजभूषण सिंह के खिलाफ भी पॉक्सो ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.
इससे पहले बीजेपी विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर, तमिलनाड के एक चर्च के पादरी, क्रिकेट कोच नरेंद्र शाह और आसाराम जैसे कुछ ऐसे शख्स हैं जिनके खिलाफ पॉक्सो ऐक्ट के तहत ही केस दर्ज हुए. इनमें से ज्यादातर आरोपियों को पॉक्सो ऐक्ट के तहत दोषी पाया गया है और वे जेल में सजा काट रहे हैं. यही कारण है कि बृजभूषण सिंह के बारे में भी कहा जा रहा कि यौन उत्पीड़न के मामले में वह गिरफ्तार हो सकते हैं. आइए इस कानून के बारे में समझते हैं...
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क्या है पॉक्सो ऐक्ट?
जब भी आप किसी बच्चे या नाबालिग के साथ यौन उत्पीड़न, छेड़खानी या बलात्कार की घटना सुनते होंगे तो उसमें पॉक्सो ऐक्ट का नाम आता है. दरअसल, भारत के कानून में नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों के लिए अलग से प्रावधान किए गए हैं. इसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ भी कार्यवाही का प्रावधान है. कानून के तहत दोषी पाए जाए जाने पर सख्त सजा का प्रावधान है. इसका पूरा नाम प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेज ऐक्ट, 2012.
पॉक्सो के तहत आने वाले अपराधों को दो कैटगरी में बांटा गया है. पहला है 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ अपराध. इसमें दोषी पाए जाने पर आजावीन कारावास या फांसी की सजा दी सकती है. दूसरी कैटगरी 12 से 16 वर्ष तक के बच्चों के साथ अपराध की है. इसमें कम से कम 10 और अधिकतम 20 साल की सख्त कैद की सजा का प्रावधान है.
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पॉक्सो कानून से जुड़े नियम कौन-कौन से हैं:-
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