Apr 13, 2024, 03:40 PM IST

इस जगह टाइगर रखते हैं शनिवार का व्रत?

Kuldeep Panwar

जंगल में टाइगर यानी बाघ से खतरनाक जानवर कुछ नहीं माना जाता है. जहां शेर नहीं होते हैं, वहां जंगल का राजा बाघ को ही माना जाता है.

बाघ जिंदा रहने के लिए शिकार करते हैं. मांसाहारी जीव होने के कारण बाघ अपने से बड़े आकार के जानवरों को भी मारकर उसका मांस खा जाते हैं.

ऐसे में यदि कोई कहे कि बाघ व्रत रख रहा है तो आपको सुनने में ये मजाकिया बात लगेगी, लेकिन असल में बाघों से यह व्रत रखवाया जा रहा है.

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल के सेंट्रल चिड़ियाघर में सप्ताह में एक दिन यानी हर शनिवार को बाघों से जानबूझकर व्रत रखवाया जाता है. 

चिड़ियाघर के PRO गणेश कोइराला के मुताबिक, बाघों से हर शनिवार को यह उपवास उनकी सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए कराया जाता है.

कोइराला बताते हैं कि चिड़ियाघर प्रशासन रोजाना नर बाघों को 6 किलोग्राम और मादा बाघों को 5 किलोग्राम भैंस का मांस खिलाता है.

जंगल जैसा खुला माहौल नहीं होने के कारण बाघ मोटे हो जाते हैं, जिससे उन्हें पाचन तंत्र समेत कई तरह की बीमारियां होने का खतरा होता है.

बाघों का वजन ना बढ़े और उनका पाचन तंत्र भी बढ़िया काम करता रहे, इस कारण उन्हें सप्ताह में एक दिन उपवास कराने का नियम बनाया है.

बाघों की सेहत ठीक करने के लिए एक दिन उपवास कराने का यह नियम पशु चिकित्सकों की सलाह पर बनाया गया है, जो अच्छा साबित हुआ है.

जंगल में बाघ की डाइट करें तो वे करीब 20 किलो मांस रोजाना खाते हैं. उनके शिकारों में हाथी के बच्चे, गाय, हिरन, भैंस, बकरी आदि होते हैं.

जंगल में बाघ रोजाना कई किलोमीटर पैदल चलने से लेकर दौड़ लगाने तक का काम करते हैं, इस कारण ज्यादा मांस खाने पर भी वे फिट रहते हैं.