Apr 20, 2024, 05:36 PM IST

रावण को किसने दिया था ये नाम?

Kuldeep Panwar

रामायण में भगवान राम द्वारा माता सीता का हरण करने के लिए लंका पहुंचकर रावण का वध करके असत्य पर सत्य को जीत दिलाने की कथा है.

रावण रामायण में विलेन था, लेकिन वास्तव में वह महाज्ञानी ब्राह्मण था. खुद भगवान राम ने लक्ष्मण को अंतिम सांस ले रहे रावण से ज्ञान लेने भेजा था.

क्या आप जानते हैं कि प्रकांड पंडित रावण का असली नाम यह नहीं था. रावण का असली नाम दशग्रीव था, जिसका अर्थ दस सिर वाला होता है.

रावण को दशानन (दस सिर वाला) भी कहा जाता था. रावण को यह नाम कैसे मिला था, जिसका मतलब तेज आवाज में दहाड़ने वाला होता है. 

वाल्मिकी रामायण के उत्तरकांड के सर्ग संख्या 16 में बताया गया है कि रावण को यह नाम भगवान शिव ने उसकी अटूट भक्ति देखकर दिया था.

रावण ने कैलाश पर्वत को भगवान शिव व मां पार्वती समेत उठाने की कोशिश की थी, पर शिव के अंगूठा दबाने से रावण के हाथ कैलाश के नीचे दब गए.

हाथ दबने से रावण को बेहद दर्द हुआ और वह इतनी तेज आवाज में चिल्लाया कि उसकी आवाज सुनकर तीनों लोकों के प्राणी कांप उठे.

रावण ने तब एक हजार साल तक भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की. उसने तांडव स्तोत्र की रचना की और उसे गाता रहा.

शिव ने प्रकट होकर कहा, तुम्हारे भयानक आर्तनाद से तीनों लोक भयभीत हो उठे, इसलिए राक्षसराज आज से तुम रावण के नाम से पुकारे जाओगे.

शिव ने कहा, इस भूतल पर निवास करने वाले सभी प्राणी, देवता और यक्ष इस प्रकार समस्त लोकों को रुलाने वाले तुम दशग्रीव को रावण कहेंगे.

भगवान शिव के वरदान के बाद से ही दशग्रीव को सभी रावण कहने लगे और उसका लिखा तांडव स्तोत्र शिव पूजा में बेहद अहम माना जाने लगा.