Feb 27, 2024, 11:08 PM IST

जब माता सीता के तप से मुस्कुराने लगी थी देवी की प्रतिमा

Smita Mugdha

सीताजी ने पुष्पवाटिका में श्रीराम को देखा और ईश्वर से प्रार्थना करने लगीं कि प्रभु श्रीराम ही उनके पति बनें. 

माता सीता को पिता जनकराज का शिव धनुष संबंधी प्रण याद आया और वह अधीर हो उठी थीं. 

इसके बाद गौरी जी की प्रतिमा के सामने बैठ घंटों प्रार्थना करने लगीं कि उन्हें भी शिवजी जैसा पति मिले. 

कहते हैं कि माता सीता का तप और श्रीराम को पाने के लिए ऐसी अधीरता देखकर पार्वती जी मुस्कुरा उठी थीं. 

माता सीता के इस तप में इतना तेज था कि पार्वती जी के मुस्कुराने पर उनकी प्रतिमा के होंठों पर भी मुस्कान खिल गई थी. 

पार्वती जी ने सीता माता को आशीर्वाद दिया था कि उनका विवाह प्रभु श्रीराम से ही होगा. 

मान्यता है कि सीताजी और श्रीराम के विवाह में स्वर्ग से देवताओं ने फूल बरसाए थे और शिव-पार्वती ने आशीर्वाद दिया था.

सीता माता और प्रभु श्रीराम जब वनवास के लिए निकले, तो शिवजी और पार्वती जी ने दोनों को आशीर्वाद दिया था.

वनवास में भी पार्वती जी के दिव्य आशीर्वाद की वजह से माता सीता के पास बहुत सी शक्तियां थीं.