Feb 21, 2024, 10:38 PM IST

राम-सीता विवाह में कौशल्या ने इस वजह से नहीं दिया था कोई तोहफा

Smita Mugdha

श्रीराम और सीता माता के विवाह में देवताओं और भूलोक के सभी राजाओं ने उपहार दिए थे. 

माता सीता को मुंहदिखाई में कैकेयी ने कनक महल दिया था जिसमें सिर्फ चुनिंदा लोगों को ही प्रवेश की अनुमति होती थी. 

क्या आप जानते हैं कि प्रभु श्रीराम की मां और सीता जी की सास कौशल्या ने अपनी बहू को कोई कीमती तोहफा नहीं दिया था.

दरअसल कौशल्या ने शादी के बाद रस्म के मुताबिक बहू को तोहफे में अपने बेटे श्रीराम का हाथ थमाया था. 

मान्यता है कि कौशल्या ने कहा कि उनके बेटे से ज्यादा कीमती और कुछ नहीं है, इसलिए वह शादी के उपहार में अपना बेटा उन्हें सौंप रही हैं. 

कौशल्या ने सीता जी से वचन लिया था कि वह जीवन भर श्रीराम का साथ देंगी और उनके सुख-दुख की भागीदार बनेंगी. 

इसके अलावा, मान्यता यह भी है कि राजा दशरथ को अपने विवाह में जो गांव राम के ननिहाल से मिले थे, वो गांव उन्होंने सीता माता को दिया था.

सीता माता ने विवाह के बाद अपनी सासू मां को जो वचन दिया था उसका उन्होंने हमेशा पालन किया. 

सासू मां को श्रीराम का साथ निभाने के लिए दिए वचन को पूरा करने के लिए वह वनवास में भी साथ ही रहीं.